दालचीनी : वजन कम करने में करती है मदद, ऐसे करें प्रयोग, इन अंगों का भी रखे ख्याल

दालचीनी के फायदे अनेक होते हैं। देश में अक्सर दालचीनी का प्रयोग भोजन बनाने में एक मसाले के रूप में किया जाता है, लेकिन इसके औषधिय गुणों की वजह से इसका उपयोग आयुर्वेद की दवाईयों को बनाने में भी किया जाता हैं। दालचीनी के फायदे की बात करें तो दालचीनी की तासीर गर्म होती है, इसलिए सर्दियों में होने वाले सर्दी-जुकाम के साथ ही पेट की चर्बी, वजन घटाने और डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारियों में इसका सेवन करना बेहद फायदेमंद रहता है।

एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर

दालचीनी के फायदे एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर हैं। डाइट एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होनी चाहिए और दालचीनी खाने के फायदे एंटीऑक्सीडेंट अपने साथ लेकर आते हैं। फ्री रेडिकल रोगजनक तत्व हैं जो शरीर के स्वस्थ सेल के साथ मिल जाते हैं और इन्हें खराब करने की कोशिश करते हैं। अगर आपकी डाइट एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर है तो यह एंटीऑक्सीडेंट फ्री रेडिकल को नष्ट करने में मदद करते हैं और बीमार होने के आसार कम हो जाते हैं। इसलिए दालचीनी के फायदे डाइट में शामिल जरुर करने चाहिए।

वजन कम करने में मददगार

आज के समय में बढ़ता वजन लोगों की सबसे बड़ी समस्या है, लेकिन ये छोटी सी दालचीनी आपके बढ़ते वजन को कम करने में मदद कर सकती है। इसके लिए नाश्ते के आधे घंटे पहले एक गिलास पानी में एक चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाकर उबालें। फिर इसे कप में डालकर दो बड़े चम्मच शहद मिलाकर पिएं। इस प्रक्रिया को रात में सोने से पहले भी दोहराएं।


दिल का रखे ख्याल

दालचीनी आपके दिल का ख्याल रखने में भी मदद करती है। इसके लिए दालचीनी पाउडर और शहद का पेस्ट बनाकर रोटी के साथ खाएं। इससे धमनियों में कोलेस्ट्रॉल जमा नहीं होगा, जिससे हार्ट संबंधी बीमारियों की संभवना भी कम हो जाएगी। जिन लोगों को दिल से जुड़ी कोई बीमारी है, उनके लिए ये उपाय रामबाण है।


पेट और पाचन

दालचीनी खाने के फायदे में पाचन और पेट स्वास्थ्य भी शामिल है। प्राचीन काल से ही दालचीनी का इस्तेमाल पाचन संबंधी परेशानी को दूर करने के लिए किया जाता रहा है। इसमें एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं, जो पाचन तंत्र व पेट में संक्रमण का कारण बनने वाले बैक्टीरिया से लड़ने का काम कर सकते हैं। यह गुण खाद्य पदार्थों में लिस्टेरिया और एस्चेरिचिया कोली जैसे बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकता है। ये बैक्टीरिया खाने के माध्यम से पेट में पहुंचकर समस्या पैदा कर सकते हैं। साथ ही दालचीनी का तेल कैंडीडा इंफेक्शन से भी बचाव कर सकता है।

ओरल हेल्थ

दालचीनी से निकाले जाने वाला तेल, स्ट्रेप्टोकोकस म्यूटन्स नामक बैक्टीरिया की गतिविधि को रोकने का काम कर सकता है। यह बैक्टीरिया कैविटी के लिए जिम्मेदार होते हैं। वहीं, इसका इस्तेमाल दांतों पर बुरा प्रभाव भी डाल सकता है, इसलिए इसका इस्तेमाल सही तरीके से किया जाना चाहिए । दालचीनी ओरोफेशियल कंडीशन को भी नियंत्रित कर सकती है। यह एक ऐसा दर्द होता है, जो मुंह, जबड़ा और चेहरे को प्रभावित करता है। इसके अलावा, दालचीनी के तेल में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल गुण भी मुंह को बैक्टीरिया से बचाने का काम कर सकते हैं।