राजधानी दिल्ली में प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा हैं जिसकी वजह से स्कूलों को एक बार फिर से बंद कर दिया गया हैं। दिल्ली के साथ ही देश के कई शहरों में प्रदूषण का लेवल बढ़ता ही जा रहा हैं। हवा की खराब क्वालिटी सांस लेने में तकलीफ का कारण बन रही हैं। हवा में इस प्रदूषण की वजह से कई तरह की बीमारियां होने लग रही हैं। हवा में प्रदूषण इस कदर फैल रहा हैं कि यह फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता हैं। ऐसे में आपको संतुलित आहार लेने की जरूरत होती हैं जो लंग डैमेज सहित बीमारी के लक्षणों को भी कम कर सकते हैं। तो आइये जानते हैं इन हेल्दी आहार के बारे में।
सेबकई शोधों से पता चलता है कि नियमित रूप से सेब खाने से फेफड़े ठीक से काम करते हैं। अध्ययनों के अनुसार सेब का सेवन धूम्रपान करने वालों में फेफड़ों के कार्य में बाधा पैदा करता है। ncbi की एक स्टडी के अनुसार, हर सप्ताह 5 या इससे ज्यादा सेब खाने से फेफड़ों के काम करने की क्षमता डबल और सीओपीडी का रिस्क भी कम हो जाता है। सेब का सेवन करने से अस्थमा और फेफड़ों के कैंसर की संभावना भी काफी कम हो जाती है।
ग्रीन टीग्रीन टी बहुत से लोग वजन कम करने के लिए पीते हैं, लेकिन वे नहीं जानतें होंगे कि यह फेफड़ों के लिए कितनी अच्छी है। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ मॉलीक्यूलर साइंसेस में छपी एक स्टडी के अनुसार, ग्रीन टी में एपिगैलोकैटेचिन गैलेट एक कैटेचिन होता है। यह एंटीऑक्सीडेंट, एंटीइंफ्लेमेट्री से भरपूर है और टिश्यू स्कार को रोकने में भी मददगार है।
चुकंदरचुकंदर आपके फेफड़ों को स्वस्थ रखने का सबसे बढिया तरीका है। इसमें नाइटे्रट यौगिक होते हैं, जो फेफड़ों के काम में इंप्रूवमेंट लाते हैं। ब्रिटिश जर्नल ऑफ क्लीनिकल फार्माकोलॉजी के अनुसार, नाइट्रेट ब्लड वेसेल्स को आराम देने , ब्लड प्रेशर को कम करने और ऑक्सीजन के अवशोषण को सुधारने में मदद करते हैं। इसके अलावा चुकंदर मैग्नीशियम, पोटेशियम, विटामिन -सी और कैराटीनॉइड एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर है। ये सभी फेफड़ों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी हैं।
कद्दूफेफड़ों की सुरक्षा के लिए आप अपने आहार में कद्दू को शामिल कर सकते हैं। दरअसल, कद्दू में कई तरह के प्लांट कंपाउंड होते हैं, जो बीटा कैरोटीन, ल्यूटीन और जैक्सेंथिन सहित कैरीटेनॉइड से भरपूर हैं। इन सभी में पॉवरफुल एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइंफ्लेमेट्री गुण हैं। इसलिए जो लोग धूम्रपान करते हैं, उन्हें कद्दू जैसे कैरीटीनॉइड खाद्य पदार्थ को सेवन करने से काफी फायदा हो सकता है।
मसूर की दालमसूर में र्मैग्रीशियम, आयरन, कॉपर और पोटेशियम जैसे सभी पोषक तत्व फेफड़ों के स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है। कई शोधों से पता चला है कि मेडिटेरेनियन डाइट पैटर्न फॉलो करने से धूम्रपान करने वालों में फेफड़ों के कार्य करने की क्षमता अच्छी हो जाती है। साथ ही फाइबर से भरपूर दाल खाने से कैंसर और सीओपीडी से बचाव में मदद मिल सकती है।
हल्दीहल्दी आमतौर पर अपने एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइंफ्लेमेट्री गुणों के कारण जानी जाती है। यह स्वास्थ्य से जुड़ी लगभग हर बीमारी के लिए फायदेमंद है। हल्दी में पाया जाने वाला करक्यूमिन फेफड़ों के काम को सपोर्ट करने के लिए बहुत फायदेमंद है। एक स्टडी के अनुसार करक्यूमिन के सेवन से फेफड़ों के काम करने की क्षमता अच्छी होती है। वास्तव में धूम्रपान करने वालों में करक्यूमिन का सेवन 9।2 प्रतिशत ज्यादा फेफड़ों से जुड़ा हुआ है।
दहीप्रदूषण के कारण जिन लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है, उन्हें दही का सेवन शुरू कर देना चाहिए। इसमें कैल्शियश्म, पेाटेशियम, फास्फोरस और सेलेनियम होता है। शोध के अनुसार, ये पोषक तत्व फेफड़ों के काम को बढ़ावा देने और सीओपीडी के रिस्क को कम कर देते हैं।
कॉफीआपके एनर्जी लेवल को बूस्ट करने के अलावा कॉफी फेफड़ों के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हो सकती है। कॉफी का सेवन फेफड़ों के कार्य को बेहतर बनाने और सांस की बीमारियों से बचाने में मदद करता है। अस्थमा से पीड़ित लोगों में लक्षणों को कम करने के लिए कॉफी का सेवन करने की सलाह दी जाती है।