ये घरेलू उपचार नहीं है कैंसर में प्रभावी, आज से ही करें इन्हें बंद

आपने अक्सर देखा होगा कि लोग हर बीमारी का इलाज घरेलू उपायों से करने की चाहत रखते है जो कि गलत बात नहीं हैं लेकिन जरूरी हैं कि सही उपाय किए जाए। खासतौर से कैंसर जैसी गंभीर बिमारी में। जी हां, एक शोध में खुलासा हुआ है कि 30 फीसदी कैंसर के मरीजों ने घरेलू उपचार का प्रयोग किया हांलाकि इसका उनपर कोई असर नहीं हुआ। आज हम आपको कुछ ऐसे घरेलू उपचार के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें अधिकतर लोग कैंसर से निजात पाने के लिए अपनाते हैं लेकिन उनका कोई असर नहीं होता हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।

विटामिन सी का अधिक प्रयोग

कैंसर के उपचार में विटामिन सी का अधिक प्रयोग का विचार 1970 की शुरुआत में आया था। यह एक शोध पर आधारित था, जिसमें कहा गया था कि यह पोषक तत्व कैंसर सेल के लिए जहर है। लेकिन अध्ययनों से पता चला कि विटामिन सी का कैप्सूल या दवा के रूप में अधिक प्रयोग कैंसर के मरीजों के लिए कुछ नहीं कर सकता है।

एसेंशियल ऑयल

ये लैवेंडर और टी ट्री जैसे पौधों से बने अर्क हैं। आप आमतौर पर इन्हें अपनी त्वचा पर लगाते हैं। इन तेलों के प्रशंसकों का कहना है कि इनमें ऐसे गुण हैं जो कैंसर से लड़ सकते हैं, लेकिन विज्ञान कहता है कि ऐसा नहीं है। ये चिंता, मतली और अवसाद सहित कैंसर के उपचार के कुछ दुष्प्रभावों को कम करने में मदद कर सकते हैं।

हर्बल दवाएं

कोई भी हर्बल उत्पाद कैंसर के इलाज या रोकथाम में प्रभावी नहीं है लेकिन ये कीमोथेरेपी और विकिरण चिकित्सा को काम करने से रोक सकता है। हालांकि शोध से पता चलता है कि कुछ जड़ी-बूटियां साइड इफेक्ट को कम करने में मदद कर सकती हैं। उदाहरण के लिए अदरक, उल्टी और मतली को कम करने में मददगार है।

भांग का तेल

भांग के पौधों से बना इस तेल को गांजा या मारिजुआना तेल भी कहा जाता है। कुछ लोगों को लगता है कि यह कैंसर के ट्यूमर को खत्म कर सकता है या सिकोड़ सकता है, लेकिन कोई भी विज्ञान इस बात का समर्थन नहीं करता है। हालांकि भांग कैंसर के कुछ उपचारों के दुष्प्रभावों को कम कर सकता है, जैसे कि मतली और भूख न लगना।