एक रिसर्च से इस बात का खुलासा हुआ है कि हर पांच में से एक वयस्क को लंबे समय से पाचन संबंधी परेशानी होती है। विशेषज्ञों ने इस अध्ययन के लिए 36 महिलाओं और पुरुषों के आंकड़ों का चार हफ्ते तक आकलन किया। इन्हें गंभीर रूप से कब्ज की शिकायत थी। विशेषज्ञों ने इस समूह को दो हिस्सों में बांटकर एक समूह को रोजाना 300 ग्राम आम या तकरीबन एक पूरा फल खाने को दिया गया। दूसरे समूह को फाइबर के अन्य सप्लिमेंट दिया गया। इस एक बदलाव के अलावा दोनों समूहों के खानपान को एक जैसा रखा गया। इन्हें कार्बोहाईड्रेट, फाइबर, प्रोटीन और वसा की समान मात्रा दी गई और इनकी कैलोरी खपत भी एक रखी गई।
एक माह के अंत में दोनों समूहों की कब्ज की समस्या में कमी देखने को मिला। मगर आम खाने वाले समूह में राहत का स्तर का सिर्फ फाइबर लेने वाले समूह के मुकाबले अधिक था। विशेषज्ञों का कहना है कि आम खाने से आंतों में मौजूद स्वस्थ बैक्टीरिया के विकास में मदद मिलती और आंतों की सूजन में कमी आती है।
मॉलीक्यूलर न्यूट्रिशन एंड फूड रिसर्च पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन में दावा किया गया है कि आम खाने से कई तरह की पाचन संबंधी समस्याओं का समाधान हो सकता है। इस लाजवाब फल में फाइबर यानी रेशा के अलावा पॉलीफेनॉल्स पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं। पॉलीफेनॉल्स को कब्ज और आंतों की सूजन में आराम पहुंचाने के लिए जाना जाता है।