इंसुलिन का काम करती हैं ये 9 जड़ी-बूटियां, ब्लड शुगर के स्तर को करेगी कंट्रोल

मधुमेह अर्थात डायबिटीज बेहद आम बीमारी हो चुकी हैं जो बुजुर्गों से लेकर बच्चों तक सभी को अपने चपेट में ले रही हैं। मधुमेह भारत में रफ्तार से बढ़ रहा है। यह बीमारी पूरी तरह आपकी लाइफस्टाइल से जुड़ी हैं। उन लोगों में इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता हैं जिनकी जीवनशैली अव्यवस्थित हैं। इस बीमारी में इन्सुलिन की कमी होने लगती हैं और यह कई अन्य गंभीर बीमारियों की उपज का कारण भी बनती हैं। ऐसे में आज इस कड़ी में हम आपको कुछ ऐसी जड़ी-बूटियों के बारे में बताने जा रहे हैं जो इंसुलिन का काम करती हैं और ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल करती हैं। इनका उपयोग करके डायबिटीज के लक्षणों से राहत पा सकते हैं। आइये जानते हैं इनके बारे में...

गिलोय

गिलोय का दूसरा नाम गुडूची भी है। इसका तासीर गर्म होता है। स्वाद में कड़वी लगने वाले इस जड़ी बूटि इम्युनिटी, अस्थमा, सर्दी-जुकाम, एनीमिया, पीलिया समेत कई सारी बीमारियों में अमृत की तरह काम करती है। इसके अलावा इसमें पाया जाने वाला एंटी-हाइपरग्लाइसेमिक गुण ब्लड में शुगर की मात्रा को कम करने का काम करता है जिसके वजह से यह डायबिटीज मरीजों के लिए फायदेमंद होता है।

जिनसेंग

जिनसेंग, जो हमेशा से प्राच्य चिकित्सा का एक अभिन्न अंग रहा है, में उच्च प्रतिरक्षा-बढ़ाने वाले गुण होते हैं और यह एंटी डायबिटिक भी है। यह शरीर में कार्बोहाइड्रेट के अवशोषण को कम करता है। जिनसेंग अग्न्याशय द्वारा इंसुलिन के उत्पादन को भी उत्तेजित करता है। बढ़ा हुआ इंसुलिन रक्त शर्करा को शरीर की कोशिकाओं में प्रवेश करने में मदद करता है ताकि इसे ऊर्जा में बदला जा सके।

आंवला+हल्दी

आयुर्वेद डॉक्टर बताती हैं कि आंवला और हल्दी को बराबर मात्रा में मिला कर तैयार किए गए मिश्रण को निशा अमलकी कहा जाता है। यह उच्च कोटी के एंटीडायबिटिक फॉर्मूला में से एक है। जो ब्लड में शुगर के लेवल को कम करने का काम करते हैं।

मेथी

डायबिटीज को कंट्रोल करने में मेथी बहुत कारगर है। यह शरीर में ग्लूकोज टॉलरेंस को बेहतर बनाने में मदद करती है। इसमें घुलनशील फाइबर में काफी मात्रा में होता जो पाचन को धीमा करके ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल करने में मदद करता है। मेथी में प्रोबायोटिक्स गुण होते हैं जो बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करते हैं। डायबिटीज के मरीजों को रोजाना 10 ग्राम मेथी का सेवन करने की सलाह दी जाती है।

त्रिकटु

यह तीन जड़ी-बूटी काली मिर्च, पिप्पली और सूखे अदरक को मिलाकर तैयार किया जाता है। यह मसाले एंटीडायबिटिक गुणों से भरपूर होते हैं। साथ ही चयापचय में भी सुधार करने का काम करते हैं।

रोज़मेरी

यह रोज़मेरी ही है जो सूप और करी ओ इतनी अच्छी खुशबू देती है। ये न सिर्फ आपका वजन कम करने में मदद करती है बल्कि यह आपके शुगर लेवल को भी कम रखती है। वास्तव में, यह शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को नियंत्रित करने और अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) को बढ़ाने में भी फायदेमंद है।

नीम

नीम एक औषधीय पेड़ होता है। इसके औषधीय गुण सांप के जहर को उतारने से लेकर डायबिटीज समेंत कई तरह के रोगों में फायदेमंद होता है। नीम में एंटी-हाइपरग्लिसेमिक गुण मौजूद होता है जो ब्लड शुगर को कंट्रोल करने मददगार साबित होता है। नीम के अलावा मधुनाधिनी / गुडमार कुछ ऐसे कड़वे औषधी हैं जो शुगर लेवल को कम करने में मदद करते हैं।

गुड़मार

प्राचीन काल से, इस जड़ी बूटी का उपयोग भारत में आयुर्वेदिक और मधुमेह के उपचार में किया जाता रहा है। इसमें जिम्नेमिक एसिड होता है, जो शुगर क्रेविंग को कंट्रोल करने में मदद करता है। जड़ी बूटी रक्तप्रवाह से अतिरिक्त ग्लूकोज को हटाने में भी सहायता करती है।


त्रिफला

त्रिफला तीन फल या जड़ी-बूटियों को समान मात्रा में मिलाकर तैयार किया जाता है। यह आंवला, बहेड़ा और हरड़ को मिश्रण होता है। यह वजन घटाने से लेकर डायबिटीज तक कई तरह की बीमारियों में सहायक होता है। इसके अलावा त्रिफला, मंजिष्ठा और गोक्षुरा लीवर और किडनी के लिए भी अद्भुत डिटॉक्सिंग जड़ी बूटी हैं।