उम्र कोई भी हो बेस्ट एक्सरसाइज हैं वॉकिंग, जानें इससे सेहत को मिलने वाले 8 फायदे

वॉकिंग अर्थात चहलकदमी करना एक बेहतरीन एक्सरसाइज माना गया हैं। सुबह-सुबह वॉकिंग या शाम के वॉकिंग सेहत के लिए लाभकारी माना जाता हैं। डॉक्टर्स लगातार अच्छी सेहत के लिए वॉकिंग करने की सलाह देते हैं। लाइफस्टाइल में वॉकिंग को शामिल कर इसे सेहतमंद बनाया जा सकता हैं। आपकी उम्र जो भी हो जीवन के हर पड़ाव पर वॉकिंग को बेस्ट एक्सरसाइज के तौर पर देखा जाता हैं। आज इस कड़ी में हम आपको वॉकिंग से मिलने वाले फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें जान आप भी आज से ही वॉकिंग करना शुरू कर देंगे।

वजन कम करने में सहायक

अगर आप एक आसान तरीके से हेल्दी वेट को मेंटेन करना चाहते हैं तो ऐसे में वॉकिंग का सहारा लें। 30 मिनट की ब्रिस्क वॉक से 200 कैलोरी बर्न होती है। इस तरह नियमित रूप से वॉकिंग कैलोरी बर्न करके आपकी बॉडी को मेंटेन रखती है।

मसल्स होती हैं मजबूत

वॉकिंग आपके पैर और पेट की मांसपेशियों को टोन करता हैं। यहां तक कि अगर आप चलते समय हाथों को पंप करते हैं, तो यह हाथ की मांसपेशियों को भी मजबूत बनाता है। यह आपके जोड़ों से दबाव और वजन को आपकी मांसपेशियों में स्थानांतरित करता है। इस तरह आपकी मसल्स अधिक मजबूत बनती हैं।

बेहतर होता है ब्लड सर्कुलेशन

वॉकिंग आपके ब्लड सर्कुलेशन और हार्ट के लिए काफी अच्छा माना गया है। अगर आप नियमित रूप से वॉक करते हैं तो इससे हृदय गति तेज होती है, रक्तचाप अच्छा होता है और हृदय मजबूत होता है। इतना ही नहीं, रजोनिवृत्ति के बाद की महिलाएं जो दिन में सिर्फ एक से दो मील चलती हैं, उनका रक्तचाप 24 सप्ताह में लगभग 11 अंक तक कम हो सकता है। बोस्टन में हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के शोधकर्ताओं ने पाया कि जो महिलाएं दिन में 30 मिनट चलती हैं, उनमें स्ट्रोक का खतरा 20 से 40 प्रतिशत तक कम हो सकता है।

बोन हेल्थ के लिए लाभदायक

आपको शायद सुनकर हैरानी हो लेकिन वॉकिंग आपकी हड्डियों का भी ख्याल रखती है। चलने से ऑस्टियोपोरोसिस वाले लोगों के लिए हड्डियों के नुकसान को रोका जा सकता है। इतना ही नहीं, रजोनिवृत्ति के बाद की महिलाओं के एक अध्ययन में पाया गया कि प्रत्येक दिन 30 मिनट चलने से उनके कूल्हे के फ्रैक्चर का खतरा 40% तक कम हो जाता है।

मिलती है बेहतर नींद

आज के समय में अधिकतर लोग किसी ना किसी तरह की स्लीप प्रॉब्लम्स से जूझ रहे हैं। लेकिन आप उससे नेचुरल तरीके से निपटना चाहते हैं तो वॉकिंग करने की आदत डालें। कई अध्ययनों से पता चला है कि 50 से 75 वर्ष की आयु की महिलाएं, जो एक घंटे की सुबह की सैर करती हैं, उन्हें उन महिलाओं की तुलना में अनिद्रा से राहत पाने की अधिक संभावना थी, जो पैदल नहीं चलती थीं। इस तरह वॉकिंग और स्लीप भी आपस में कनेक्टेड हैं।

बढ़ती है ब्रीदिंग पावर

आपने शायद नोटिस किया होगा कि जब आप लगातार चलते हैं तो इससे आपका ब्रीदिंग रेट बढ़ता है। जिससे ऑक्सीजन रक्तप्रवाह के माध्यम से तेजी से आपकी बॉडी में यात्रा करती है। जब ऐसा होता है तो आपको कई फायदे मिलते हैं। सबसे पहले तो इसे वेस्ट प्रोडक्ट्स को खत्म करने में मदद मिलती है। वहीं, इससे आपके ऊर्जा का स्तर बढ़ता है और बॉडी की हीलिंग पावर पर भी इसका सकारात्मक असर पड़ता है।

अल्जाइमर का खतरा खत्म

बढ़ती उम्र में व्यक्ति को अल्जाइमर होने का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है। लेकिन वॉकिंग के जरिए इसे काफी हद तक कम किया जा सकता है। दरअसल, चार्लोट्सविले में वर्जीनिया स्वास्थ्य प्रणाली विश्वविद्यालय के एक अध्ययन में पाया गया कि 71 से 93 वर्ष की आयु के पुरुष जो प्रति दिन एक चौथाई मील से अधिक चलते हैं, उनमें कम चलने वालों की तुलना में मनोभ्रंश और अल्जाइमर रोग की घटनाएं कम होती हैं।

ज्वाइंट्स के लिए लाभदायक

ज्वाइंट्स के लिए भी वॉकिंग को लाभदायक माना गया है। दरअसल, अधिकांश ज्वाइंट कार्टिलेज में रक्त की सीधी आपूर्ति नहीं होती है। यह अपना पोषण ज्वाइंट फलूइड से प्राप्त करता है, जो हमारे चलते ही घूमता है। इस तरह चलने-फिरने से आपके कार्टिलेज पर सकारात्मक असर पड़ता है और घुटनों से संबंधित समस्याएं कम होती हैं।