सुस्त जीवनशैली और खराब खान-पान के चलते कब्ज की समस्या उत्पन्न हो जाती है। कब्ज को हलके में लेना भारी पड़ सकता है। सही समय में अगर इसका इलाज नहीं कराया तो आगे चलकर ये बवासीर (Piles) और गंभीर मामले में गुदा कैंसर (Anal Cancer) का जोखिम का रूप ले सकती है।
कब्ज कब होता है?कब्ज पाचन तंत्र की उस स्थिति को कहते हैं जिसमें कोई व्यक्ति का मल बहुत कड़ा हो जाता है तथा मलत्याग में परेशानी होती है। पेट में शुष्क मल का जमा होना ही कब्ज है। एक्सपर्ट्स का मानना हैं कि कब्ज अक्सर गलत खानपान, दिनचर्या में बदलाव या फाइबर के कम सेवन के कारण होता है। यदि आपको तेज दर्द, आपके मल में खून, या कब्ज जो तीन सप्ताह से अधिक समय तक रहता है, तो आपको सतर्क हो जाना चाहिएर डॉक्टर से मिलना चाहिए। न्यूट्रिशनिस्ट लवनीत बत्रा का कहना है कि भारतियों में कब्ज की समस्या बहुत अधिक है। हर पांच में से एक व्यक्ति कब्ज से पीड़ित है। यह न केवल पूरे दिन बेचैनी का कारण है बल्कि कई पुरानी बीमारियों का मूल कारण भी है। कब्ज में कुछ खाद पदार्थों के सेवन से राहत पाई जा सकती है तो चलिए जानते है उनके बारे में...
सूखा आलूबुखाराकब्ज से राहत के लिए सूखा आलूबुखारा का सेवन सबसे बढ़िया और असरदार उपाय है। इसमें सोर्बिटोल भी होता है जिसे आपका शरीर पचाता है। यह आंतों में पानी खींचकर, मल त्याग को बढ़ावा देकर कब्ज में आराम दिलाता है।
वेजिटेबल जूसनाश्ते के बाद और लंच से पहले या शाम को अपनी पसंदीदा सब्जियों से बना एक गिलास सब्जी का रस लेना आपके कब्ज के लिए वास्तव में अच्छा है। आप पालक + टमाटर + चुकंदर + नीबू का रस + अदरक को मिलाकर ताजा रस बना सकते हैं।
फलों का सेवनपाचन के लिए कीवी, संतरा, नाशपति और सेब जैसे फल उत्तम माने जाते हैं। फलों का सेवन करने से कब्ज से परेशान व्यक्ति को आराम मिलता है। दरअसल, इन सभी फलों में फाइबर, पानी, सोर्बिटोल और फ्रुक्टोज होते हैं, जो कब्ज के इलाज के लिए बहुत उपयोगी हैं।
पानी स्वस्थ पाचन तंत्र के लिए खुद को हाइडे्रट रखना बेहद जरुरी है। इसके लिए दिनभर में आपको खूब पानी पीना होगा। कब्ज का पहला कारण ही शरीर में तरल पदार्थ की कमी है। इसलिए दिनभर में कम से कम 8-10 गिलास पानी पीने जरूर पीना चाहिए। इससे न केवल आप ऊर्जावान महसूस करेंगे बल्कि बाउल मूवमेंट भी अच्छा बना रहेगा।
अलसी के बीजफाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थों के अलावा अलसी के बीज आपके पेट के स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद हैं। अलसी में विरेचक गुण (Laxatives) होते हैं। इसके सेवन से मल त्यागने में आसानी होती है। इनके उपयोग से मलाशय की सफाई करने में आसानी होती है। इसके सेवन से बहुत अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। पर ध्यान रखें, इन्हें पूरा ना खाएं, वरना इन्हें पचाना मुश्किल हो जाएगा।
प्रोबायोटिक्सप्रोबायोटिक्स एक जीवित बैक्टीरिया हैं, जो स्वभाविक रूप से दही, कोम्बुचा, किमची, और टेम्पेह जैसे खाद्य पदार्थों में पाए जाते हैं। यह पेट की कार्य प्रणाली में सुधार करके डाइजेशन को सही रखते हैं। अध्ययनों में पाया गया है कि प्रोबायोटिक्स गट माइक्रोबायोम को बढ़ाता है, जो इम्यूनिटी में सुधार कर किसी भी प्रकार की सूजन को कम करने और कब्ज की समस्या से निजात दिलाने में मदद करता है।
त्रिफलात्रिफला एक अद्भुत जड़ी बूटी है। इसमें तीन महत्वपूर्ण जड़ी-बूटियां हैं, जैसे आमलकी (आंवला), हरीतकी (हरड़) और बिभीतकी (बहेड़ा), ये सभी कब्ज को दूर करने में मदद करने के लिए जानी जाती हैं। सोने से पहले एक कप गर्म दूध/गर्म पानी में आधा चम्मच लें।
ओट्सओट्स में घुलनशील और अघुलनशील फाइबर से भरपूर है। पहले तो यह पानी में आसानी से घुलकर जेल जैसा रूप ले लेता है जबकि अघुलनशील फाइबर मल में भारी मात्रा में जुड़कर खाद्य पदार्थ को नरम बनाता है और इसे पेट व आंत से गुजरने में मदद करता है।
घीघी की ब्यूटायरेट सामग्री कब्ज के लिए एक अद्भुत काम करती है। घी की तैलीय बनावट चिकनाई वाले तेल के रूप में काम करती है और मल त्याग की कठोरता को तोड़कर ठीक करती है। खाने में घी मल त्याग को नियमित और आसान बनाने में मदद करता है।