भांग के ये फायदे जान रह जाएंगे हैरान, दूर होगी सेहत से जुड़ी कई समस्याएं

होली आते ही सभी का मन जोश और उमंग के समुद्र में हिलोरे लगता रहता हैं। किसी को इस त्यौहार पर रंग खेलने की ख़ुशी होती हैं तो किसी को अच्छे-अच्छे पकवान खाने की। वहीँ कई लोग होते हैं जो इस दिन का इंतजार सिर्फ उस ठंडाई के सेवन के लिए करते हैं जिसमें भांग मिली हो। भांग से नशा होता हैं और इसलिए कई लोग इससे दूरी बनाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिस भांग को आप नशे के रूप में उपयोग करते हैं वह औषधीय गुणों से भरपूर होती है। आज इस कड़ी में हम आपको भांग से सेहत को मिलने वाले कुछ ऐसे फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपको हैरान कर देंगे। तो आइये जानते हैं इनके बारे में...

भांग से दूर करें कान दर्द

भांग के इस्तेमाल से कान में होने वाले दर्द से राहत पाया जा सकता है। जी हां, अगर आपके कान में असहनीय दर्द हो रहा है, तो भांग का रस आपके लिए काफी प्रभावी हो सकता है। इसके लिए भांग की पत्तियों को पीसकर इसका रस निकाल लें। अब इस रस को वाहक तेल जैसे- सरसों, नारियल तेल में पकाएं। जब तेल अच्छे से पक जाए, तो इसे ठंडा होने दें। इसके बाद इसे अपने कान में डाल लें। दिन में 2 से 3 बार इस तेल के इस्तेमाल से कान में दर्द से राहत पा सकते हैं।

वजन कम होता है

भांग पीने की मदद से आप अपना वजन कम कर सकते हैं। अध्ययनों में पाया गया है कि भांग पीने से आप जल्दी ही अपना वजन घटा सकते हैं।भांग इंसुलिन उत्पादन को विनियमित करने और कैलोरी सेवन स्तर को नियंत्रित रखने में मदद करता है।

अल्माइजर से करे बचाव

भांग के इस्तेमाल से अल्जाइमर जैसी बीमारी से भी बचाव किया जा सकता है। दरअसल, भांग में टेट्राहाइड्रोकैनाबिनॉल होता है। इसकी छोटी सी खुराक एमाइलॉयड के विकास को बढ़ावा देती है, जो अल्माइजर के लिए जिम्मेदार कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता है।

पेचिश के लिए फायदेमंद

भांग के पत्तों को पीस कर चूर्ण बना लें। 124 मिलीग्राम भांग के चूर्ण को सौंफ के 6 बूँद रस के साथ दिन में 2 बार लेने से पेचिस की समस्या दूर हो जाती है। भांग के 100 मिलीग्राम चूर्ण के साथ 50 मिलीग्राम पोस्तु दाने (खस खस) का चूर्ण मिलाकर सुबह, शाम सेवन करने से दस्त के साथ आंव की समस्या समाप्त हो जाती है। इसके अलावा सिकी हुई भांग के 125 मिलीग्राम चूर्ण को शहद के साथ दिन में 2 बार सेवन करने से दस्त और पेचिस की समस्या समाप्त हो जाती है।

सिर दर्द का इलाज

आयुर्वेद कहता है कि यदि किसी को लगातार सिर दर्द रहता है तो भांग की पत्तियों के रस का अर्क बनाकर कान में 2-3 बूंद डाल दें, सिरदर्द धीरे-धीरे खत्म हो जाएगा। फिर जड़ से खत्म हो जाएगा।

भूख बढ़ानी हो तो

यदि किसी की भूख बढ़ानी हो तो सही मात्रा में भांग का सेवन करने से भूख बढ़ सकती है। इसके लिए काली मिर्च के साथ भांग का चूर्ण चिकित्सकीय परामर्श में सुबह और शाम रोगी को चटाना चाहिए, कुछ ही दिनों में भूख बढ़ जाती है।

दमा से निजात पाने में फायदेमंद

दमा से निजात पाने के लिए सिकी हुई 125 मिलीग्राम भांग के साथ 2 मिलीग्राम कालीमिर्च और 2 ग्राम मिश्री लेकर एक साथ मिलाकर खाने से दमा रोग की समस्या में आराम मिलता है। भांग को जला कर उसके धुंए को सूंघने से दमा की समस्या में लाभ मिलता है। इनके अलावा भांग के पत्तों को घी में भून कर इसमें कालीमिर्च और मिश्री को मिलाकर पीस लें। अब इस चूर्ण का रोजाना सेवन करने से दमा जैसी समस्या से निजात पाया जा सकता है।

डायबिटीज को करे कंट्रोल

डायबिटीज रोगियों के लिए भी भांग का सेवन लाभकारी हो सकता है। खासतौर पर जिन लोगों के हाथों और पैरों में डायबिटीज के लिए दर्द बना रहता है, उनके लिए यह बहुत ही लाभकारी हो सकता है।

खांसी में असरदार

सर्दी, खांसी-जुकाम जैसी परेशानी को दूर करने के लिए भी भांग का सेवन किया जा सकता है। हालांकि, ध्यान रखें कि इसका सेवन कम मात्रा में करें। अधिक मात्रा में भांग का सेवन सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है।

मानसिक रोगियों के लिए

ये सत्य है कि भांग का सेवन करने से मानसिक संतुलन बिगड़ता है, लेकिन डॉक्टर इसे सही मात्रा में उपयोग में लाकर मानसिक रोगियों का इलाज भी करते हैं। मानसिक रोगों में चिकित्सक इसे 125 मिलीग्राम की मात्रा में आधी मात्रा हींग मिलाकर प्रयोग कराते हैं।

ग्लूकोमा में फायदा

ग्लूकोमा काला मोतियाबिंद को कहा जाता है। इस रोग में आंखों से दिखने वाले चित्रों को मस्तिष्क तक पहुंचाने वाली नस को नुकसान पहुंचता है। हमारे संदेश ऑप्टिक नर्व से ही दिमाग में पहुंचते हैं । ग्लूकोमा इसी नर्व को नुकसान पहुँचाता है और हमारे देखने की क्षमता को ख़त्म कर देता है। अमेरिका के नेशनल आई इंस्टीट्यूट के मुताबिक भांग का सेवन ग्लूकोमा के लक्षण को खत्म करता है।