आंध्र प्रदेश में बर्ड फ्लू से 2 साल की बच्ची की मौत, जानें बचाव के उपाय

आंध्र प्रदेश के पलनाडु जिले के नरसारोपेट कस्बे से बर्ड फ्लू का मामला सामने आया है। यहां मुर्गी का कच्चा मांस खाने से 2 साल की बच्ची की बर्ड फ्लू (H5N1) से मौत हो गई। यह राज्य में बर्ड फ्लू से हुई पहली मौत है और पूरे भारत में यह दूसरा मामला है। इससे पहले 2021 में हरियाणा में ऐसा मामला सामने आया था। रिपोर्ट के अनुसार, बच्ची को कच्चा चिकन खाने की आदत थी, जिससे उसकी इम्यूनिटी काफी कमजोर हो गई थी। बताया जा रहा है कि बच्ची को 4 मार्च को AIIMS-मंगलगिरी में भर्ती कराया गया था, जहां उसे बर्ड फ्लू के लक्षण थे। 16 मार्च को उसकी मौत हो गई। दूसरे दिन अधिकारियों ने टेस्ट की दोबारा पुष्टि की, तब जाकर यह मामला सामने आया। बच्ची के पिता एक प्राइवेट बैंक में लोन रिकवरी एजेंट हैं, और उसकी मां गृहिणी हैं।

ICMR ने की पुष्टि

पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने 24 मार्च को बर्ड फ्लू की पुष्टि की और आधिकारिक तौर पर मौत के कारणों की जानकारी साझा की। इसके साथ ही राज्य सरकार को भी अलर्ट कर दिया गया है।

गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम तैनात

बच्ची की मौत के बाद राज्य सरकार ने गांव और आसपास के इलाकों में सर्वे कराया है, लेकिन अब तक किसी और इंसान या मुर्गियों में संक्रमण के संकेत नहीं मिले हैं। इसके अलावा, केंद्र सरकार ने राज्य में जांच और रोकथाम के लिए टीम भेजी है, जो अगले दो हफ्तों तक सक्रिय रहेगी। स्वास्थ्य अधिकारियों ने भी दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

बर्ड फ्लू के लक्षण (Bird Flu Symptoms)

बर्ड फ्लू (H5N1) एक गंभीर वायरल संक्रमण है, जो पक्षियों से इंसानों में फैल सकता है। इसके लक्षण आमतौर पर फ्लू जैसी बीमारियों के समान होते हैं, लेकिन ये अधिक गंभीर हो सकते हैं। अगर आपको निम्नलिखित लक्षण महसूस हों, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें:

सांस लेने में तकलीफ होना

बर्ड फ्लू के संक्रमण से फेफड़ों में सूजन हो सकती है, जिससे सांस लेने में कठिनाई होती है। यह निमोनिया के लक्षणों के समान हो सकता है और गंभीर रूप से श्वसन प्रणाली को प्रभावित कर सकता है।

तेज बुखार

बर्ड फ्लू के सबसे सामान्य लक्षणों में से एक तेज बुखार है। बुखार 38°C (100.4°F) से ऊपर हो सकता है और इसे सामान्य बुखार के उपचार से नहीं ठीक किया जा सकता। यह संकेत हो सकता है कि शरीर वायरस से लड़ने की कोशिश कर रहा है।

शरीर में तेज दर्द

शरीर में असहनीय दर्द, खासकर मांसपेशियों में, बर्ड फ्लू का एक और लक्षण हो सकता है। यह फ्लू के कारण शरीर के तंत्रिका तंत्र की प्रतिक्रिया हो सकती है। इस दर्द के कारण मरीज को आराम करना मुश्किल हो सकता है।

सर्दी-जुकाम

जैसे सामान्य सर्दी-जुकाम में नाक बहना और गले में खराश होती है, वैसे ही बर्ड फ्लू में भी इन लक्षणों का सामना करना पड़ सकता है। बर्ड फ्लू में जुकाम अधिक गंभीर हो सकता है और इसके साथ तेज बुखार और सिरदर्द भी हो सकता है।

नाक बहना

बर्ड फ्लू के दौरान नाक से पानी जैसा स्राव (नाक बहना) हो सकता है। यह स्थिति फ्लू की शुरुआत का संकेत हो सकती है, जिसमें नाक और गले में सूजन हो जाती है। कभी-कभी, यह संक्रमण असामान्य रूप से नाक से खून निकलने का कारण भी बन सकता है।

आंखें लाल होना या जलन

बर्ड फ्लू के दौरान आंखों में जलन, लालिमा या पानी आना आम लक्षण हो सकते हैं। यह लक्षण वायरल संक्रमण के कारण आंखों में सूजन और जलन का संकेत हो सकते हैं। कभी-कभी आंखों में हल्की चिढ़चिढ़ाहट भी महसूस हो सकती है।

निमोनिया (फेफड़ों की संक्रमण)


बर्ड फ्लू से संक्रमित व्यक्ति में निमोनिया का खतरा बहुत अधिक हो सकता है। इसमें फेफड़ों में सूजन और संक्रमण हो जाता है, जिससे व्यक्ति को सांस लेने में कठिनाई होती है। यह स्थिति बर्ड फ्लू के गंभीर मामलों में हो सकती है, जो मौत का कारण बन सकती है।

गंभीर खांसी

बर्ड फ्लू के संक्रमण से खांसी की समस्या भी उत्पन्न हो सकती है, जो सामान्य खांसी से कहीं ज्यादा गंभीर हो सकती है। खांसी के साथ बलगम का बनना भी एक सामान्य लक्षण है, जो इस संक्रमण से जुड़ा हो सकता है।

सीने में दर्द


अगर बर्ड फ्लू का संक्रमण फेफड़ों तक पहुंच जाता है, तो सीने में दबाव या दर्द महसूस हो सकता है। यह दर्द वायरस के कारण फेफड़ों में सूजन और जलन की वजह से हो सकता है।

थकान और कमजोरी

बर्ड फ्लू के संक्रमण के दौरान थकान और कमजोरी महसूस होना आम है। व्यक्ति को सामान्य गतिविधियाँ करने में भी कठिनाई हो सकती है। शरीर के इम्यून सिस्टम द्वारा वायरस से लड़ने की प्रक्रिया के दौरान इस लक्षण का अनुभव हो सकता है।

बर्ड फ्लू से बचाव के उपाय (Bird Flu Prevention)

बर्ड फ्लू एक गंभीर वायरल संक्रमण है, जो मुख्य रूप से पक्षियों से इंसान में फैलता है। हालांकि, यह एक खतरनाक बीमारी हो सकती है, लेकिन कुछ साधारण उपायों से इसे रोका जा सकता है। नीचे कुछ महत्वपूर्ण बर्ड फ्लू से बचाव के उपाय दिए गए हैं:

- चिकन और अंडे को 100 डिग्री सेल्सियस पर अच्छे से पका कर खाएं

- बर्ड फ्लू के वायरस को खत्म करने के लिए चिकन और अंडों को अच्छी तरह से पकाना जरूरी है। चिकन को पूरी तरह से पकाकर खाना चाहिए, ताकि उसमें कोई भी जीवाणु या वायरस मर सके। अंडों को भी अच्छी तरह उबालने या पकाने से वायरस से बचाव होता है।

- बीमार पक्षियों और पालतू जानवरों से दूरी बनाकर रखें

- अगर आप बर्ड फ्लू के खतरे से बचना चाहते हैं, तो बीमार पक्षियों और पालतू जानवरों से दूर रहें। किसी भी प्रकार के संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आना जोखिमपूर्ण हो सकता है, इसलिए इनसे बचने के लिए सतर्क रहें। संक्रमित पक्षियों के संपर्क से यह वायरस इंसान में फैल सकता है।

- बार-बार हाथ धोएं और मास्क पहनकर रखें

- संक्रमण से बचाव के लिए हाथों की सफाई पर ध्यान दें। दिन में कई बार हाथ धोना चाहिए, खासकर जब आप बाहर से घर लौटे हों या किसी संक्रमित इलाके में गए हों। साथ ही, सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनकर रखें, ताकि वायरस से बचाव किया जा सके।

- वृद्ध लोगों और छोटे बच्चों को बर्ड फ्लू से प्रभावित इलाकों से दूर रखें

वृद्ध और छोटे बच्चों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, जिससे उन्हें बर्ड फ्लू का खतरा ज्यादा हो सकता है। ऐसे में, इन्हें बर्ड फ्लू से प्रभावित इलाकों से दूर रखें और अधिक सावधानी बरतें। यदि वे बीमार होते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

- बुखार, गंभीर खांसी या जुकाम होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें

- बर्ड फ्लू के लक्षण बुखार, खांसी और जुकाम हो सकते हैं। यदि आपको ये लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। यह संक्रमण तेजी से फैल सकता है, इसलिए जल्दी उपचार जरूरी है।

इस उम्र के लोगों को है ज्यादा खतरा

- 60 साल से अधिक उम्र के लोग इस संक्रमण से ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं, क्योंकि उनका इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है।
- 5 साल से कम उम्र के बच्चे जिनका इम्यून सिस्टम पूरी तरह से विकसित नहीं होता, उन्हें भी बर्ड फ्लू का खतरा ज्यादा होता है।
- डायबिटीज, हार्ट डिजीज, कैंसर या सांस संबंधी दिक्कतें झेल रहे लोगों को भी बर्ड फ्लू से बचने के लिए विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए। इन समस्याओं के कारण शरीर का इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।
- गर्भवती महिलाएं को भी अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। संक्रमण गर्भ में बच्चे पर भी प्रभाव डाल सकता है, इसलिए इन्हें अपने स्वास्थ्य का खास ध्यान रखना चाहिए।

चिकन खरीदते समय ध्यान रखें

- चिकन की ताजगी पर ध्यान दें
- चिकन खरीदते समय उसकी ताजगी का ध्यान रखें और यह सुनिश्चित करें कि उसमें कोई भी दुर्गंध न हो। यदि चिकन में कोई असामान्य गंध महसूस हो, तो उसे खरीदने से बचें।
- लाइसेंस होल्डर या सुपरमार्केट से चिकन खरीदें
- हमेशा लाइसेंस होल्डर या सुपरमार्केट से ही चिकन खरीदें। इससे आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि चिकन सुरक्षित और स्वास्थ्य के लिए उपयुक्त है। अनधिकृत दुकानों से चिकन खरीदने से संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।

साफ-सफाई और सतर्कता रखें


साफ-सफाई का ध्यान रखें: नियमित रूप से घर और काम की जगहों की सफाई करें, ताकि बर्ड फ्लू के वायरस का खतरा कम हो सके। खासकर उन स्थानों की सफाई करें, जहां पक्षी रहते हैं या जहां आप चिकन और अंडे रखते हैं।

वायरस के संपर्क में आने से बचें: यदि आपके आस-पास कोई बीमार पक्षी दिखाई दे, तो उससे दूर रहें और उसके संपर्क में आने से बचें। संक्रमित पक्षियों से दूर रहकर आप खुद को और अपने परिवार को बर्ड फ्लू से बचा सकते हैं।

इन सभी सावधानियों का पालन करके आप बर्ड फ्लू के खतरे से बच सकते हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपके परिवार और आसपास के लोग सुरक्षित रहें, इन उपायों को लागू करें और स्वास्थ्य अधिकारियों की सलाह पर ध्यान दें।