मौसम में बदलाव एलर्जी पीड़ितों के लिए बढ़ा सकता हैं कोरोना का संकट, रहें सतर्क

वर्तमान में कोरोना वायरस पूरी दुनिया में एक बड़ी महामारी बनकर उभरा हैं जिसकी वजह से 1 लाख से भी अधिक मौत हो चुकी हैं। ऐसे समय में सावधानी बरतना बहुत जरूरी हैं ताकि कोरोना के कहर से बचा जा सकें। लेकिन अब मौसम में बदलाव देखा जाने लगा हैं जो कि एलर्जी पीड़ितों के लिए बहुत बड़ी परेशानी ला सकता हैं। विशेषज्ञों के अनुसार एलर्जी पीड़ितों को खास ख्याल रखने की जरूरत हैं ताकि शरीर मजबूत रहे और वायरस से लड़ने की स्थिति में रहे।

अमेरिका में हर साल 5 करोड़ लोग मौसम संबंधी एलर्जी से जूझते हैं। ये एलर्जी तब होती है जब प्रतिरक्षा प्रणाली में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। ये प्रणाली फूल के पराग कण जैसे हानिरहित तत्वों को भी रोगाणु समझ लेती है और प्रतिक्रिया करने लगती है। इसके कारण सूजन, सर्दी, खांसी और जुकाम जैसे लक्षण उभरते हैं। इस तरह की सूजन से हवा की नली और फेफड़ों को पहले ही बहुत नुकसान पहुंचता है।

इससे प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है और कोरोना वायरस से खतरों से लड़ने में असमर्थ हो जाती है। अगर कोरोना वायरस पहले ही किसी एलर्जी से सांस संबंधी बीमारी जैसे अस्थमा पीड़ति पर हमला कर दे तो इसके गंभीर दुष्परिणाम हो सकते हैं। इससे साइटोकिन स्ट्रोम जैसी प्रतिक्रिया शरीर में हो सकती है।

एलर्जी के लक्षणों में नाक बहना, छींक, गीली आंखें और खराश शामिल हैं। ये सब शरीर की प्रतिरक्षा क्षमता के कारण होता है। नाक में म्यूक्स का उत्पादन होने लगता है जो उत्तेजक को बाहर निकालने का काम करता है। वहीं, प्रतिरक्षा कोशिकाएं भ्रमित होकर उग्र व्यवहार करने लगती हैं। ब्रिघम एंड वुमेन हॉस्पिटल एलर्जिस्ट के डॉक्टर लाकिया राइट ने कहा, आप नाक के जरिए एलर्जी उत्पन्न करने वाली चीज जैसे पराग कणों को सूंघते हैं। इसी वजह से आप नाक में खुजली होना और नाक बहना शुरू हो जाता है। इससे शरीर के अंदर बड़ी मात्रा में सूजन पैदा हो जाती है और इससे शरीर के अवरोध कमजोर हो जाते हैं।

म्यूक्स यूं तो हवा की नली और फेफड़ों का बचाव करता है, लेकिन अगर म्यूक्स ज्यादा मात्रा में बनने लगे तो ये हवा की नली में मौजूद कोशिकाओं को संक्रमण के प्रति ज्यादा संवेदनशील बना देता है। एलर्जी के दौरान बड़ी मात्रा में म्यूक्स का उत्पादन होता है। एलर्जी के कारण कोरोना वायरस श्वसन तंत्र, नाक, गले पर जल्दी हमला कर सकते हैं। अगर संक्रमण हो गया तो इससे प्रतिरक्षा प्रणाली दोबारा प्रतिक्रिया करेगी और इससे शरीर में सूजन का स्तर और बढ़ जाएगा।