आहार के अलावा भी हैं धनिया के इस्तेमाल के फायदे, खास तौर पर इन समस्याओं को करता दूर

आप सभी लोग धनिया का सेवन करते ही होंगे, क्योंकि इसकी चटनी बहुत ही स्वादिष्ट होती है और सभी को पसंद आती है। आम तौर पर लोग धनिया के पत्ते की चटनी या इसके बीज को मसाले के रूप में प्रयोग में लाते हैं, क्योंकि अधिकांश लोगों को यह पता ही नहीं है कि आहार के अलावा भी धनिया के इस्तेमाल के फायदे मिलते हैं। धनिया का उपयोग कर अनेक बीमारियों का उपचार भी किया जा सकता है। धनिया बहुत ही आसानी से हर जगह मिल जाता है।

धनिया एक मसाला होने के साथ-साथ एक औषधी भी है। सम्पूर्ण भारत में हर घर में धनिये के सूखे फलों का प्रयोग मसाले के तौर पर किया जाता है। धनिया का इस्तेमाल कर भोजन से अरुचि, पाचनतंत्र रोग, मूत्र विकार के साथ-साथ वात-पित्त-कफ विकार में भी लाभ लिया जा सकता है। गीला धनिया विशेषतः पित्तशामक होता है।

अत्यधिक प्यास लगने पर धनिया के सेवन से लाभ

- अधिक प्यास लगती है, तो धनिया के पानी में मधु और मिश्री मिलाकर पीने से पित्त के कारण लगने वाली प्यास मिटती है।

- इसी तरह, 175 ग्राम धनिया के पेस्ट को 1 लीटर पानी में मिला लें। इसे रातभर छोड़कर सुबह छान लें। इसमें 100 ग्राम मिश्री तथा 100 ग्राम मधु मिला लें। इसे 10-15 मिली की मात्रा में पीने से लाभ होता है। हरा धनिया के फायदे इस बीमारी में बहुत काम आता है।

- इसके अलावा, 10-20 मिली धनिये के काढ़ा में चीनी मिलाकर पीने से प्यास और जलन शांत होती है।

- बराबर-बराबर मात्रा में धनिया आंवला, वासा, मुनक्का तथा पित्तपापड़ा लें। इनका चूर्ण बना लें। 25 ग्राम चूर्ण को 200 मिली पानी में रातभर भिगो दें। इसे सुबह-शाम छानकर मिश्री मिला लें। इसे पीने से प्यास मिटती है और मुंह के सूखने की परेशानी में लाभ होता है।


बच्चों की खांसी में धनिया के फायदे

बच्चों को खांसी होने पर चावलों के पानी में, 10-20 ग्राम धनिया को घोंट लें। इसमें चीनी मिलाकर सुबह, दोपहर, तथा शाम को पिलाना है। इससे बच्चों की खांसी, और दमे में लाभ होता है।


धनिया का सेवन भूख बढ़ाने के लिए

रात भर पानी से भिगोए हुए धनिया के बीजों को छिलकारहित होने तक अच्छी तरह धो लें। इन बीजों को सुखाकर भून लें। इसमें मिर्च, हल्दी, सेंधा नमक तथा नींबू के रस को मिला लें। इसे थोड़ी मात्रा में लेकर चबाने से भूख बढ़ती है। धनिया से बने काढ़ा का सेवन करने से आंतों के रोग में लाभ मिलता है। धनिया के सूखे फलों से बने काढ़ा का सेवन करने से पित्त-विकार, कंठ की जलन, उल्टी में लाभ मिलता है



धनिया के प्रयोग से ठीक होती है पाचन-शक्ति

- धनिया से बने काढ़ा में दूध, एवं चीनी मिला लें। इसे पीने से पाचनतंत्र के विकार में फायदा होता है।

- धनिया, लौंग, सोंठ तथा निशोथ को बराबर-बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें। इसे गर्म पानी के साथ 2-2 ग्राम सुबह-शाम सेवन करें। इससे पाचन-शक्ति ठीक रहती है।

- धनिया तथा सोंठ से बने 20 मिली काढ़ा में एरंड मूल का चूर्ण (1 ग्राम) मिला लें। इसे दिन में दो बार पिलाने से भोजन ठीक से पचता है। बराबर-बराबर मात्रा में धनिया और सोंठ का काढ़ा बना लें। इसे 20-30 मिली मात्रा में सुबह-शाम पीने से पाचन-शक्ति बढ़ जाती है।


धनिया के फायदे पेट की गैस में

पेट में गैस होने पर 10-15 मिली धनिया तेल का सेवन करने से आराम मिलता है। धनिया और सोंठ का काढ़ा पीने से पेट दर्द और अपच ठीक होती है।


धनिया के सेवन से कब्ज में फायदा

कब्ज में फायदे के लिए, 20 ग्राम धनिया, तथा 120 मिली पानी को मिट्टी के बरतन में डालकर रातभर रहने दें। सुबह इसे छानकर 13 ग्राम खांड डाल लें। इसे थोड़ा-थोड़ा पीने से कब्ज में लाभ मिलता है।