आज के फास्ट-फेसिंग और चैलेंजिंग लाइफस्टाइल में बहुत से लोग करियर, हेल्थ या पर्सनल कारणों से पैरेंट्स बनने का फैसला टाल देते हैं। लेकिन उम्र बढ़ने के साथ फर्टिलिटी यानी प्रजनन क्षमता पर असर पड़ता है। ऐसे में एग फ्रीजिंग और स्पर्म फ्रीजिंग जैसी आधुनिक तकनीकें आपके फ्यूचर फैमिली प्लानिंग में मदद कर सकती हैं। अफसोस की बात है कि अभी भी बहुत से लोगों को इन प्रोसेसेज़ की जानकारी नहीं होती।
क्या होती है एग और स्पर्म फ्रीजिंग?एग फ्रीजिंग में महिलाओं के अंडाणुओं (एग्स) को एक विशेष प्रक्रिया के तहत निकालकर सुरक्षित फ्रीजर में स्टोर किया जाता है ताकि वे भविष्य में गर्भधारण (Pregnancy) के लिए उपयोग किए जा सकें। वहीं, स्पर्म फ्रीजिंग पुरुषों के स्पर्म को लंबे समय तक सुरक्षित रखने का तरीका है, जिससे आने वाले समय में IVF या IUI जैसी तकनीकों के जरिए प्रेग्नेंसी संभव हो सके।
कितना आता है खर्च?एग फ्रीजिंग की प्रक्रिया में कई चरण होते हैं, जिनमें अलग-अलग खर्च आता है:
- एग निकालने की प्रक्रिया (Egg Retrieval): ₹30,000 से ₹80,000 तक
- दवाएं और हार्मोनल ट्रीटमेंट: ₹50,000 से ₹70,000 तक
- 1 साल के लिए एग स्टोरेज: ₹30,000 से ₹50,000 तक
कुल अनुमानित खर्च: ₹1.5 लाख से ₹2 लाख तक
स्पर्म फ्रीजिंग: खर्च, फायदे और जरूरी जानकारी एक जगहतेजी से बदलती लाइफस्टाइल, मेडिकल कंडीशंस और फैमिली प्लानिंग को लेकर बढ़ती जागरूकता के चलते अब स्पर्म फ्रीजिंग एक स्मार्ट विकल्प बन गया है। यह प्रक्रिया भविष्य में पितृत्व (fatherhood) की संभावना को सुरक्षित रखती है।
स्पर्म फ्रीजिंग में कितना खर्च आता है?
- एक बार स्पर्म कलेक्शन और फ्रीजिंग: ₹5,000 - ₹10,000
- हर साल की स्टोरेज फीस: ₹3,000 - ₹6,000
- 5 साल के लिए कुल अनुमानित खर्च: ₹20,000 - ₹40,000 तक
कब करवाया जाता है एग या स्पर्म फ्रीजिंग? - देर से शादी या करियर फोकस्ड लाइफस्टाइल में
- कैंसर ट्रीटमेंट (कीमोथेरेपी/रेडिएशन) से पहले
- हार्मोनल या अन्य मेडिकल समस्याओं के कारण
ट्रांसजेंडर ट्रांजिशन के दौरान- IVF या IUI की प्लानिंग को आगे शिफ्ट करने की स्थिति में
एग और स्पर्म फ्रीजिंग के फायदे- फर्टिलिटी (प्रजनन क्षमता) को लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है
- भविष्य में जब आप तैयार हों, तब पैरेंट बनने का विकल्प खुला रहता है
- मेडिकल ट्रीटमेंट के कारण फर्टिलिटी पर असर पड़े तो यह सहायक साबित हो सकता है
इसके कुछ रिस्क भी हैं - 100% सफलता की गारंटी नहीं होती
- महिलाओं में हार्मोनल ट्रीटमेंट के कारण साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं
- प्रक्रिया का खर्च कुछ लोगों के लिए ज्यादा हो सकता है
क्या इंश्योरेंस इस खर्च को कवर करता है?भारत में अभी ज्यादातर हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी फर्टिलिटी ट्रीटमेंट को कवर नहीं करती हैं। हालांकि, कुछ प्रीमियम हेल्थ प्लान्स अब IVF, एग फ्रीजिंग और स्पर्म फ्रीजिंग को शामिल करने लगे हैं। इसलिए कोई भी हेल्थ प्लान लेने से पहले इसके कवरेज की अच्छे से जांच जरूर करें।