डायबिटीज के मरीजों के लिए इस्तेमाल होने वाली एक सस्ती दवा Metformin कम इस्तेमाल से कोरोना मरीजों का इलाज किया जा सकता है। चीन के वुहान के डॉक्टरों ने कुछ केस स्टडी के आधार पर ये बात कही है। वहीं, अमेरिका के मिन्नेसोटा यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स का भी कहना है कि मेटफॉरमिन दवा कोरोना मरीजों की मौत के खतरे को कम कर सकती है। मिन्नेसोटा यूनिवर्सिटी ने करीब 6 हजार मरीजों पर स्टडी की थी। वुहान के डॉक्टरों का कहना है कि डायबिटीज से पीड़ित जो लोग कोरोना संक्रमित हुए और Metformin दवा ले रहे थे उनमें मौत की दर, यह दवा नहीं लेने वाले डायबिटीज के मरीजों की तुलना में कम थी। डॉक्टरों ने कोरोना से गंभीर रूप से बीमार पड़े 104 मरीजों के डाटा की स्टडी की जिन्होंने Metformin दवा ली थी। इन मरीजों के डेटा की तुलना कोरोना के 179 अन्य गंभीर मरीजों से की गई। इस दौरान ध्यान रखा गया कि जिन मरीजों से तुलना की जा रही है, वे भी उसी उम्र और लिंग के हों।
डायबीटिज के साथ-साथ ब्रेस्ट कैंसर और हार्ट की बीमारियों में भी इस दवा से लाभ होने की बात कही जा रही है। स्टडी के दौरान वुहान के डॉक्टरों को पता चला कि Metformin लेने वाले सिर्फ 3 मरीजों की मौत हुई थी, जबकि इतने ही गंभीर 22 कोरोना मरीजों की मौत हो गई जिन्होंने ये दवा नहीं ली थी। द सन में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन की प्रमुख स्वास्थ्य संस्था नेशनल हेल्थ सर्विस पहले से इस दवा का इस्तेमाल कर रही है। यह दवा काफी सस्ती है और भारत में Metformin 500 mg के एक टैबलेट की कीमत 1.5 रुपये है। टाइप 2 डायबिटीज के इलाज के लिए 1950 के दशक से ही इस दवा का उपयोग किया जा रहा है। कुछ स्टडीज में ये भी बात सामने आई है कि मोटापे के शिकार जो लोग डायबिटीज से पीड़ित नहीं हैं, उन्हें भी वजन घटाने में ये दवा मदद करती है। वहीं, यह भी देखा गया है कि मोटापे के शिकार लोगों को कोरोना से अधिक दिक्कत होती है और उनकी मौत का खतरा भी अधिक रहता है।