शूटिंग के दौरान दीपिका पादुकोण की हार्ट रेट बढ़ी, ले जाना पड़ा अस्पताल, यह बीमारी करती है Heart Attack की तरफ इशारा, जानिए इसके बारे में सबकुछ

बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण (Deepika Padukone) को हृदय गति या हार्ट रेट (Heart rate) बढ़ने की वजह से जांच के लिए हैदराबाद के कामिनेनी अस्पताल ले जाया गया। बताया जा रहा है कि शूटिंग के दौरान हृदय गति बढ़ने के बाद वो अस्वस्थ महसूस कर रही थी। दरअसल, दीपिका पादुकोण हैदराबाद अपने 'प्रोजेक्ट के' के सिलसिले में गई थीं। वहां एक्ट्रेस इसकी शूटिंग कर रही थीं। इस फिल्म में दीपिका पादुकोण साउथ के सुपरस्टार प्रभास संग नजर आएंगी। इस फिल्म में अमिताभ बच्चन भी मुख्य भूमिका में है। डायरेक्टर नाग अश्विन की फिल्म की शूटिंग हैदराबाद के रामोजी फिल्मसिटी में हो रही थी। कहा जा रहा है कि दीपिका पादुकोण की तबीयत अब ठीक है। इलाज के तुरंत बाद वो शूटिंग के लिए सेट पर लौट आईं क्योंकि उनकी हृदय गति स्थिर हो गई थी।

दिल के जुड़े मामले इन दिनों युवा में बड़ी तेजी बढ़ रहे है। हाल ही में सिंगर केके का दिल से जुड़े विकारों की वजह से निधन हुआ था। ऐसे में हृदय गति बढ़ना भी दिल से जुड़ा एक विकार है। मेडिकल भाषा में इसे हार्ट एरिदमिया (Heart Arrhythmia) कहा जाता है। हार्ट एरिदमिया दिल का एक विकार है, जिसमें आपके दिल की धड़कन असामान्य और अनियमित हो जाती है।

हार्ट एरिदमिया (Heart Arrhythmia) क्या है?

मेयो क्लिनिक के अनुसार, हार्ट एरिदमिया एक हार्ट डिसऑर्डर है, जिसमें हृदय की धड़कन अपनी सामान्य ताल से नहीं चल रही है। इसमें ऐसा लग सकता है, जैसे आपके हृदय की धड़कन घट या बढ़ रही है या बहुत तेज़ (जिसे डॉक्टर 'टेकीकार्डिया Tachycardia' कहते हैं) या अत्यंत धीमी गति से (जिसे 'ब्रेडीकार्डिया Bradycardia' कहा जाता है) चल रही है। चूँकि कुछ एरिथमिया मूक (शांत) होते हैं, इसलिए हो सकता है कि इस ओर आपका ध्यान ही न जाये।

एरिथमिया तब होता है, जब हृदय की धड़कन को समन्वित करने वाले इलेक्ट्रिकल प्रोसेस ठीक से काम नहीं कर रहे हों। उदाहरण के लिए, कुछ लोग अनियमित दिल की धड़कन का अनुभव करते हैं, जिसके कारण हृदय तेज़ी से धड़कता हुआ या फड़फड़ाता हुआ महसूस हो सकता है। आपको बता दें कि दिल की इलेक्ट्रिकल इंपल्स एक निर्धारित रास्ते से गुजरती हैं। ये सिग्नल हार्ट मसल्स की एक्टिविटी को कॉर्डिनेट करते हैं, ताकि दिल आराम से खून को अंदर और बाहर फेंक सके। इन रास्तों या इलेक्ट्रिकल इंपल्स में दिक्कत आने के कारण एरिदमिया की समस्या हो सकती है।

हार्ट एरिदमिया कितना खतरनाक?

वैसे तो हार्ट एरिदमिया आम और हानिरहित होती है लेकिन जब यह समस्या दिमाग, फेफड़े, दिल या अन्य जरूरी अंगों तक जाने वाले रक्त प्रवाह में बाधा विकसित होने का कारण बनती हैं, तो अनुपचारित रहने पर जानलेवा भी साबित हो सकती है। एरिदमिया को डिस्रिदमिया (Dysrhythmia) भी कहा जा सकता है।

एरिदमिया के लक्षण (Arrhythmia Symptoms)

- धड़कन का मिस हो जाना
- गर्दन या सीने में फड़फड़ाहट
- तेज धड़कन
- धीमी धड़कन
- अनियमित धड़कन
- सीने में बेचैनी
- कमजोरी या थकान

एरिदमिया के इन संकेतों के अलावा अगर आपको सीने में दर्द, सांस लेने में परेशानी, बेहोशी, थकान, अत्यधिक पसीना आने जैसे लक्षण भी महसूस होते हैं, तो ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए क्योंकि यह किसी गंभीर दिल की बीमारी के संकेत हो सकते है/

एरिदमिया क्यों होता है (Causes of Arrhythmia)

- हाई ब्लड प्रेशर
- डिप्रेशन
- एलर्जी
- जुकाम
- थायरॉइड डिसऑर्डर
- स्लीप एपनिया
- एनिमिया
- एक्सरसाइज
- तनाव या चिंता
- शराब या कैफीन का बहुत अधिक सेवन
- धूम्रपान
- कुछ दवाओं का सेवन
- हृदय रोग
- शुगर की बीमारी (डायबिटीज)

एरिदमिया से बचाव

- ह्रदय को स्वस्थ रखने वाला आहार खाना
- अपनी शारीरिक गतिविधि बढ़ाना
- धूम्रपान से बचना
- अपने वजन को संतुलित बनाये रखना
- कैफीन और अल्कोहल का सीमित मात्रा में या बिलकुल सेवन न करना
- तनाव कम करने के उपाय करें। अत्यधिक तनाव और गुस्से से हृदय अतालता की समस्याएं हो सकती हैं
- सावधानी के साथ ओवर-द-काउंटर दवाओं का उपयोग करना, क्योंकि कुछ सर्दी और खांसी की दवाओं में उत्तेजक मौजूद होते हैं, जो दिल की धड़कन को तेज़ कर सकते हैं