अरबी के पत्ते: कोलेस्ट्रॉल को तो रखता ही है कंट्रोल में, लेकिन इसके सेवन के और भी कई फायदें

अरबी का वैज्ञानिक नाम कोलोकेसिया एस्क्युलेंटा है। इसका सेवन सब्जी के तौर पर किया जाता है। अरबी के पत्ते भी खाने के लिए उपयुक्त होते हैं लेकिन ध्यान रहे अरबी के पत्ते की सतह से एलर्जी हो सकती है और त्वचा पर जलन या खुजलाहट सी हो सकती है। ऐसे में इसके सेवन से पहले पत्तियों को अच्छी तरह से धो कर उबाल ले। अरबी के पत्तों को ठीक से पकाया नहीं जाए तो ये विषाक्त हो सकते हैं। आज हम आपको अपने इस लेख से अरबी के पत्तों के सेवन से होने वाले फायदों के बारे में बताने जा रहे है।

अरबी के पत्तों में विटामिन ए, बी, सी, कैल्शियम, पोटैशियम और ऐंटि-ऑक्सिडेंट भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो शरीर के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। इसके सेवन से आप शरीर की कई समस्याओं से निजात पा सकते हैं।

अरबी के पत्तों में विटामिन ए की मात्रा बहुत अधिक होती है। यदि आप एक कप अरबी के पत्तों का सेवन करते है तो आपको दैनिक जरूरत के मुकाबले 100 प्रतिशत से भी अधिक विटामिन ए मिल जायेगा। इन पत्तियों में विटामिन सी और विभिन्न किस्म के विटामिन बी जैसे, थायमिन, राइबोफ्लेविन और फोलेट भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसके अलावा इन पत्तियों में मैंगनीज, तांबे, पोटैशियम, लौह और कैल्शियम की भी प्रचुर मात्रा पाई जाती है। एक कप अरबी के पत्ते में सिर्फ 35 कैलोरी होती है जबकि फाइबर की ठीक-ठाक मात्रा में पाया जाता है और वसा बहुत कम होती है। पकाने के बाद अरबी के पत्तों को पचाना बहुत आसान हो जाता है।

पाचन को रखे बेहतर

जैसा की हमने आपको पहले ही बता दिया कि अरबी के पत्ते फाइबर से भरपूर होते हैं इसलिए पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में बहुत मददगार हैं। इनमें मौजूद फाइबर मल बढ़ाता है और आंतों की गतिविधियों को सामान्य बनाता है। इस तरह यह पाचन तंत्र की कुछ समस्याओं आईबीएस (इरिटेबल बोवेल सिंड्रोम) और कब्ज से बचाता है। इसके अलावा, अरबी के पत्तों में पाया जाने वाला प्राकृतिक फाइबर कोलन कैंसर का खतरा भी कम करने में लाभकारी साबित हो सकता है।

ऐसिडिटी की समस्या से दिलाए निजात

अगर पेट से जुड़ी कोई समस्या है तो अरबी के पत्तों का सेवन फायदेमंद साबित हो सकता है। इसके लिए पत्ते को डंठल के साथ लेकर पानी में उबाल लें। इस पानी में थोड़ा घी मिलाकर 3 दिनों तक कम से कम दो बार जरुर सेवन करे।

बढ़ाएं आँखों की रोशनी

अरबी के पत्तों में विटामिन ए की मात्रा अधिक होती है। यह आँखों की रोशनी तेज बनाये रखने के साथ-साथ मायोपिया (निकट दृष्टि दोष), अंधापन और मोतियाबिंद जैसी आंखों की विभिन्न समस्याओं की रोकथाम में मदद करता है। इसके सेवन से आंखों की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है।

जोड़ों का दर्द

अगर जोड़ों में ज्यादा दर्द रहता है, तो रोजाना अरबी पत्ते का सेवन करना चाहिए। दर्द में राहत मिलेगी।

ब्लड प्रेशर

अरबी के पत्ते ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करते हैं। तनाव को कम करने में भी इसका सेवन फायदेमंद रहता है।

वजन कम

वजन कम करने के लिए भी अरबी के पत्ते काफी कारगार हैं। इसमें मौजूद फाइबर मेटाबॉलिज़म को सक्रिय बनाते हैं, जिससे वजन को काफी हद तक कंट्रोल में रखा जा सकता है।

हाई कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मददगार

यदि आप उच्च कोलेस्ट्रॉल की समस्या से पीड़ित हैं तो अरबी के पत्तों का सेवन फायदेमंद रहता है। अरबी के पत्तों में कोलेस्ट्रॉल बिलकुल नहीं होता है जबकि वसा (फैट) मात्र एक प्रतिशत होती है। अरबी के पत्तों में मौजूद मेथियोनीन और फाइबर, ट्राइग्लिसराइड को तोड़कर कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करते हैं। इसके लिए आप अरबी के पत्ते को धोकर, सुखाकर और पीसकर पाउडर बना लें और रोजाना सुबह या शाम में दूध या पानी में मिलाकर पिएं।

स्वस्थ ह्रदय के लिए

अरबी में मौजूद फाइबर रक्त वाहिनियों में कोलेस्ट्रॉल और वसा जमा होने से रोकता है जबकि इसमें उपस्थित पोटैशियम रक्तचाप को सामान्य बनाए रखने में मदद करता है। इसके साथ ही इसमें सैचुरेटेड फैट की मात्रा भी कम होती है। यह रक्त में होमोसिस्टिन के स्तर को कम करता है और हृदय की समस्याओं और स्ट्रोक से बचाने में मदद करता है। इसलिए, यदि आप अपनी धमनियों को सख्त होने से रोकना चाहते हैं तो इस सब्जी का सेवन नियमित रूप से करें।

एनीमिया

एनीमिया (शरीर में आयरन की कमी) से पीड़ित लोगों को रोजाना अरबी या इसके पत्तों का सेवन करना चाहिए। इससे न सिर्फ आयरन की कमी पूरी होती है बल्कि थकान और कमजोरी से भी बचाव होता है। आयरन शरीर के लिए अनिवार्य खनिजों में से एक है क्योंकि यह आरबीसी (लाल रक्त कोशिकाएं) बनाने जैसी बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके अलावा यह शरीर के विभिन्न अंगों तक ऑक्सीजन पहुँचाने का काम भी करता है।

झुर्रियों को दूर

अरबी और इसके पत्तों का सेवन झुर्रियां पड़ने बचाता है और साथ ही त्वचा को भी जवान बनाने में मदद करता है। इसमें एमिनो एसिड, थ्रेओनिन की भरपूर मात्रा में पाया जाता है। यह कोलेजन और इलास्टिन बनने में मदद करता है और ये दोनों स्वस्थ त्वचा के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं।

डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।