टीबी अर्थात तपेदिक एक संक्रामक और घातक बीमारी है जिसमें समय रहते उचित इलाज नहीं लिया जाए तो गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। यह 'ट्यूबरक्लोसिस' नामक जीवाणु से होता है। यह फेफड़ों के साथ ही दिमाग, रीढ़ की हड्डी को भी नुकसान पहुंचाती है। टीबी से निपटने के लिए कुछ समय के लिए पर्याप्त आराम और दवा की आवश्यकता होती है। लेकिन दवा के साथ ही आपका खानपान भी बेहतर होना जरूरी हैं। ऐसे में आज हम आपको कुछ आहार के बारे में बताने जा रहे हैं जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के साथ-साथ ही आपकी शरीरिक क्षमता को भी बढ़ाता है। आइये जानते हैं इन आहार के बारे में...
खट्टे फलविटामिन-सी, विटामिन-ए तथा विटामिन-ई युक्त फलों का सेवन टीबी के मरीज़ों के लिए बेहद सेहतमंद होता है। इसलिए उन्हें ऐसे फलों का नियमित रूप से सेवन करना चाहिए। टीबी के मरीज कई विटामिनों तथा पोषक तत्वों से भरपूर नींबू, संतरा, आंवला, अमरूद एवं आम जैसे फलों का सेवन करके प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा सकते हैं।
खिचड़ीटीबी रोगियों के लिए खिचड़ी बहुत ज्यादा लाभदायक होता है। लेकिन इस खिचड़ी को बनाने के लिए इसमें चावल, दाल और मौसमी सब्जी को डाल कर बनाएं। इनमें बहुत अधिक मात्रा में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और अन्य पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो आपके शरीर के लिए आवश्यक हैं। इसके अलावा यह आसानी से पच जाते हैं। इसके साथ ही साथ आप चीनी रहित सादा पानी और नींबू पानी भी पीएं।
लहसुन लहसुन टीबी के मरीजों के लिए चमत्कार के समान है। रोजाना सुबह लहसुन की दो या तीन कलियों को चबाना चाहिए, इससे यह शरीर से एक नहीं, कई बीमारियों को खत्म करने में मदद करेगा। इसके अलावा, लहसुन टीबी के इलाज में भी प्रभावी है, इसमें मौजूद एलिसिन का सीधा प्रभाव टीबी के कीटाणु पर पड़ता है। लहसुन को यदि दो-तीन मिनट तक चबाया जाए तो उससे टीबी पर काबू पाया जा सकता है।
दूधटीबी रोगियों के लिए कैल्शियम और प्रोटीन से भरपूर दूध काफी फायदेमंद माना जाता है। टीबी के रोगी को अपनी प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोतरी करने के लिए प्रतिदिन दूध का सेवन अवश्य करना चाहिए। साथ ही दूध के सेवन से रोगी के शरीर को रोग से लड़ने की ताकत भी मिलती है। टीबी के रोग से जल्दी छुटकारा पाने के लिए आप बादाम के दूध का सेवन कर सकते हैं, क्योंकि यह हल्का तथा विटामिन से युक्त होता है, और साथ ही आसानी से पच भी जाता है।
साबूत काली मिर्चकाली मिर्च का उपयोग टीबी के लक्षणों को कम करने और टीबी से बचाव के लिए किया जा सकता है। शोध में पाया गया कि, काली मिर्च में पीपरिन नामक कंपाउंड होता है। यह कंपाउंड इम्युनोमॉड्यूलेटरी यानी शरीर की जरूरत के हिसाब से इम्यूनिटी को बढ़ाने वाला प्रभाव होता है। यह गुण टीबी के बैक्टीरिया से लड़ने में मददगार हो सकता है। साथ ही यह माइकोबैक्टीरियल को पनपने से भी रोक सकता है।
सब्जियां टीबी के दौरान आपको एंटीबायोटिक दवाईयां दी जाती है, जिससे लड़ने के लिए आपको उर्जा की आवश्यकता होती है और वो उर्जा मिलती है सब्जियों से। इसके अलावा सब्जियों और फलों के रंग में भी शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं, जो आपको मुक्त कणों से लड़ने में मदद करते हैं। यह मुक्त कण बीमारी को जन्म देते हैं। टीबी के दौरान आप सब्जियों में गाजर, टमाटर, शकरकंद और ब्रोकली खाएं।
अदरकटीबी की समस्या होने पर अदरक का उपयोग खाना बनाते समय किया जा सकता है। इस विषय पर हुए एक शोध में पाया गया है कि अदरक में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गतिविधि होती हैं। ये दोनों प्रभाव डॉक्टर द्वारा दी जाने वाली एंटी टीबी थेरेपी के साथ टीबी के उपचार में मदद कर सकते हैं।
ग्रीन टी यदि आप टीबी जैसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं, तो चाय और कॉफी का सेवन कम से कम करें और अपने कोशिश करें कि अपने रूटीन में ग्रीन टी को शामिल करें। टीबी के उपचार में ग्रीन टी फायदेमंद है क्योंकि यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती है। इन खाद्य पदार्थों के अलावा, टीबी के रोगी के लिए धूप बहुत आवश्यक है क्योंकि इसमें विटामिन डी की कमी होती है, इसलिए उन्हें सुबह की धूप में बैठना चाहिए और विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थ लेने चाहिए।
अंडाअंडे का सेवन टीबी की समस्या के दौरान लाभदायक हाे सकता है। शोध के अनुसार अंडे में प्रोटीन की अच्छी मात्रा पाई जाती है। अंडे में पाया जाने वाला प्रोटीन टीबी के दौरान कम होने वाले वजन को नियंत्रित रखने में मददगार हो सकता है। इसके अलावा इसमें कई प्रकार के मिनरल्स और विटामिन की भी अच्छी मात्रा होती है।
साबुत अनाजसाबुत अनाज में विटामिन बी कॉम्प्लेक्स और फाइबर मौजूद होते हैं, जो आपको उर्जा प्रदान करते हैं। इससे आपको टीबी के दौरान होने वाली सुस्ती और थकान से राहत मिलती है। इसलिए स्वस्थ और संतुलित आहार खाएं, इससे आप टीबी को कम समय में ठीक कर सकते हैं।