सेहत के ल‍िए फायदेमंद है डार्क चॉकलेट, जानें कैसे रखती है आपका ख्याल

डार्क चॉकलेट सभी को पसंद आती है। मगर कुछ लोग वजन बढ़ने के डर से इसका सेवन नहीं करते। ऐसे में अगर आप भी येही सोचते है तो आज हम आपको डार्क चॉकलेट के सेवन से होने वाले फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनको जानने के बाद 100 प्रतिशत आप डार्क चॉकलेट खाना शुरू कर देंगे। आपको बता दे, डार्क चॉकलेट में आयरन, कॉपर, फ्लैवनॉल्स, जिंक व फास्फोरस जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी माने जाते हैं। डार्क चॉकलेट के फायदे अनेक हैं, लेकिन उनमें से कुछ के बारे में हम आपको नीचे बता रहे हैं। हालाकि, ध्यान दें कि लेख में शामिल डॉर्क चॉकलेट के फायदे किसी भी शारीरिक समस्या का इलाज नहीं है। यह केवल इन समस्याओं से बचाव करने व उनके लक्षणों को कम करने में कुछ हद तक मददगार साबित हो सकती है...

दिल का रखे ध्यान

संतुलित मात्रा में डार्क चॉकलेट का सेवन दिल के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। एक शोध के अनुसार, डार्क चॉकलेट में एपिप्टिन, कैटेचिन और प्रोसीएनिडिन्स जैसे फ्लेवनॉल मौजूद होते हैं। इनमें एंटीहाइपरटेन्सिव, एंटीप्लेटलेट, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी प्रभाव होते हैं। चॉकलेट में पाए जाने वाले यह प्रभाव संयुक्त रूप से उच्च रक्तचाप, प्लेटलेट के गठन, ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और सूजन की समस्या को कम करने में मददगार साबित हो सकते हैं। डार्क चॉकलेट का सेवन दिल के दौरे के खतरे को 50% और कॉरनेरी बीमारी को 10% तक कम करता है। इसलिए चॉकलेट को सीम‍ित मात्रा में खाने से शरीर को नुकसान नहीं फायदा मिलता है।

लो ब्लड प्रेशर में

लो ब्लडड प्रेशर में थोड़ी डार्क चॉकलेट खाने की सलाह दी जाती है। ये मूड को भी सही करती है। साथ ही इससे ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल रहता है। लो ब्लड प्रेशर के मरीज को हमेशा अपने साथ चॉकलेट रखना चाहिए।

कोलेस्‍ट्रोल घटाए

कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रण करने के लिए डॉर्क चॉकलेट का महत्वपूर्ण योगदान रहता है। दरअसल, हमारे शरीर में कई तरह के बैड कोलेस्ट्राल भी बनते है जिनका स्तर अगर बढ़ता है तो हम कई तरह के शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। डॉर्क चॉकलेट का सेवन एलडीएल कोलेस्ट्राल के स्तर को कम करता है। एलडीएल जैसे कोलेस्ट्राल इंसान को मोटापे का शिकार बनाते हैं। अगर आप मोटापे से बचे रहते हैं तो कई अन्य तरह के रोगों से आसानी से बच जाते हैं। साथ ही इसके सेवन से ब्लड प्रेशर में भी सुधार देखा जा सकता है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि कोलेस्ट्रॉल को कम करने में डार्क चॉकलेट मददगार साबित हो सकती है।

हेल्दी ब्रेन

एक शोध में सामने आया है कि अगर हम रोजाना संतुलित मात्रा में डार्क चॉकलेट का सेवन करते है तो ब्रेन हेल्दी रहता है। स्मरण शक्ति भी मजबूत रहती है। चॉकलेट ब्रेन में ब्लड सर्कुलेशन को भी ठीक रखता है।

डिप्रेशन से राहत

डिप्रेशन आज के समय में एक आम समस्या बन गई है। डिप्रेशन के समय में मनुष्य में मूड में बदलाव, उदास रहना, गुस्सा आना और चिड़चिड़ापन जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। ऐसे में डॉर्क चॉकलेट का सेवन आपके मूड को ठीक करने का काम करता है। एक शोध में सामने आया है कि अगर कुछ दिन तक नियमित डार्क चॉकलेट का सेवन किया जाए तो डिप्रेशन के लक्षणों में सुधार हो सकता है।

एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर

शरीर को बीमारियों से बचाने और स्वस्थ रखने के लिए एंटीऑक्सीडेंट बेहद जरुरी हैं। एंटीऑक्सीडेंट कोशिकाओं को क्षति से बचाने का काम करता है। फलों और सब्जियों की तरह डार्क चॉकलेट में भी एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं। एक शोध में यह बात सामने आई है कि डार्क चॉकलेट में प्रचूर मात्रा में फेनोलिक यौगिक पाया जाता है जो शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है। ऐसे में खुद को स्वस्थ रखने के लिए डार्क चॉकलेट का सेवन किया जा सकता है।

सर्दी-जुकाम

बदलते मौसम के साथ ही सर्दी-जुकाम लगना आम बात है। ऐसे में अगर सर्दी-जुकाम से बचना है तो डार्क चॉकलेट का सेवन किया जा सकता है। दरअसल, डार्क चॉकलेट में थियोब्रोमाइन (Theobromine) नामक एक रासायनिक पदार्थ पाया जाता है जो श्वसन तंत्र संबंधी समस्याओं (सर्दी-जुकाम ) पर प्रभावी रूप से काम करता है।

ऊर्जा प्रदान करे

डार्क चॉकलेट एनर्जी बूस्टर का काम करती है। डार्क चॉकलेट में पॉलिफिनॉल्स मौजूद होते हैं, जो एंटीऑक्सीडेंट (मुक्त कणों को नष्ट करने वाला), एंटी इन्फ्लामेट्री (सूजन कम करने वाला) और एंटी ओबेसिटी (मोटापा कम करने वाला) जैसे गुण प्रदर्शित करते हैं। यह सभी गुण एक साथ मिलकर खाद्य पदार्थों से मिलने वाली ऊर्जा की खपत को बढ़ाकर तुरंत एनर्जी प्रदान करने में मदद कर सकते हैं।

कैंसर

डार्क चॉकलेट का सेवन कैंसर को तो ठीक नहीं कर सकता लेकिन इससे आपको बचा कर जरुर रख सकता है। डार्क चॉकलेट के सेवन से कैंसर कोशिकाओं के बढ़ने के साथ सूजन को कम किया जा सकता है। डार्क चॉकलेट के सेवन से पेट के कैंसर से बचाव में भी मदद मिलती है।

आंखों के लिए

आंखों को अगर स्वस्थ रखना है तो आज से ही डार्क चॉकलेट का सेवन शुरू कर दे। एक शोध में सामने आया है कि मिल्क चॉकलेट की तुलना में डार्क चॉकलेट के सेवन के दो घंटे बाद देखने की क्षमता में अधिक सुधार पाया गया है। हालाकि, अभी इस शोध में और अध्यन किया जा रहा है।

मधुमेह मरीजों के लिए

कुछ शोध में सामने आया है कि डार्क चॉकलेट का सेवन ब्लड शुगर लेवल को कम मदद कर सकता है। कोको में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण सीधे इंसुलिन प्रतिरोध को प्रभावित कर सकते हैं और बदले में, मधुमेह के जोखिम को कम कर सकते हैं। इसके आलावा डार्क चॉकलेट में मौजूद पॉलीफेनोल्स इंसुलिन प्रतिरोध को प्रभावित कर मधुमेह के जोखिम को कम करने में मदद करता है।

आंतों को स्वस्थ

आंतों के स्वास्थ्य रखने के लिए डार्क चॉकलेट का सेवन मददगार साबित होता है। एक शोध में सामने आया है कि कोको और इसके उत्पाद जैसे की डार्क चॉकलेट पॉलीफेनोल्स जैसे फ्लेवनॉल्स से समृद्ध होते हैं। कोका पॉलीफेनोल्स आंत के माइक्रोबायोटा के साथ संपर्क में आते ही माइक्रोबायोटा की संरचना और प्रीबायोटिक तंत्र को बढ़ा सकते हैं। वे फायदेमंद गट बैक्टीरिया जैसे कि लैक्टोबैसिलस और बिफिडोबैक्टीरियम को बढ़ाते हैं। वहीं हानिकारक बैक्टीरिया जैसे कि क्लोस्ट्रीडियम इत्रिंगेंस को कम करते हैं। इसके अलावा बायोएक्टिव कोका मेटाबोलाइट्स (पाचन को बढ़ावा देने वाले रसायन) आंत के स्वास्थ्य को बढ़ा सकते हैं।

त्वचा के लिए

स्वास्थ्य के साथ-साथ त्वचा के लिए भी डार्क चॉकलेट का सेवन फायदेमंद साबित होता है। एक शोध में सामने आया है कि डार्क चॉकलेट में मौजूद कोकोडायट्री फ्लेवोनोल्स फोटो-प्रोटेक्शन प्रदान करता हैं और त्वचा के ब्लड सर्कुलेशन में भी सुधार कर सकता हैं। इसके अलावा डार्क चॉकलेट त्वचा को हानिकारक यूवी किरणों से बचा सकती है। हालाकि, ध्यान रखने वाली बात है कि अगर जरूरत से ज्यादा डार्क चॉकलेट का सेवन किया जाता है तो कील-मुंहासों की समस्या हो सकती है।

वजन संतुलित करने के लिए

वजन कम करने में भी डार्क चॉकलेट सहायक हो सकती है। एक शोध में सामने आया है कि डार्क चॉकलेट में मौजूद फ्लेवेनोल तत्वों के कर्ण यह एंटीओबेसिटी (मोटापा कम करने वाला) प्रभाव प्रदर्शित कर सकती है। इस आधार पर मोटापा कम करने के उपाय के तौर पर डार्क चॉकलेट को असरदार माना जा सकता है।