त्रिफला तीन आयुर्वेदिक जड़ी बूटी आंवला, बहेड़ा और हरड़ के मिश्रण से तैयार होता है। त्रिफला चूर्ण को आयुर्वेद में शरीर का कायाकल्प करने वाला रसायन औषधि माना गया है।चिकित्सकों की सलाह होती है कि त्रिफला का सेवन बिना चिकित्सीय परामर्श के नहीं करना चाहिए। कई बार अधिक मात्रा में त्रिफला का सेवन सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। त्रिफला का इस्तेमाल आमतौर पर लोग कब्ज़ दूर करने के लिए करते हैं। पेट के अलावा भी इसे खाने से कई रोगों में राहत मिलती है जिसके बारे में नीचे आपको पूरी जानकारी दी जा रही है।
कमजोरी दूर करेंशारीरिक दुर्बल व्यक्ति के लिए त्रिफला का सेवन रामबाण साबित होता है। इसके सेवन करने वाली व्यक्ति की याद्दाश्त भी अन्य लोगों के मुकाबले तेज होती है। इसका सेवन करने से दुर्बलता कम होती है। दुर्बलता को कम करने के लिए त्रिफला को हरड़, बहेड़ा, आंवला, घी और शक्कर को मिलाकर खाना चाहिए।
इम्यूनिटी बूस्ट करेत्रिफला चूर्ण का सेवन मानव शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। दरअसल, इसमें इम्यूनिटी माड्यूलेट्री एक्टिविटी पाई जाती है जो इम्यून सेल्स को एक्टिव करके उन्हें मजबूत बनाने में मदद करती है। यदि आपके शरीर में दुर्बलता है तो भी त्रिफला चूर्ण का सेवन कर आप अपने शरीर का कायाकल्प कर सकते हैं।
ओरल हेल्थ के लिएत्रिफला चूर्ण की मदद से आप ओरल हेल्थ से जुड़ी किसी भी परेशानी से छुटकारा पा सकते हैं। दरअसल, त्रिफला चूर्ण में एंटीकैरीज एक्टिविटी पाई जाती है जो दांतों को खराब होने से बचाए रखने का गुण रखता है। इसके अलावा अगर ब्रश करते हुए आपके मसूड़ों से खून निकलने लगता है तो इस समस्या से निजात पाने के लिए भी आप त्रिफला चूर्ण का इस्तेमाल कर सकते हैं।
हाई ब्लड प्रेशर में राहतत्रिफला का सेवन करने से हृदय रोग और उच्च रक्तचाप में आराम मिलता है। यदि आप भी उच्च रक्तचाप से परेशान है तो रोजाना तीन से चार ग्राम त्रिफला के चूर्ण का सेवन रात को सोते समय दूध के साथ कर लें। इसके नियमित इस्तेमाल से कुछ ही दिनों में राहत मिलेगी।
डायबिटीज के लिए मददगारत्रिफला के नियमित सेवन से खून में मौजूद ब्लड ग्लूकोज के स्तर को कम किया जा सकता है। जिसके कारण डायबिटीज का खतरा कम हो जाता है। इसके अतिरिक्त इसमें एंटी डायबेटिक गुण भी पाया जाता है, जो टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम से भी बचाए रखने में मदद कर सकता है।
कब्ज से राहतआजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी, अनियमित खान-पान और तनाव भरे माहौल में ज्यादातर लोग कब्ज व शारीरिक सुस्ती से ग्रस्त रहते हैं। ऐसे में गुनगुने पानी के साथ त्रिफला का सेवन फायदा पहुंचाता है।
नेत्र रोग से राहत मिलेत्रिफला के चूर्ण का सेवन आखों से जुड़ी समस्यओं से निजात पाने में मदद करता है। त्रिफला के चूर्ण को पानी में डालकर आखों को धोने से आखों की परेशानी दूर होती है। मोतियाबिंद, आखों की जलन, आखों का दोष और लंबे समय तक आखों की रोशनी को बढ़ाए रखने के लिए 10 ग्राम गाय के घी में एक चम्मच त्रिफला चूर्ण और पांच ग्राम शहद को मिलाकर सेवन करें।
चर्म रोग दूर करेंचर्म रोग जैसे दाद, खाज, खुजली, फोड़े-फुन्सी की समस्या में सुबह-शाम 6 से 8 ग्राम त्रिफला चूर्ण खाने से फायदा होता है।
सिर दर्द में गुणकारीत्रिफला, हल्दी, चिरायता, नीम के अंदर की छाल और गिलोय को मिला कर बनें मिश्रण को आधा किलो पानी में पकाएं। ध्यान रहे इसे 250 ग्राम रहने तक पकाते रहें। अब इसे छानकर कुछ दिन तक सुबह व शाम के समय गुड़ या शक्कर के साथ सेवन करने से सिर दर्द कि समस्या दूर होती है।
मोटापे से राहतत्रिफला का सेवन मोटापे को कम करने में मदद करता है। मोटापा कम करने के लिए त्रिफला के गुनगुने काढ़े में शहद मिलाकर लें। इसके अलावा त्रिफला चूर्ण को पानी में अच्छे से उबालकर, शहद मिलाकर पीने से शरीर की चर्बी कम होती है।
डिटॉक्स के रूप मेंत्रिफला का सेवन शरीर में मौजूद हानिकारक तत्व को बाहर निकालने में मदद करता है। इसके लिए आप रात में त्रिफला चूर्ण को एक गिलास पानी में घोलकर पीएं। आपको कुछ ही दिन में इसका असर देखने को मिलेगा।