जीवन जीने का आनंद तभी आता हैं जब आपका शरीर निरोगी हो और किसी प्रकार की कोई चिंता ना हो। लेकिन आजकल लोगों का बढ़ता वजन और पेट बीमारियां लेकर आ रहा हैं। ऐसे में समय रहते शरीर की बढ़ी हुई चर्बी को कम किया जाना जरूरी हैं। इसके लिए कई लोग विभिन्न प्रकार की डाइट को दिनचर्या में शामिल करते हैं जिसमें बहुत समय लग जाता हैं। ऐसे में आप योगासन की मदद ले सकते हैं। हर रोग का नेचुरल तरीके से इलाज योग कर सकता है। आप नियमित रूप से योगासन करके वजन कम कर सकते हैं। आज इस कड़ी में हम आपके लिए कुछ ऐसे योगासन की जानकारी लेकर आए हैं जो शरीर की बढ़ी हुई चर्बी को तेजी से घटाने का काम करेंगे। तो आइये जानते हैं इन योगासन के बारे में...
सूर्य नमस्कारयोगा का ये आसन सबसे प्रसिद्ध है। सूर्य नमस्कार का मतलब होता है, सूरज का अभिवादन करना। इस योगासन में 12 योग मुद्राओं को शामिल किया गया है। ये योगासन पूरे शरीर के लिए फायदेमंद होता है। सूर्य नमस्कार को 10 से 15 मिनट तक करना काफी होता है। इसमें शरीर की पानी की मात्रा संतुलित रहती है और अनावश्यक तत्व बाहर निकल जाते हैं। इस आसन से शरीर के लगभग हर अंग की कसरत हो जाती है।
नौकासन
सबसे पहले आसन जमा लें, ओर आकाश की ओर मुंह कर के पीठ के बल सीधे लेट जाएँ। हाथों को सीधा कमर से सटा कर रखें, और अपनी हथेलियों को ज़मीन की और रखे। अब धीरे धीरे अपनी गरदन ऊपर की और ले जाएँ और अपने हाथ सीधे रख कर ही गर्दन के समान ऊपर उठाएँ और साथ साथ उसी समान अपने पैर भी उठाएँ और एक नौका का रूप लें। इसी मुद्रा में आप करीब पच्चीस से तीस सेकंड बने रहें। फिर धीरे धीरे सामान्य मुद्रा में चले जाएँ। नौकासन को दो से तीन बार दोहराएँ।
त्रिकोणासनइस योगासन में अपने दोनों पैरों को फैलाकर हाथों को बाहर की ओर खोलते हैं। फिर सीधे हाथ को धीरे-धीरे नीचे की तरफ सीधे पैर की ओर लाते हैं। अब कमर को नीचे की ओर करते हुए नीचे देखना होता है। इसके बाद सीधी हथेली को जमीन पर रखते हैं। वहीं उल्टे उल्टे हाथ को ऊपर की ओर ले जाते हैं। यह प्रक्रिया दूसरी तरफ से भी दोहराई जाती है।
बालासन
सर्वप्रथम आसन जमा लें, फिर घुटनों को पीछे की ओर मौड़ कर घुटनों के बल बैठ जाएँ। ऐडियों पर शरीर का वज़न बनाते हुए, और साँस अंदर लेते हुए आगे की और झुकें। अब आप के हाथ सीधे होने चाहियेँ और हथेलियाँ ज़मीन की और लगी होनी चाहिए। यह सुनिश्चित करें की आप की छाती आपकी जांघों और घुटनों के अग्र भाग को छुनी चाहिये। साथ ही आप का मस्तक ज़मीन को छूना चाहिये। इस आसन को तीन से पाँच मिनट करें फिर थोड़ा आराम लें और इस आसन को चार से पाँच बार दोहराएँ।
वीरभद्रासन
वीरभद्रासन को योद्धा मुद्रा कहते हैं। इस आसन में आपकी पोजीशन पहाड़ों पर जाने वाली मुद्रा के जैसी होती है। इसमें अपने पैर को पीछे की ओर खींचते हुए दूसरे पैर को आगे कूदने की पोजीशन में बना लें। फिर हाथों को जोड़कर सिर को ऊपर तक से जाएं। अब अपने हाथ को छाती के सामने ले जाते हुए खींचे हुए पैरों को सीधा कर लें। फिर दूसरे पैर को अभी भी 90 डिग्री पर रखें और दोनों हाथों को खींचकर बाहर की तरफ फैला लें।
सेतुबंध आसन
सर्वप्रथम आसन जमा कर पीठ के बल लेट जाएँ। मुख को आकाश की और रखे। उसके बाद अपनें दोनों घुटनों को एक साथ मौड़ कर दोनों पैरों के तलवों को ज़मीन पर अच्छे से जमा लें। अपने दोनों हाथ सीधे रख कर ज़मीन पर लगा लें। अब साँस बाहर निकालते हुए रीड़ की हड्डी की ज़मीन की और धीरे से दबाएँ। अब गहरी साँस अंदर भरते हुए अपनें पैरों को ज़मीन पर दबाएँ। अब अपने कमर के भाग को जितना हो सके उतना ऊपर की और उठाएँ। इस अवस्था में करीब एकाद मिनट तक रहें फिर साँस बाहर छोड़ते हुए सामान्य अवस्था में लेट जाएँ।
पूर्वोत्तनासन
इस आसन को करने के लिए पैरों पर बैठकर उन्हें आगे की ओर खींचें। अब अपने हाथों को हिप्स के पीछे ले जाएं और पैरों की तरफ करें। फिर पैरों से शरीर को ऊपर की तरफ उठाएं और सिर को पीछे की तरफ ले जाने की कोशिश करें। यह पोजिसन पुश-अप करने की मुद्रा का ठीक उल्टी होती है। यह आसन से आपकी पीठ, कंधों, हाथ, रीढ़ की हड्डी, कलाई और जंग लगी मांसपेशियों के लिए अच्छा है।
योगा साइकलिंग आसन बिछा पीठ के बल सीधे लेट जाएँ। आप का मुख आकाश की ओर होना चाहिये। अब अपने दोनों पैर ज़मीन से ऊपर उठा लें। जैसे आप real साइकल चलाते है ठीक वैसे ही गोल गोल पेडल हवा में चलाने लगें। याद रहे की यह आसन करते समय आप के दोनों हाथ सीधे ज़मीन से लगे होने चाहिये और हथेलियाँ ज़मीन की और होनी चाहिये। थोड़ी देर सीधी साइकलिंग करें, फिर उतनी ही देर तक उल्टी पेडलिंग करते हुए साइकलिंग करें। इस कसरत को सुबह के समय दस से पंद्रह मिनट तक करें। अधिक थकान महसूस होने पर बीच-बीच में break ले कर सामान्य मुद्रा में लेट कर आराम कर लें।