कासनी के फायदे, उपयोग और नुकसान

सदियों से शारीरिक समस्याओं को दूर करने के लिए विभिन्न जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। खासकर, प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति में इनकी अहम भूमिका होती है। इसी क्रम में हम आपको ऐसी ही एक जड़ी-बूटी ‘कासनी’ के बारे में बताने जा रहे हैं। माना जाता है कि सामान्य-सा दिखने वाला कासनी का पौधा विभिन्न बीमारियों से बचाव का काम कर सकता है। वहीं, बीमारी की अवस्था में उससे उबरने में मदद कर सकता है और मेडिकल ट्रीटमेंट व दवा के प्रभाव को बढ़ा सकता है।

कासनी क्या है?

कासनी एक खास प्रकार की जड़ी-बूटी है, जिसमें कई औषधीय गुण होते हैं। इसका वैज्ञानिक नाम सिकोरियम इंटीबस (Cichorium Intybus) है और यह डैंडेलियन परिवार से संबंध रखती है। इसका फूल सफेद-नीले रंग का होता है। कासनी (चिकोरी) के पौधे लगभग एक से दो मीटर तक ऊंचे होते हैं

कासनी आपकी सेहत के लिए क्यों अच्छी होती है?

स्वास्थ्य के लिए कासनी को वरदान माना जा सकता है, कारण है इसमें मौजूद विभिन्न औषधीय गुण। माना जाता है कि यह कई शारीरिक समस्याओं पर प्रभावी असर दिखा सकती है, जिसमें हृदय रोग, कैंसर, गठिया, कब्ज और लीवर-किडनी से जुड़ी समस्या शामिल हैं। इनके अलावा भी यह कई तरह से शरीर को फायदा पहुंचाने का काम कर सकती है, जिसकी जानकारी नीचे दी जाएगी ।

# तनाव और चिंता से राहत

तनाव और चिंता में कासनी का सेवन फायदेमंद साबित हो सकता है। एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध के अनुसार, एंटीऑक्सीडेंट गुण मानसिक विकारों से निजात दिलाने में मदद कर सकता है, जिसमें चिंता, तनाव और डिप्रेशन शामिल हैं । इसलिए, ऐसा कहा जा सकता है कि कासनी के फायदे तनाव और चिंता से राहत दिलाने का काम कर सकते हैं।

# पाचन में फायदेमंद

पाचन तंत्र संबंधी समस्याओं से राहत दिलाने में कासनी की अहम भूमिका हो सकती है। चिकोरी में इनुलिन (Inulin -डाइटरी फाइबर) की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जो एसिड रिफ्लक्स (पाचन संबंधी रोग) के साथ-साथ आंतों और पाचन संबंधी कई समस्याओं से निपटने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, यह अपच और हार्टबर्न से भी राहत दिला सकता है ।

# हृदय स्वास्थ्य के लिए

हृदय स्वास्थ्य के लिए भी कासनी को उपयोगी माना जा सकता है। यह एंटीऑक्सीडेंट गुणों से समृद्ध होती है और इससे बनने वाली कॉफी का सेवन शरीर में रक्त और प्लाज्मा के संतुलन में सुधार करने का काम कर सकता है, जिससे हृदय रोग का खतरा बहुत हद तक कम हो सकता है। इसके अलावा, इसमें इनुलिन भी पाया जाता है, जो शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने का काम कर सकता है, जिससे दिल का दौरा पड़ने की आशंका कम हो जाती है । वहीं, अगर किसी को दिल से जुड़ी कोई बीमारी है, तो वह डॉक्टर से चेकअप जरूर करवाए और डॉक्टर के निर्देश पर इस घरेलू नुस्खे के साथ-साथ दवा भी ले।

# लीवर स्वास्थ्य के लिए

लीवर को स्वस्थ रखने में भी कासनी मुख्य भूमिका निभा सकती है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध के अनुसार, कासनी में हिपेटोप्रोटेक्टीव (Hepatoprotective) गुण पाए जाते हैं, जो लीवर को सुरक्षित रखने का काम कर सकते हैं ।

# गठिया के लिए

कासनी चूर्ण को गठिया के इलाज में इस्तेमाल किया जा सकता है। इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो ऑस्टियोअर्थराइटिस के दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा, कासनी मांसपेशियों में दर्द और जोड़ों के दर्द से भी कुछ राहत दिला सकती है ।

# वजन घटाने में मददगार

कासनी के फायदे शरीर के वजन को कम करने के लिए भी देखे जा सकते हैं। कासनी में फाइबर की अच्छी मात्रा पाई जाती है। फाइबर शरीर में ऊर्जा को बनाए रखने के साथ-साथ लंबे समय तक भूख को नियंत्रित रखने का काम कर सकता है। साथ ही अतिरिक्त खाने की आदत पर रोक लग सकती है, फलस्वरूप वजन को नियंत्रित रखने में मदद मिल सकती है ।

# कैंसर के लिए

कासनी ब्रेस्ट और कोलोरेक्टल कैंसर से बचाव का काम भी कर सकती है। साथ ही कैंसर के लक्षणों पर भी प्रभावी असर दिखा सकती है। इसके लिए चिकोरी में पाए जाने वाले पॉलीफेनॉल्स और फोटोकैमिकल्स गुण सहायक हो सकते हैं। साथ ही इसकी जड़ में भी एंटी-कैंसर गुण पाए जाते हैं । अगर कोई कैंसर से पीड़ित हो, तो उसे सिर्फ घरेलू नुस्खें पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। उसे समय रहते उचित मेडिकल ट्रीटमेंट भी करवाना चाहिए।

# कब्ज से छुटकारा

अगर कोई कब्ज की समस्या से जूझ रहा है, तो उनके लिए कासनी किसी चमत्कार से कम नहीं है। कासनी में इनुलिन नामक तत्व पाया जाता है, जो फाइबर की तरह काम करता है। फाइबर पाचन में सुधार करने के साथ-साथ बाउल सिस्टम को बेहरत करने में मदद कर सकता है, जिससे कब्ज की समस्या से निजात पाया जा सकता है ।

# किडनी की समस्या से राहत

कासनी की जड़ के अर्क को मूत्रवर्धक (Diuretic) की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे पेशाब की मात्रा बढ़ सकती है। पेशाब के जरिए किडनी में मौजूद विषाक्त पदार्थ बाहर हो सकते हैं, जिसका सकारात्मक प्रभाव किडनी स्वास्थ्य पर पड़ सकता है । इसलिए, ऐसा कहा जा सकता है कि कासनी के फायदे किडनी के लिए भी हो सकते हैं।

# एक्जिमा और कैंडिडा

एक्जिमा त्वचा में सूजन से जुड़ी समस्या है और कैंडिडा त्वचा संबंधी फंगल संक्रमण है , । इन दोनों स्थितियों में कासनी के फायदे देखे जा सकते हैं, क्योंकि कासनी एंटी इंफ्लेमेटरी गुण के साथ-साथ एंटी फंगल गुणों से समृद्ध होती है ।

कासनी के नुकसान –
कासनी के कुछ दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं।
-जिन लोगों को एलर्जी की अधिक शिकायत होती है, उन्हें कासनी के सेवन से एलर्जी हो सकती है ।
- कासनी का अधिक मात्रा में सेवन करने से डाइजेस्टिव ट्रैक्ट में बाधा उत्पन्न हो सकती है।
-गर्भावस्था के दौरान व स्तनपानी कराने वाली महिलाओं को इसका सेवन न करने की सलाह दी जाती है।