रिपोर्ट : आपके स्पर्म-एग काउंट को भी कम कर रहा है दिल्ली-NCR का वायु प्रदूषण

दिल्ली-NCR में स्मॉग यानी वायु प्रदूषण की मात्रा पिछले सालों के मुकाबले ज्यादा रही। दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण को बढ़ाने का सबसे ज्यादा योगदान आसपास के राज्यों में ज्यादा मात्रा में जलाई जाने वाली पराली है। पिछले साल 8 नवंबर तक पराली जलाने की 4500 से ज्यादा घटनाएं दर्ज की गई थीं। लेकिन इस बार यह 5 नवंबर को ही 5500 के करीब पहुंच गई थी। इससे स्मोग की मात्रा इस साल बढ़ गई। इस स्मोग की वजह से लोगों की प्रजनन क्षमता पर भी असर पड़ रहा है। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के अनुसार पुरुषों के स्पर्म काउंट में कमी आ रही है, जबकि महिलाओं को कंसीव करने में दिक्कत आ रही है।

स्पर्म काउंट यानी वीर्य की संख्या में आई कमी

प्रजनन विशेषज्ञों के अनुसार स्मोग और प्रदूषण की वजह से पुरुषों के स्पर्म काउंट यानी वीर्य की संख्या में कमी आ रही है। अगर स्पर्म काउंट कम नहीं हो रहा है तो उसकी गुणवत्ता अच्छी नहीं रह रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली-एनसीआर में 2004 से 2014 के बीच प्रदूषण जब ज्यादा था, तब वीर्य की गुणवत्ता बहुत खराब हो गई थी। लेकिन सीएनजी के आने के बाद स्पर्म काउंट और गुणवत्ता में सुधार आया था। लेकिन अब फिर इसमें कमी आ रही है।

महिलाओं के अंडाशय पर भी पड़ा बुरा असर

डॉक्टरों के अनुसार महिलाओं के अंडाशय पर भी इस प्रदूषण का बुरा असर पड़ रहा है। इससे उनके अंडों की गुणवत्ता में कमी आती है। बाद में गर्भधारण के बाद कोख सेहतमंद नहीं रह पाती। नाइट्रस ऑक्साइड और ओजोन की वजह से जन्म दर में कमी आ रही है। PM10 की वजह से गर्भपात की आशंका बढ़ जा रही है। अगर ज्यादा देर तक PM2।5 कणों के बीच बिता लिया जाए तो इससे स्पर्म और अंडों की गुणवत्ता और संख्या में कमी आने लगती है।