महिलाएं गृहणी हो या कामकाजी उनके कंधे पर कई जिम्मेदारियां होती हैं जिन्हें निभाते-निभाते वे अपनी सेहत का ख्याल रखना भूल जाती हैं। ऐसे में महिलाओं को अपने लिए कुछ वक़्त निकालते हुए योगासन करने पर ध्यान देना चाहिए। योगासन आपको मन की शांति देने के साथ ही स्वस्थ तन भी देता हैं। आज इस कड़ी में हम आप महिलाओं के लिए कुछ ऐसे योगासन लेकर आए हैं जो आपको दिनभर काम करने की एनर्जी देने के साथ ही अच्छी सेहत भी प्रदान करेंगे। तो आइये जानते हैं इन योगासन और इन्हें करने के तरीके के बारे में...
ताड़ासन
अगर आप एक बिगनर हैं तो ऐसे में आप ताड़ासन का अभ्यास करें। यह आसन आपकी फुल बॉडी को स्ट्रेच करता है, बल्कि बॉडी पॉश्चर को भी बेहतर बनाता है। आप योगासनों की शुरूआत में इसका अभ्यास कर सकती हैं। ताड़ासन आपकी बॉडी को अधिक फ्लेक्सिबल बनाता है। इसलिए, नियमित रूप से इस आसन का अभ्यास करना चाहिए।
ताड़ासन करने का तरीका
- ताड़ासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले मैट पर सीधी खड़ी हो जाएं।
- इस अवस्था में आप अपनी एड़ियों को एक-दूसरे के साथ मिला कर रखें।
- अब अपने दोनों हाथों को ऊपर की तरफ उठाएं।
- अब सांस लेते हुए, अपने शरीर को ऊपर की ओर खीचें।
- यथासंभव इस अवस्था में रूकें और फिर धीरे-धीरे सांस को छोड़ते हुए सामान्य स्थिति में लौट आएं।
धनुरासन
धनुरासन में शरीर एक धनुष की भांति तना हुआ नजर आता है। इस आसन को थायराइड के लिए काफी अच्छा माना गया है। जिन लोगों को थायराइड की समस्या होती है, उन्हें अक्सर थकान का अहसास होता है। इसके अलावा, यह आपके मोटापे को भी कम करता है। मोटापे के कारण भी अधिकतर लोग जल्दी थक जाते हैं। इस आसन का अभ्यास करने के लिए यह स्टेप फॉलो करें-
धनुरासन करने का तरीका
- सबसे पहले मैट पर पेट के बल लेट जाएं।
- अब अपने घुटनों को मोड़ते हुए कमर के पास ले आएं।
- अब आप अपने हाथ से दोनों टखनों को पकड़ने का प्रयास करें।
- जब अप अपने टखनों को पकड़ लें तो अपने सिर, छाती और जांघ को भी ऊपर की ओर उठाएं।
- इस अवस्था में कोशिश करें कि आपके शरीर का भार पेट के निचले हिस्से पर हो।
- अपनी क्षमतानुसार इस अवस्था में रूकें और फिर वापस लौट आएं।
भुजंगासन
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यह एक बेहद ही साधारण आसन है, जो महिलाओं को होने वाले तनाव और थकान को कम करने में सहायक है। इतना ही नहीं, अधिकतर गृहिणियों को अक्सर कमर में दर्द की शिकायत रहती है, उनके लिए भी यह आसन लाभदायक है, क्योंकि यह पीठ के निचले हिस्से में होने वाले दर्द से राहत दिलाता है।
भुजंगासन करने का तरीका
- इस आसन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले मैट बिछाकर पेट के बल लेट जाएं।
- अपने हाथों को छाती के बगल में रखें और माथे को जमीन पर टिकाएं।
- अब अपने दोनों पैरों के बीच हल्का सा गैप रखते हुए उन्हें सीधा रखें।
- अब लंबी सांस भरते हुए अपनी हाथों की मदद से नाभि तक शरीर को ऊपर उठाने का प्रयास करें।
- ध्यान रखें कि आप पहले सिर को, फिर छाती और आखिर में नाभि वाले हिस्से को ऊपर उठाना होगा।
- यथासंभव इस अवस्था में रूकें और फिर धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में लौट आएं।
पश्चिमोत्तानासन
पश्चिमोत्तानासन का अभ्यास करने से महिलाओं को एक साथ कई लाभ होते हैं। यह आपकी बैक को मजबूत बनाने से लेकर डाइजेशन को बेहतर बनाता है। इतना ही नहीं, जिन महिलाओं में सिर में दर्द या फिर तनाव व चिंता की शिकायत रहती है, उन्हें भी इस आसन का अभ्यास करना चाहिए। अगर आप थकान, मोटापा या अनिद्रा से परेशान हैं तो ऐसे में भी पश्चिमोत्तानासन बेहद लाभदायक है।
पश्चिमोत्तानासन करने का तरीका
- इस आसन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले मैट बिछाकर उस पर पैर सीधे करके बैठ जाएं।
- इस अवस्था में आपके घुटने एकदम सीधे होने चाहिए और दोनों पैर आपस में मिले हुए हों।
- इसके बाद, आप दोनों हाथों को ऊपर की ओर उठाते हुए और धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें।
- अब आप माथे को घुटनों से सटाने की कोशिश करें। साथ ही हाथों से पैरों के अंगुठों को पकड़ने का प्रयास करें।
- शुरूआत में हो सकता है कि आप ऐसा ना कर पाएं, लेकिन घुटने को मोड़े बिना जितना संभव हो, करें।
- अब अपनी सुविधानुसार कुछ सेकंड के लिए इसी अवस्था में रूकें।
- फिर धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में लौट आएं।
बालासन
अगर आप अपनी बॉडी को एकदम रिलैक्स करना चाहती हैं, तो बालासन का अभ्यास किया जा सकता है। यह न केवल तनाव को कम करता है, बल्कि आपकी बॉडी की खोई हुई ऊर्जा को वापस लौटाने और शांति प्रदान करने में मदद करता है। भले ही आप एक बिगनर हैं, तब भी इस आसन का अभ्यास कर सकते हैं।
बालासन करने का तरीका
- सबसे पहले योगा मैट पर घुटनों के बल बैठ जाएं।
- इस दौरान आपके दोनों टखने और और एड़ियां आपस में एक-दूसरे को टच करती हो।
- अब, गहरी सांस लें और हाथों को ऊपर करें व आगे की तरफ झुकें।
- आप इतना झुकें कि पेट दोनों जांघों के बीच आ जाएं, अब सांस छोड़ दें।
- इस अवस्था में जितना हो सके, रूकने का प्रयास करें।
- याद रखें कि दोनों हाथ घुटनों की सीध में ही रहें।
- अब वापिस सामान्य अवस्था में लौट आएं।
पवनमुक्तासन
पवनमुक्तासन को मुख्य रूप से पाचन तंत्र के लिए काफी अच्छा माना जाता है, क्योंकि यह कब्ज और गैस की परेशानियों को दूर करने में कारगर है। लेकिन इसके अलावा, इस आसन के नियमित अभ्यास से पीठ के निचले हिस्से की मांसपेशियां भी मजबूत होती है। वहीं, महिलाओं के लिए इसे विशेष रूप से लाभदायी माना गया है, क्योंकि यह महिलाओं की पीरियड्स प्रॉब्लम और बांझपन की समस्या को भी काफी हद तक दूर कर सकता है।
पवनमुक्तासन करने का तरीका
- पवनमुक्तासन का अभ्यास करने के लिए मैट बिछाकर सीधे लेट जाएं।
- अब एक गहरी श्वास लें और सांस छोड़ते हुए, दोनों पैरों को ऊपर उठाकर घुटनों को मोड़ें।
- अब, अपने दोनों हाथों से अपने घुटने को पकड़ लें और कुछ सेकंड तक मजबूती से दबाए रखें।
- अब अपने हाथों को छोड़ें और फिर पैरों को दोबारा सीधा करें।
- इसी प्रक्रिया को आप एक-एक पैर से भी कर सकते हैं।
उष्ट्रासन
उष्ट्रासन श्वसन तंत्र के लिए काफी अच्छा माना गया है। इसके अभ्यास से शरीर में ऑक्सीजन लेवल बेहतर होता है। साथ ही अगर नियमित रूप से इस आसन का अभ्यास किया जाए तो जांघों का फैट कम होता है और जो महिलाएं हेयर फॉल की समस्या से जूझ रही हैं, उन्हें भी यह आसन अवश्य करना चाहिए। यह आसन आपके कंधों और पीठ को स्ट्रेच करता है, जिससे रीढ़ अधिक फ्लेक्सिबल बनती है।
उष्ट्रासन करने का तरीका
- उष्ट्रासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले घुटने टेककर चटाई पर बैठ जाएं।
- इस दौरान आपके दोनों घुटनों के बीच में हल्का सा गैप हो।
- अब आप धीरे-धीरे पीछे की ओर झुकते हुए हाथों को पीछे की ओर ले जाएं।
- अब आप, अपनी एड़ी को धीरे से पकड़ने की कोशिश करें।
- इस अवस्था में आप अपनी चिन को ऊपर उठाएं और पेट को हल्का आगे की ओर करें।
- कुछ देर इस अवस्था में रूकें।
- अंत में, सांस छोड़ते हुए धीरे से वापिस सामान्य अवस्था में लौट आएं।
- अगर आप पहली बार यह आसन कर रही हैं या फिर आपको घुटनों में कोई समस्या है तो आप पहले मैट के उपर कुशन रख लें और उसके बाद ही इस आसन का अभ्यास करें।