बेहद खतरनाक बीमारी हैं डायबिटीज, इसे कंट्रोल करने में मदद करेंगी ये 8 आयुर्वेदिक चीज़ें

आज के समय में देखा जा रहा हैं कि डायबिटीज एक खतरनाक बीमारी बनती जा रही हैं जिसका सामना हर उम्र के लोगों को करना पड़ रहा हैं। यह बीमारी शरीर में ब्लड शुगर लेवल और इंसुलिन को प्रमुख रूप से प्रभावित करती है। यह अपने साथ कई और बीमारियों को भी बुलावा देती हैं। एक बार जीवन में डायबिटीज प्रवेश कर जाती हैं तो आपको जीवनभर अपने खानपान पर ध्यान रखना होता हैं। डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसे आप कंट्रोल कर सकते हैं, लेकिन इसे जड़ से खत्म नहीं किया जा सकता है। ऐसे में इसे कंट्रोल करने में आपकी मदद कर सकती हैं कुछ आयुर्वेदिक चीज़ें जो इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ाते हैं और अग्न्याशय को मजबूत करके ब्लड शुगर को कंट्रोल रखते हैं। तो आइये जानते हैं इनके बारे में...

सदाबहार का पाउडर

सदाबहार को पेरिविंकल के रूप में जाना जाता है और यह भारत में आमतौर पर पाई जाने वाली जड़ी-बूटी है। इसकी गहरे हरे रंग की पत्तियां टाइप-2 डायबिटीज के लिए प्राकृतिक औषधि के रूप में कार्य करती हैं। आपको ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए कुछ ताजी पत्तियों को चबाना है। इसे इस्तेमाल करने का दूसरा तरीका है सदाबहार के पौधे के गुलाबी रंग के फूल लेकर उन्हें एक कप पानी में उबाल लें। पानी को छानकर रोज सुबह खाली पेट पिएं।


आंवला और हल्दी

आंवला और हल्दी दोनों ही शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं, लेकिन दोनों को अगर बराबर मात्रा में लिया जाए तो ये और भी फायदेमंद हो सकता है। ये एक बेस्ट एंटी डायबेटिक फॉर्मूला बन जाता है। हां, ये स्वाद में अच्छा नहीं होता है और इसी के साथ, अगर किसी को ये सूट नहीं करता है तो उसे नहीं खाना चाहिए। अगर आपको पहले से ही कोई हेल्थ से जुड़ी समस्या है तो डॉक्टर से बात करके ही आप इसे ट्राई करें।

विजयसार का पाउडर

इसे वैज्ञानिक रूप से टेरोकार्पस मार्सुपियम के रूप में जाना जाता है। विजयसार को ब्लड शुगर को काबू में रखकर डायबिटीज को अच्छी तरह से कंट्रोल करने के लिए जाना जाता है। यह इस जड़ी बूटी के एंटी-हाइपरलिपिडेमिक गुण हैं जो शरीर में कुल कोलेस्ट्रॉल, कम घनत्व वाले लिपो-प्रोटीन और सीरम ट्राइग्लिसराइड के लवेल को कम करने में मदद करते हैं। उएह डायबिटीज के लक्षणों को कम करने में मदद करता है जिसमें बार-बार पेशाब आना, अधिक खाना और अंगों में जलन शामिल है। यह पाचन तंत्र में सुधार करता है और अग्न्याशय में इंसुलिन उत्पादन स्तर को बढ़ाता है। विजयसार के गिलास आसानी से उपलब्ध हैं। आपको बस इतना करना है कि गिलास में पानी डालकर रात भर के लिए छोड़ दें। इसे सुबह सबसे पहले पिएं। आप पाउडर के रूप में भी विजयसार का सेवन कर सकते हैं।

त्रिफला, मंजिष्ठा और गोक्षुर (गोखरू)

ये तीनों ही आयुर्वेद में काफी मायने रखने वाली हर्ब्स मानी जाती हैं। ये तीनों ही इम्यूनिटी को बढ़ाने के साथ-साथ लिवर और किडनी के काम को बेहतर बनाती हैं। एक तरह से अगर शरीर के ये दो अंग ठीक रहेंगे तो आपके शरीर की बहुत सारी समस्याएं कम होती जाएंगी। खून के फिल्टर होने का प्रोसेस और लिवर से प्रोटीन बनने का प्रोसेस सही रहेगा जो अपने आप ही ब्लड शुगर लेवल को कम करने में मदद कर सकता है।

शुंठी और मरीच

शुंठी का मतलब है ड्राई की हुई अदरक और मरीच का मतलब है काली मिर्च। ये दोनों ही एंटी डायबिटिक मसाले माने जाते हैं और मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाने के लिए ये काम के साबित हो सकते हैं। ये दोनों ही मसाले आप अपनी डाइट में किसी भी तरह से इस्तेमाल कर सकते हैं। दोनों को ही आयुर्वेद में पाचन शक्ति बेहतर बनाने वाले मसाले भी माना जाता है।

गिलोय का पाउडर

गिलोय का वैज्ञानिक नाम टिनोस्पोरा कॉर्डिफोलिया है और इसे अमरता की जड़ के रूप में जाना जाता है। पौधे की पत्तियां ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में प्रमुख भूमिका निभाती हैं। प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने के लिए यह एक बेहतरीन जड़ी बूटी है। इसके एंटीऑक्सिडेंट गुण हानिकारक मुक्त कणों से लड़ते हैं। यह एक नैचुरल एंटी-डायबिटीज दवा है जो चीनी की लालसा को दबाती है। इसके अलावा, यह अग्न्याशय के बीटा कोशिकाओं के उत्पादन को बढ़ाती है। यह रक्त में इंसुलिन और ग्लूकोज को कंट्रोल रखती है। गिलोय पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में भी मदद करता है, जो ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल रखने में महत्वपूर्ण है। आप गिलोय पाउडर या जड़ी बूटी की पत्तियों और छाल को पानी में डालकर सुबह जल्दी पी सकते हैं।

गुड़मार

गुड़मार एक तरह का औषधीय पौधा है जो भारत, श्रीलंका आदि जगहों पर पाया जाता है। माना जाता है कि इसकी पत्ती खाने के बाद किसी भी मीठी चीज़ का स्वाद एक घंटे तक खत्म हो जाता है। ये ब्लड शुगर लेवल को कम करने के लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। गुड़ खाने के बाद भी उसका स्वाद ये पौधा पूरी तरह से खत्म कर देता है और इसलिए ही इसे गुड़मार कहा जाता है। डायबिटीज के मरीजों के लिए ये पौधा काफी उपयोग में लाया जाता है।

अश्वगंधा

गिलोय के अलावा अगर आयुर्वेद में कोई सबसे प्रसिद्ध जड़ी बूटी मानी जाती है तो वो है अश्वगंधा। अश्वगंधा की मदद से आप स्ट्रेस कम कर सकते हैं, थकान को कम कर सकते हैं, इम्यूनिटी को बेहतर बना सकते हैं और इंसुलिन सेंसिटिविटी को भी बेहतर बना सकते हैं। ये शरीर को स्वस्थ रखने के लिए बहुत अच्छी हर्ब मानी जाती है।