फलों का सेवन अच्छी सेहत के लिए बहुत जरूरी माना गया हैं। बाजार में कई प्रकार के फल पाए जाते हैं जिसमें सभी की अपनी विशेषता होती है। वैसे तो सभी फलों का सेवन किया जाना चाहिए लेकिन अपने शरीर से जुड़ी परेशानी के अनुसार फलों का सेवन किया जाए तो सेहत को अच्छे परिणाम मिलते हैं। आज इस कड़ी में हम बात करने जा रहे हैं किवी के बारे में जिसमें मौजूद बैक्टीरियल-रोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुण आपकी सेहत को फायदा पहुंचाते हैं। आज इस कड़ी में हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस तरह किवी का सेवन आपकी परेशानियों को दूर करेगा।
प्रतिरक्षा प्रणाली होगी मजबूत किवी फल विटामिन सी और विभिन्न पॉलीफेनोल की उपस्थिति के कारण प्रतिरक्षा को बढ़ाने में भी मदद करता है। अनुसंधान में पाया गया है कि जिन व्यक्तियों ने प्रतिदिन तीन बार कीवी फल का सेवन किया और इस बीच किसी भी अन्य फल, रस या पूरक का सेवन नहीं किया, उन लोगों में ऑक्सीडेटिव तनाव बहुत कम था। किवी फल में विटामिन सी के अलावा विटामिन ई और पॉलीफेनोल जैसे कैफीइक एसिड, क्वेरसेटिन, एपिकैटचिन और नारिनजेनिन पाए जाते हैं। इन एंटीऑक्सीडेंट और पॉलीफेनॉल के कारण हृदय रोगों से सुरक्षा होती है और लिपिड प्रोफ़ाइल भी कम होता है।
हृदय को बनाए दुरुस्त अनियंत्रित प्लाज्मा ग्लूकोज का स्तर, कुल कोलेस्ट्रॉल का उच्च स्तर, ट्रायग्लिसराइड्स का उच्च स्तर, मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर और प्लेटलेट एकत्रीकरण आम तौर से हृदय रोग की समस्या का कारण होते हैं। अनुसंधान में देखा गया है कि कीवी में मौजूद विटामिन, खनिज, एंटीऑक्सीडेंट और पॉलीफेनॉल हृदय रोगों के खतरे को कम करते हैं। हालांकि विभिन्न फलों में एंटीऑक्सीडेंट और पॉलीफेनॉल का अलग-अलग अनुपात होता है। 2004 में प्रकाशित एक अध्ययन में बताया गया है कि कीवी में अधिक मात्रा में पॉलीफेनोल और एंटीऑक्सीडेंट (विटामिन सी और विटामिन ई) होते हैं। इस अध्ययन में यह भी पाया गया कि प्रतिदिन 2 से 3 किवी का सेवन करने से प्लेटलेट एकत्रीकरण और ट्राइग्लिसराइड का स्तर कम हो गया। इस प्रकार रोजाना कीवी का उपयोग हृदय को सुरक्षित रखता है और हृदय रोग की समस्या से छुटकारा दिला सकता है।
प्रेगनेंसी में फायदेमंद यह यदुभुत फल विशेष रूप से माताओं के लिए अच्छा होता है। यह उन्हें आवश्यक पोषण देकर गर्भपात की संभावना को कम करता है। कीवी गर्भवती महिला से महत्वपूर्ण विटामिन उसके बच्चे तक स्थानांतरित करने में मदद करता है। यह स्पाइना बिफिडा (ऐसी स्थिति जहां रीढ़ की हड्डी पूरी तरह से विकसित नहीं होती है) जैसे जन्म दोषों को रोकता है। इसके अतिरिक्त कीवी में फोलेट पाया जाता है। ये पोषक तत्व गर्भ में पल रहे बच्चे के स्वास्थ्य और विकास के लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं।
रक्त चाप को रखे कम
किवी में पोटैशियम की अधिक मात्रा होती है जिस कारण यह उच्च रक्तचाप को कम करने में लाभकारी हो सकता है। उच्च रक्तचाप वाले लोगों में हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा रहता है। इसलिए इन रोगों के खतरे को कम करने के लिए रक्तचाप का स्तर सामान्य रखना बहुत जरूरी है। किन्तु जिन लोगो को निम्न रक्तचाप की समस्या है उन्हें किवी का सावधानी से करना चाहिए क्योंकि यह रक्तचाप को और कम कर सकता है। 2015 में प्रकाशित एक अध्ययन में किवी और सेब के ब्लड प्रेशर पर प्रभाव की तुलना की गई थी। अध्ययन में देखा गया कि जिन लोगों ने प्रतिदिन किवी का सेवन किया उनके रक्तचाप में कमी आई थी। किवी एंटीऑक्सीडेंट और पोटेशियम में समृद्ध है जो रक्तचाप से पीड़ित लोगों में वाहिकाप्रसरण (रक्त वाहिनियों में कोशिकाओं को शिथिल करता है जिससे रक्त का प्रवाह बढ़ता है) की तरह काम करते हैं और इस कारण रक्तचाप में कमी आती है।
कोलेस्ट्रॉल को करता हैं कम हाइपरलिपीडेमिया (उच्च कोलेस्ट्रॉल) आज के समय में एक आम समस्या हो गई है और यह दुनिया भर में तेजी से बढ़ रही है। बदला हुआ लिपिड प्रोफाइल हृदय रोगों के खतरे को बढ़ाता है। इसलिए एलडीएल और कुल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रण में अच्छी तरह से रखना जरूरी है। 2009 में प्रकाशित एक अध्ययन में कीवी फल के लिपिड प्रोफाइल और लिपिड पेरोक्सीडेशन के अंकों पर प्रभावों की जांच की गयी थी। अध्ययन में पाया गया कि बदलते लिपिड प्रोफाइल वाले लोगों ने हर सप्ताह दो किवी फलों का सेवन 8 सप्ताह तक किया। इसमें पाया गया कि उनके एलडीएल (ख़राब) कोलेस्ट्रॉल के साथ कुल कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम हो गया और एचडीएल (अच्छा) कोलेस्ट्रॉल का स्तर काफी बढ़ गया। इस प्रकार लिपिड प्रोफ़ाइल वाले लोग निश्चित रूप से कीवी का अपने दैनिक आहार में सेवन कर सकते हैं।
पेट की समस्या में लाभदायक आज के समय में कब्ज एक आम समस्या हो गई है जिसके कारण मल त्यागने में कठिनाई होती है। किवी फल में फाइबर के साथ-साथ पेट साफ करने का गुण भी होता है। अनुसंधान ने पाया गया है कि कीवी फल के रोजाना सेवन से पुरानी कब्ज से पीड़ित व्यक्तियों में बिना किसी नुकसान के मल त्यागने की प्रक्रिया बढ़ जाती है। किवी में मौजूद आहार फाइबर में पानी की उच्च मात्रा होती है जो पेट में मल ढीला करती है। इस प्रकार पेट पर बिना किसी दबाव के मल मल त्यागने की प्रक्रिया आसान हो जाती है। अनुसंधान ने दिखाया है कि कीवी फल के रोजाना सेवन से पुरानी कब्ज से पीड़ित व्यक्तियों में बिना किसी नुकसान के मल त्यागने की प्रक्रिया बढ़ जाती है। किवी में मौजूद आहार फाइबर में पानी की उच्च मात्रा होती है जो पेट में मल ढीला करती है। इस प्रकार पेट पर बिना किसी दबाव के मल त्यागने की प्रक्रिया आसान हो जाती है।
सर्दी-बुखार में फायदेमंद सर्दी और श्लैष्मिक ज्वर एक आम संक्रमण हैं जो कुपोषण और कम प्रतिरक्षा के कारण होते हैं। इसके अलावा खराब पोषक तत्वों की कमी के साथ साथ बढ़े हुए ऑक्सीडेटिव तनाव से संक्रमण का खतरा और बढ़ जाता है। किवी फल में विटामिन सी की मात्रा होने के कारण यह श्वसन प्रणाली से जुडी कई समस्याओं को कम करता है। कई वैज्ञानिक के अनुसार सर्दियों के दौरान ब्रोंकाइटिस के लक्षणों विटामिन सी के कम सेवन से संबंधित हैं। खासकर उन बच्चों में जिनको पहले से ही अस्थमा, ब्रोंकाइटिस या सांस लेने की समस्या है। 2012 में प्रकाशित एक अध्ययन में यह पता चला है कि रोज़ाना गोल्ड कीवी फल का सेवन करने वाले लोगों में ऊपरी श्वसन पथ के संक्रमण जैसे कफ का जमना और गले में खराश की समस्या रोज़ाना केले का सेवन करने वाले लोगों की तुलना में कम थी। किवी की फसल स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं और संक्रमण की रोकथाम करने में मदद करती है।