जाने कैसे लेता है कोरोना वायरस इंसान की जान?

चीन से फैले जानलेवा कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह से अब तक 1631 लोग अपनी जान गवा चुके है। अकेले चीन में ही 67,535 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। नेशनल हेल्थ कमिशन की रिपोर्ट के मुताबिक शनिवार को इस वायरस से 143 लोगों की मौत हुई। शुक्रवार को चीन ने कोरोना वायरस से प्रभावित चिकित्सकों का भी आंकड़ा जारी किया था। अधिकारियों के मुताबिक, मरीजों का इलाज करते हुए अब तक 1716 मेडिकल वर्कर वायरस से प्रभावित हुए हैं। 6 डॉक्टर्स की भी मौत हो चुकी है। कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति में शुरुआती लक्षण बेहद साधारण होते हैं। इस दौरान व्यक्ति को बुखार आता है और बहुत ज्यादा थकावट होती है। साथ ही रोगी को सूखी खांसी होती है। इसके अलावा कई लोगों में डायरिया जैसी भी शिकायतें देखने को मिली हैं। ऐसे में हम आपको आज बताते है कि ये खतरनाक वायरस कैसे इंसान को मौत के मुंह में ले जाता है।

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सर्दी खांसी से होती है शुरुआत

साधारण सर्दी खांसी की शुरुआत गले में खराश के साथ होती है फिर नाक बहने लगती है जिससे कोल्ड हो जाता है। बुखार और सिर दर्द की भी शिकायत बनी रहती है। कोरोना वायरस के फ्लू में कफ शुरु होते ही सिर और पूरे शरीर में दर्द होने लगता है और सारे लक्षण एकसाथ ही दिखने लगते हैं। गले में दर्द की वजह से आवाज बैठ जाती है। तेज बुखार आने लगता है।

फेफड़ों पर असर

कोरोना वायरस से होने वाली सांस की बीमारी सबसे पहले इंसान के फेफड़ों को खराब करना शुरू करती है। जिसकी वजह से इंसान को सांस लेने में दिक्कत होती है और उसका दम घुटने लगता है। कोरोना वायरस की शुरुआत और अंत दोनों फेफड़ों से होती है।

आंतों को खराब करता है

SARS और MERS वायरस की तरह कोरोना वायरस भी इंसान की छोटी और बड़ी आंत को खराब करते हैं। इसलिए ऐसी भी संभावनाएं हैं कि कोरोना वायरस (Coronavirus) इंसान की आंतों को खोखला कर रहा है।

किडनी खराब

किडनी (गुर्दा) मानव शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है। किडनी शरीर का खून साफ कर पेशाब बनाती है। शरीर से पेशाब निकालने का कार्य मूत्रवाहिनी, मूत्राशय और मूत्रनलिका द्वारा होता है। किडनी, राजमा के आकर के एक जोड़ी अंग हैं। वयस्कों में एक किडनी लगभग 10 सेंटीमीटर लम्बी, 6 सेंटीमीटर चौडी और 4 सेंटीमीटर मोटी होती है। प्रत्येक किडनी का वजन लगभग 150 - 170 ग्राम होता है। किडनी द्वारा बनाए गये पेशाब को मूत्राशय तक पहुँचानेवाली नली को मूत्रवाहिनी कहते हैं। यह सामान्यत: 25 सेंटीमीटर लम्बी होती है और विशेष प्रकार की लचीली मांसपेशियों से बनी होती है। किडनी शरीर में अनावश्यक द्रव्यों और पदार्थों को पेशाब द्वारा दूर कर खून का शुद्धीकरण करती है और शरीर में क्षार एवं अम्ल का संतुलन कर खून में इनकी उचित मात्रा बनाए रखती है। इस तरह किडनी शरीर को स्वच्छ एवं स्वस्थ रखती है। प्रत्येक किडनी करीब 800,000 माइक्रोसोपिक यूनिट से भरी होती है। मेडिकल भाषा में इन्हें नेफ्रोन्स कहा जाता है। ये खून को फिल्टर कर उसके पोषक तत्वों को शरीर तक पहुंचाने का काम करते हैं। ऐसे में कोरोना वायरस शरीर के इस सबसे खास हिस्से को भी तबाह कर देता है।

रक्त वाहिकाओं से खून बहना

कोलंबिया यूनिवर्सिटी की वायरोलॉजिस्ट और एसोसिएट रिसर्च साइंटिस्ट एंजेला रास्मुसेन के अनुसार, कोरोना वायरस से शरीर की रक्त वाहिकाओं पर भी बुरा असर पड़ता है। मूल रूप से इस अवस्था में शरीर की रक्त (Blood) वाहिकाओं से खून बहता रहता है।

लिवर डैमेज

मानव शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग लीवर होता है और त्वचा के बाद दूसरा सबसे बड़ा अंग यही है। यह हमारे पेट के दाहिने और स्थित है। लीवर को अन्य नामों से भी जाना जाता है जैसे जिगर, यकृत आदि। कोरोना वायरस के शरीर में दाखिल होने के बाद ये धीरे-धीरे लिवर को डैमेज करने का काम करता है। लिवर शरीर की पाचन क्रिया का सबसे प्रमुख हिस्सा है। खून से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने का काम भी लिवर ही करता है।