अलसी के सेवन से फायदे के साथ-साथ शरीर को होते हैं नुकसान, गर्भावस्था में खाना होता है खतरनाक

अलसी से सभी परिचित होंगे, लेकिन उसके चमत्कारी फायदे से बहुत ही कम लोग जानते हैं।अलसी शरीर को स्वस्थ रखती है व आयु बढ़ाती है। अलसी में 23 प्रतिशत ओमेगा-3 फेटी एसिड, 20 प्रतिशत प्रोटीन, 27 प्रतिशत फाइबर, लिगनेन, विटामिन बी ग्रुप, सेलेनियम, पोटेशियम, मेगनीशियम, जिंक आदि होते हैं।अलसी में रेशे भरपूर 27% पर शर्करा 1.8% यानी नगण्य होती है।

अलसी एक प्रकार का तिलहन है। इसका बीज सुनहरे रंग का तथा अत्यंत चिकना होता है। फर्नीचर के वॉर्निश में इसके तेल का अब भी प्रयोग होता है। आयुर्वेदिक मत के अनुसार अलसी वातनाशक, पित्तनाशक तथा कफ निस्सारक भी होती है। मूत्रल असर एवं व्रण रोपण, रक्त शोधक, दुग्धवर्धक, ऋतु स्राव नियामक, चर्म विकार नाशक, सूजन एवं दर्द निवारक, जलन मिटाने वाला होता है। ये यकृत, अमाशय एवं आंतों की सूजन दूर करता है। बवासीर एवं पेट विकार दूर करता है। सुजाक नाशक तथा गुर्दे की पथरी दूर करता है। अलसी में विटामिन बी एवं कैल्शियम, मैग्नीशियम, कॉपर, लोहा, जिंक, पोटेशियम आदि खनिज लवण होते हैं। इसके तेल में 36 से 50 प्रतिशत ओमेगा-3 होता है।

अलसी के बीज को इंग्लिश में फ्लैक्स सीड्स या लिनसीड कहा जाता है। इसका रंग भूरा, पीला या सुनहला होता है। इन बीजों से तेल निकाला जाता है, जिसे अलसी या तीसी का तेल भी कहा जाता है। अलसी के बीज में कई पोषक तत्व और मिनरल्स मौजूद होते हैं जैसे हेल्दी फैट, खनिज, विटामिन सी, ई, के, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, आयरन, फॉस्फोरस, ओमेगा-3 फैटी एसिड, पोटैशियम, जिंक आदि। इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड काफी अधिक मात्रा में होता है, जो मस्तिष्क को हेल्दी रखने और विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। इतना ही नहीं, अलसी के बीजों में फाइबर भी होता है, जिससे आपको वजन कम करने में मदद मिल सकती है। सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है फ्लैक्स सीड्स, लेकिन इसके अधिक सेवन से आपको कुछ शारीरिक समस्या भी हो सकती हैं।

आज हम अपने पाठकों को अलसी के फायदों के साथ उसके अधिक सेवन से शरीर को होने वाले नुकसानों के बारे में भी बताने जा रहे हैं—

ओमेगा 3 फैटी एसिड से भरपूर अलसी

अलसी के बीज अल्फा-लिनोलेनिक एसिड (ALA) के बेहतरीन सोर्सों में से एक है। यह एक प्रकार का ओमेगा -3 फैटी एसिड है, जो हृदय स्वास्थ्य के लिए जरूरी होता है। अलसी में मौजूद ALA सूजन को कम करने और कोलेस्ट्रॉल को दिल की रक्त वाहिकाओं में जमा होने से रोकने में मदद करता है।

फाइबर से भरपूर

अलसी के बीज फाइबर का एक काफी अच्छा सोर्स होते हैं। सिर्फ 7 ग्राम अलसी के बीज में करीब 2 ग्राम फाइबर पाया जाता है। अलसी के बीज में घुलनशील और अघुलनशील दोनों तरह के फाइबर होते हैं। घुलनशील फाइबर आंतों में पानी को अवशोषित करता है और पाचन को धीमा कर देता है। इससे ब्लड शुगर लेवल और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। जबिक अघुलनशील फाइबर मल त्याग की प्रक्रिया को आसान बनाता है।

उच्च रक्तचाप

अलसी के बीजों में रक्तचाप के स्तर को कम करने की क्षमता होती हैं। हाई ब्लड प्रेशर रोगियों के लिए ये बीज काफी प्रभावी हो सकते हैं। अगर आप हाई ब्लड प्रेशर के मरीज है, तो डॉक्टर की सलाह पर अलसी के बीजों का सेवन कर सकते हैं। जिन लोगों को निम्न रक्तचाप की समस्या है, उन्हें अलसी के बीज खाने से बचना चाहिए। इसके साथ ही अलसी के बीज बैड कोलेस्ट्रॉल को भी कम करने में मददगार हैं।

डायबिटीज

अलसी के बीज ब्लड शुगर लेवल को स्थिर रखने में मदद करते हैं। साबुत अलसी रक्त शर्करा को कम कर सकती है और इंसुलिन प्रतिरोध को रोक सकती है। अलसी के बीज में घुलनशील फाइबर होता है, जिसे रक्त शर्करा कम करने में प्रभावी माना जाता है। टाइप 2 डायबिटीज में अलसी के बीज खाना फायदेमंद होता है।

थाईराईड
सुबह खाली पेट 2 चमच अलसी लेकर 2 ग्लास पानी में उबालै जब आधा पानी बचे तब छानकर पियें। यह दोनों प्रकार के थाईराईड में बढिया काम करती है।

हार्ट ब्लोकेज

सुबह खाली पेट 2 चमच अलसी लेकर 2 ग्लास पानी में उबालै जब आधा पानी बचे तब छानकर पियें। यह दोनों प्रकार के थाईराईड में बढिया काम करती है। ३ महिना अलसी का काढा बनाकर पीने से आपको ऐन्जियोप्लास्टि कराने की जरुरत नहीं पडती।

लकवा, पैरालिसीस

सुबह खाली पेट 2 चमच अलसी लेकर 2 ग्लास पानी में उबालै जब आधा पानी बचे तब छानकर पियें। यह दोनों प्रकार के थाईराईड में बढिया काम करती है। ३ महिना अलसी का काढा बनाकर पीने से लकवा ठीक हो जाता है।

बालों का गिरना

अलसी को आधा चमच रोज सुबह खाली पेट सेवन करने से बाल गिरने बंद हो जाते हैं।

जोडो का दर्द
अलसी का काढा पीने से जोडों का दर्द दूर हो जाता है। साईटिका, नस का दबना वगैरा में भी यह लाभकारी है।

अतिरिक्त वजन

अलसी के बीज वजन को नियंत्रण में रखने में सहायक होते हैं। दरअसल, अलसी के बीज में फाइबर भरपूर होता है। फाइबर से पेट भरा-भरा महसूस होता है, भूख कम लगती है और वजन नियंत्रण में रहता है। अगर आप वजन घटाना चाहते हैं, तो अलसी के बीजों को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। इससे आपका वजन, बीएमआई और पेट की चर्बी कम होने में मदद मिलेगी।

कैंसर

किसी भी प्रकार के कैंसर में अलसी का काढा सुबह शाम दो बार पीना चाहिए। आयुर्वेद का कहना है कि इससे कैंसर की रोकथाम में मदद मिलती है।

पेट की समस्या

जिन लोगों को बार-बार पेट के जुडे़ रोग होते हैं उनके लिये अलसी रामबाण ईलाज है। अलसी कब्ज, पेट का दर्द आदि में फायदाकारक है।

किसी भी प्रकार की गांठ

सुबह शाम दो समय अलसी का काढा बनाकर पीने से शरीर में होने वाली किसी भी प्रकार की गांठ ठीक हो जाती है।

अलसी के नुकसान

प्रेग्नेनेंसी के दौरान हो सकती है खतरनाक

एस्ट्रोजेन के कारण, अलसी प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए नुकसानदायक हो सकती है। हालांकि, आप अपने डॉक्टर की सलाह पर अलसी खाना शुरू कर सकती हैं।

आंतों में रुकावट

अलसी को पानी या किसी दूसरे लिक्विड के साथ खाएं, लेकिन अगर आप पर्याप्त लिक्विड के बिना इसको खाते हैं, तो यह आंतों में रुकावट का कारण बन सकता है। यह स्क्लेरोडर्मा के रोगियों के लिए विशेष रूप से खतरनाक है, क्योंकि अलसी के बीज गंभीर कब्ज और रुकावट पैदा कर सकते हैं। इसलिए डॉक्टर की सलाह पर ही खाएं।

लूज मोशन

अलसी आहार फाइबर में समृद्ध है, लेकिन ज्यादा खाने से लूज मोशन हो सकते हैं। ऐसे में आप पेट दर्द, दस्त, कब्ज और सूजन का भी अनुभव कर सकते हैं।

एलर्जी

अलसी के तेल से एलर्जी हो सकती है। अगर आपको कोई खुजली, सूजन, रेडनेस या पित्ती दिखाई दे तो आपको इन बीजों को खाना बंद कर देना चाहिए। उल्टी और जी मिचलाना भी एलर्जी का साइन हो सकता है।

कंसीव करते समय बचें

अलसी के बीज अक्सर एस्ट्रोजन की तरह काम करते हैं, और इसका मतलब है कि यह आपके शरीर में हार्मोनल संतुलन को बाधित कर सकता है। कुछ मामलों में, यह पीरियड चक्र में बदलाव का कारण भी बन सकता है।

धीमा हो जाता है खून का थक्का बनने की प्रक्रिया

यदि आप अधिक मात्रा में अलसी के बीजों का सेवन करेंगे तो ब्लड क्लॉट बनने की प्रक्रिया धीमी हो सकती है। ऐसे में कटने, छिलने पर जब खून बहेगा, तो वह जल्दी बहना बंद नहीं होगा। उन लोगों को इसका सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए, जो पहले से ही ब्लड को पतला करने की दवा का सेवन कर रहे हैं।

किन लोगों को इसे खाने से बचना चाहिए?

यूं तो अलसी के कई सारे फायदे लेकिन इसके कुछ नुकसान भी है। ऐसे में कुछ लोगों को इसे खाने से बचना चाहिए। जैसे

- लो ब्लड प्रेशर
- लो ब्लड शुगर लेवल
- कब्ज
- डायरिया
- हार्मोनल प्रॉब्लम
- ब्लीडिंग प्रॉब्लम

इन परेशानियों से पीड़ित लोगों को अपने खाने में इन बीजों को शामिल करने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए। किसी भी तरह की परेशानी या एलर्जी होने पर आपको तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करवा चाहिए।

नोट: आलेख में दी गई जानकारी मान्यताओं पर आधारित है। आप अपने लिए विषय विशेषज्ञों से परामर्श कर सकते हैं। कंटेंट का उद्देश्य मात्र आपको बेहतर सलाह देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।