रिसर्च में हुआ डायबिटीज से जुड़ा बड़ा खुलासा, दिन में 6 नहीं 3 बार ही खाना चाहिए खाना

आज के समय में देखा जा रहा हैं कि डायबिटीज एक बड़ी समस्या बनकर उभरा हैं जिससे कई लोग परेशान हैं और जिसके चलते व्यक्ति को अपने आहार पर सही नियंत्रण रखने की जरूरत होती हैं। दुनियाभर में 40 करोड़ लोग मधुमेह से पीड़ित हैं। इसमें सबसे ज्यादा टाइप-2 मधुमेह से पीड़ित हैं। इस बीमारी में सबसे जरूरी अपनी खान-पान की आदतें और जीवनशैली में सुधार लाने की होती हैं। आज हम आपको एक रिसर्च से जुड़ी जानकारी देने जा रहे हैं जो डायबिटीज के मरीज के लिए फायदेमंद होगी।

कई चिकित्सकों का मानना है कि टाइप-2 मधुमेह के मरीजों को थोड़ी-थोड़ी देर में छोटे-छोटे आहार लेने चाहिएं। मरीजों को दिन में 6 बार छोटे आहार लेने की सलाह दी जाती है। इसराईल की तेल अवीव यूनिवर्सिटी द्वारा किए गए शोध में कहा गया है कि 6 बार खाने का तरीका गलत है और इससे कई परेशानियां हो सकती हैं। यह उन मरीजों के लिए ज्यादा खराब है, जिन्हें रक्त शर्करा को नियंत्रित करने के लिए इंसुलिन लेने की जरूरत पड़ती है। शोधकर्त्ताओं के अनुसार इंसुलिन के ज्यादा डोज से ग्लूकोज की मात्रा में असंतुलन होता है। इससे वजन में बढ़ौतरी भी हो सकती है और दिल की बीमारियों का खतरा भी बढ़ सकता है। शोधकर्त्ताओं की टीम के अनुसार शरीर की जैविक घड़ी के अनुसार खाना खाने से शारीरिक प्रक्रियाओं को एक साथ बेहतर ढंग से संचालित किया जा सकता है जिससे एक व्यक्ति की इंसुलिन की जरूरतों में कमी लाई जा सकती है।

जैविक घड़ी के अनुसार व्यक्ति को दिन में तीन बार भोजन करना चाहिए। टाइप-2 मधुमेह से पीड़ित 28 लोगों पर किया अध्ययन शोधकर्त्ताओं ने टाइप-2 मधुमेह से पीड़ित 28 प्रतिभागियों पर अध्ययन किया। एक समूह को दिन में 6 बार भोजन दिया गया और दूसरे समूह को 3 बार। वहीं 3 बार आहार लेने वाली व्यवस्था में सुबह में ज्यादा खाने को कहा गया और रात में कम से कम खाने की सलाह दी गई। उन्हें नाश्ते में ब्रैड, फल और मिठाई खाने के लिए दी गई। दोपहर में पर्याप्त मात्रा में भोजन दिया गया और रात के खाने में बेहद कम और बिना स्टार्च वाला खाना दिया गया। फिर 2 हफ्ते और 12 हफ्ते बाद भी इनकी जांच की गई।