वैज्ञानिकों की तरफ से आई खुशखबरी, कोरोना से ठीक होने के बाद लंबे समय तक बनी रहेगी एंटीबॉडीज

हर दिन कोरोना के बढ़ते मामले हैरान करने वाले हैं। देश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 40 लाख को पार कर चुका हैं और मौत का आंकड़ा 70 हजार से ऊपर पहुंच चुका हैं। इसी के साथ ही कोरोना से ठीक हुए मरीजों को भी चिंता सता रही हैं कि कहीं वे फिर से संक्रमित ना हो जाए क्योंकि अमेरिका में ऐसा एक मामला सामने आया था। लेकिन वैज्ञानिकों की तरफ से इसको लेकर खुशखबरी आई हैं जिसके अनुसार कोरोना कोरोना से ठीक होने के बाद शरीर में लंबे समय तक एंटीबॉडीज बनी रहेगी और कोरोना का खतरा नहीं रहेगा।

यह खबर आइसलैंड से आई है। दरअसल, वहां 30 हजार लोगों पर किए गए अध्ययन के नतीजों के मुताबिक, एक बार कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद शरीर में बनने वाली एंटीबॉडीज लोगों को कम से कम चार महीनों तक इम्यूनिटी दे सकती हैं। कहा जा रहा है कि यह दुनिया का पहला ऐसा अध्ययन है, जिसमें इतनी लंबी अवधि तक इम्यूनिटी बने रहने का दावा किया जा रहा है।

यह अध्ययन आइसलैंड की एक बायोटेक कंपनी डीकोड जेनेटिक्स ने किया है। इस स्टडी के नतीजे द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में भी प्रकाशित हुए हैं, जिसमें लिखा गया है कि 'इन नतीजों को देखकर यह उम्मीद जगती है कि कोरोना वायरस के प्रति मिलने वाली इम्यूनिटी तुरंत खत्म नहीं होती है।'

हाल ही में हांगकांग में कोरोना से दोबारा संक्रमण का एक मामला सामने आया था, जिसमें एक युवक कोरोना के संक्रमण से ठीक हो चुका था और उसके शरीर में वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी भी बन चुकी थी, लेकिन वह दोबारा संक्रमित हो गया। इस संबंध में कहा गया कि उसके शरीर में बनी एंटीबॉडी साढ़े चार महीने में खत्म हो गई।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाल ही में मुंबई के जेजे ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स में एंटीबॉडी से संबंधित एक रिसर्च हुई थी, जिसमें अस्पताल के उन कर्मचारियों को भी शामिल किया था, जिन्हें कोरोना वायरस का संक्रमण हुआ था और वो ठीक हो गए थे। शोध में यह पाया गया था कि जो लोग तीन से पांच हफ्ते पहले कोरोना सं संक्रमित पाए गए थे, उनमें से 90 फीसदी लोगों में महज 38.8 फीसदी ही एंटीबॉडी बची थी। शोध के मुताबिक, संक्रमण के तीन हफ्ते बाद तक शरीर में सबसे ज्यादा एंटीबॉडीज होती हैं, लेकिन ये जल्दी ही खत्म भी हो जाती हैं।

दरअसल, शरीर में वायरस से लड़ने और उसे बेअसर करने के लिए प्रतिरक्षा तंत्र यानी इम्यून सिस्टम जिस तत्व का निर्माण करता है, उसे ही एंटीबॉडी कहते हैं। विशेषज्ञों की मानें तो कई बार संक्रमण के बाद शरीर में एंटीबॉडीज के बनने मेंएक से दो हफ्ते तक का वक्त लग सकता है। इसके लिए सीरोलॉजिकल टेस्ट होता है, जिसमें खून का सैंपल लेकर जांच की जाती है। इसे एंटीबॉडी टेस्ट भी कहते हैं। इसके अलावा शरीर में एंटीबॉडी की जांच के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट भी किया जाता है।