भारतीय चिकित्सा पद्धति में आयुर्वेद का महत्वपूर्ण स्थान हैं जिसमें बताई गई कई औषधियां सेहत को फायदा पहुंचाने का काम करती हैं। इन्हीं औषधियों में से एक हैं गिलोय जिसमें मौजूद गुण शरीर की कई बीमारियों को दूर करने का काम करते हैं। गिलोय आंतों और मूत्र प्रणाली के साथ-साथ पूरे शरीर को प्रभावित करने वाले रोगाणुओं को भी खत्म करता है। कोरोना काल में तो इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए लोगों ने गिलोय का बहुत अधिक सेवन किया था। गिलोय के फायदे कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में देखे जा सकते हैं जिनके बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं। आइये जानते हैं उन बीमारियों के बारे में जिनमें गिलोय फायदेमंद साबित होती हैं।
प्रतिरोधक क्षमता बढाने में फायदेमंद
प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने से व्यक्ति बीमारी की चपेट में जल्दी आ जाता है। ऐसे में गिलोय का सेवन लाभकारी साबित हो सकता है। बताया जाता है कि गिलोय के औषधीय गुण में से एक इम्यूनोमॉड्यूलेटरी प्रभाव भी है, जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद कर सकता है। इस आधार पर माना जा सकता है कि गिलोय के लाभ प्रतिरोधक क्षमता के लिए भी हैं। प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में गिलोय जूस के फायदे ज्यादा देखे जाते हैं।
आंखों के रोग में फायदेमंद
गिलोय के औषधीय गुण आंखों के रोगों को दूर करने में काफी मदद करते हैं। 10 मिलीलीटर गिलोय के रस में 1-2 ग्राम शहद और सेंधा नमक मिलाएं और इसे अच्छी तरह से पीसकर पेस्ट बना लें। आंखों पर काजल की तरह लगाएं। इससे अँधेरे, खुजली और काले-सफेद मोतियाबिंद के रोग ठीक हो जाते हैं। गिलोय के रस में त्रिफला मिलाकर काढ़ा बना लें। 10-20 मिलीलीटर काढ़े में एक ग्राम पिप्पली का चूर्ण और शहद मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से आंखों की रोशनी बढ़ती है। गिलोय का सेवन करते समय एक बात का ध्यान रखना चाहिए कि सही मात्रा में और सही तरीके से सेवन करने पर ही इसका फायदा हो सकता है।
डायबिटीज में फायदेमंद
डायबिटीज की समस्या में भी गिलोय के फायदे हो सकते हैं। इसके लिए गिलोय में मौजूद एंटी-हाइपरग्लाइसेमिक यानी ब्लड शुगर को कम करने वाले प्रभाव को फायदेमंद माना जाता है (2)। यही कारण है कि यह शरीर में इंसुलिन की सक्रियता को बढ़ाकर ब्लड शुगर को नियंत्रित कर सकता है। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि गिलोय जूस के फायदे डायबिटीज में भी हो सकते हैं।
इम्यून सिस्टम में फायदेमंद
गिलोय को इम्युनिटी बूस्टर के रूप में भी जाना जाता है। गिलोय में ऐसे गुण पाए जाते हैं जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में कारगर साबित होते हैं। गिलोय का रोजाना सेवन करने से आप कई बीमारियों से छुटकारा पा सकते हैं और इम्यून सिस्टम को मजबूत कर सकते हैं।
कान के रोग में फायदेमंद
गिलोय के तने को पानी में घिसकर गर्म होने के लिए छोड़ दें। 1-2 बूंद दिन में दो बार कान में डालने से कान की गंदगी दूर हो जाती है। कान के रोग को दूर करने के लिए गिलोय बहुत हु अच्छा माना जाता है अगर सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए तो इसका अच्छा परिणाम जल्द मिलने लगता है, गिलोय के औषधीय गुण बिना किसी नुकसान के कान से मैल निकालने में मदद करते हैं।
डेंगू में फायदेमंद
गिलोय को औषधीय गुणों का भंडार माना जाता है। इसमें कई ऐसे रसायन होते हैं, जिनके कारण यह इम्यूनोमॉड्यूलेटरी प्रभाव प्रदर्शित करता है। यह प्रभाव शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर कई बीमारियों से लड़ने की क्षमता देता है। इन बीमारियों में मलेरिया और डेंगू जैसे वायरल इंफेक्शन भी शामिल हैं। इस कारण डेंगू की समस्या से राहत पाने में गिलोय के फायदे बताए जा सकते हैं।
टीबी की बीमारी में फायदेमंद
गिलोय के औषधीय गुण टीबी की बीमारी से निजात दिलाने में मदद करते हैं, लेकिन इन्हें दवा के रूप में बनाने के लिए अश्वगंधा, गिलोय, शतावर, दशमूल, बालमूल, अडूसा, पोहकरमूल और आतिस को बराबर मात्रा में लेकर काढ़ा बना लें। 20 से 30 मिलीलीटर काढ़ा सुबह-शाम सेवन करने से टीवी रोग ठीक हो जाता है। इस दौरान दूध का सेवन करना चाहिए।
अस्थमा में फायदेमंद
अस्थमा की समस्या में राहत पाने के लिए भी गिलोय के लाभ हो सकते हैं। माना जाता है कि इसमें शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के साथ श्वास संबंधी समस्याओं जैसे अस्थमा के लक्षणों को कम करने की भी प्रबल क्षमता मौजूद होती है। इसके लिए गिलाय के तने के जूस को शहद के साथ मिलाकर इस्तेमाल में ला सकते हैं।
तनाव में फायदेमंद
आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में तनाव कब हावी हो जाए पता ही नहीं चलता। ऐसे में गिलोय के सेवन से आप इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। गिलोय तनाव को कम करने में मदद करता है। गिलोय में ऐसे गुण होते हैं जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करते हैं। जिससे आपका दिमाग शांत रहता है और तनाव से मुक्ति मिलती है। आप इसका रोजाना सेवन करके इसका लाभ उठा सकते हैं।
गठिया में फायदेमंद गिलोय से फायदा गठिया की परेशानी में भी हो सकता है। विशेषज्ञों की मानें, तो गिलोय के गुण में एंटी-इंफ्लेमेटरी यानी सूजन को कम करने वाला प्रभाव होता है। साथ ही इसमें एंटी-अर्थराइटिक और एंटी-ऑस्टियोपोरोटिक यानी जोड़ों के दर्द और सूजन से राहत दिलाने वाले प्रभाव भी होते हैं। ये तीनों प्रभाव संयुक्त रूप से गठिया की समस्या को दूर करने में सहायक माने जाते हैं।
बवासीर में फायदेमंद
गिलोय और धनिया को बराबर भाग (20 ग्राम) लेकर आधा लीटर पानी में उबाल लें। जब एक चौथाई रह जाए तो उसे उबालकर काढ़ा बना लें। इस काढ़े को सुबह और रात में नियमित रूप से सेवन करें। इसका काढ़ा बनाकर पीने से ही गिलोय के फायदे पूरी तरह से मिल सकते हैं।