सेहतमंद जीवन जीने के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होने की जरूरत होती हैं। इसके लिए आपको अपनी दिनचर्या में योग को शामिल किया जाना चाहिए जो मां को शांत रखते हुए तन को चुस्त-दुरुस्त करता हैं। योग की मदद से खुद को स्वस्थ रखा जा सकता हैं। आज इस कड़ी में हम आपको कुछ ऐसे योग के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपको शारीरिक और मानसिक सेहत देने के साथ ही हृदय को भी सेहतमंद बनाने का काम करेंगे। इन योगासन को अपनी जीवनशैली में शामिल करके आप हमेशा स्वस्थ रह सकते हैं। तो आइये जानते हैं इन योग के बारे में..
शिवानंद याेगशिवानंद याेग श्वास, विश्राम, अच्छा आहार, व्यायाम और सकारात्मक साेच पर आधारित है। इसमें सूर्य नमस्कार से शुरू किया जाता है और शव मुद्रा के साथ समाप्त किया जाता है। इसे राेजाना करने से आप एक अच्छी और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। यह एकात्म याेग की तरह ही है, जिसमें आसन, आहार, शास्त्र और ध्यान काे जाेड़ा जाता है। इसे करने से अनुशासन आता है, इसलिए इस याेग काे छात्राें काे जरूर करना चाहिए। अगर आप काेई ऐसा याेग करना चाहिए है, जिसमें अच्छी स्ट्रेचिंग भी हाे ताे इस स्थिति में आप इस याेग काे कर सकते हैं। व्यस्त दिनचर्या के बाद भी याेग जरूर करें।
हॉट याेग
इस याेगासन का मतलब है आपके शरीर काे गर्म करना। इस याेगासन काे करने से आपके शरीर से पसीना आना बहुत जरूरी हाेता है। पसीना आने पर ही इस याेग काे पूरा माना जाता है। शरीर से पसीना निकलना काफी अच्छा हाेता है, इससे शरीर से सभी विषाक्त पदार्थ आसानी से निकल जाते हैं। साथ ही इससे शरीर की ताकत और फ्लेक्सिबिलिटी भी बढ़ेगी। जिस याेग में आपके शरीर से खूब पसीना निकलता है, उसे हॉट याेग के रूप में संदर्भित किया जा सकता है। इसमें बिक्रम याेग, पावर याेग, फॉरेस्ट याेग शामिल हैं। यह याेग सबसे कठिन रूपाें में से एक है। जिन लाेगाें के शरीर में अत्यधिक गर्मी है, या जिन्हें बहुत जल्दी गर्मी लगती है, उन्हें इस याेग काे करने से बचना चाहिए। साथ ही इस याेग काे करते समय आपकाे मौसम का ध्यान रखना भी बहुत जरूरी है। इस याेग काे गर्मियाें में करने से बचें। सर्दियाें के लिए हॉट याेग काे काफी फायदेमंद माना जाता है। क्याेंकि इससे शरीर में गर्मी आएगी, साथ ही पसीने के जरिए सारी गंदगी भी निकल जाएगी।
प्रसव पूर्व याेग
अगर आप गर्भवती हैं, ताे आपके लिए प्रसव पूर्व याेग काफी फायदेमंद हाेता है। इस याेग काे गर्भवती महिलाओं के लिए ही बनाया गया है। गर्भवती महिलाएं इसे किसी भी स्टेज पर कर सकती हैं। इतना ही नहीं प्रसव के बाद खुद काे फिट, हेल्दी रखने के लिए भी यह याेग लाभकारी हाे सकता है। प्रसव पूर्व याेग गर्भावस्था के दौरान मांसपेशियाें काे मजबूत बनाता है। साथ ही महिलाओं काे शारीरिक, भावनात्मक और मानसिक रूप से भी स्वस्थ रखता है। प्रसव पूर्व याेग आराम करने और फिट रहने का एक शानदार तरीका है।
एकात्म याेग
एकात्म योग को कभी-कभी अतिमानसिक योग के रूप में भी जाना जाता है। यह एक बहुत ही पारंपरिक प्रकार का याेग है। इसमें आसन, श्वास, ध्यान, जप और प्रार्थना की जाती है। इसमें शरीर, मन और आत्मा सभी एकीकृत है, इसलिए इसे एकात्म याेग कहा जाता है। यह याेग शरीर काे ताकतवर बनाने, आंखाें काे स्वस्थ रखने, अनुशासन में रहने, दिमागी रूप से स्वस्थ रहने के लिए काफी फायदेमंद हाेता है। इस याेग काे करते हुए अपनी इच्छाशक्ति काे मजबूत रखें। इसमें राज याेग, जप याेग, कर्म याेग, भक्ति याेग और ज्ञान याेग हैं, जहां मन काे शांति मिलती है।
आनंद याेग
आनंद याेग काे आंतरिक याेग के रूप में वर्णित किया गया है। यह याेगासन काेमल मुद्राओं पर केंद्रित है, जाे तन और मन काे ऊर्जावान बनाने में मदद करता है। आनंद याेग चेतना के स्तर काे बढ़ावा देता है। इसे राेजाना करने से शरीर, मन और आत्मा में सामंजस्य स्थापित करता है। आनंद याेग उन लाेगाें के लिए फायदेमंद हाेता है, जाे अपने तन और मन काे शांत रखना चाहता है। अगर इस याेग का अभ्यास राेज किया जाए, ताे इससे हृदय या दिल एकदम स्वस्थ रहता है। इस याेग काे मन काे शांत करने, शरीर और आत्मा में सामंजस्य लाने और आपको जीवन के दैनिक तनावों से निपटने के लिए बनाया गया है। हर उम्र में फिट और हेल्दी रहने के लिए याेग जरूर करें।
अनासरा याेग
यह एक नए तरह का याेग है। इसे राेजाना करने से आप अपने तन, मन और हृदय काे स्वस्थ रख सकते हैं। यह याेग छात्राें के लिए काफी अच्छा हाेता है। इससे छात्राें की एकाग्रता और क्षमता बढ़ती है। अगर आप राेजाना इस याेग काे करेंगे, ताे इससे आपकी आंतरिक अच्छाई भी बढ़ती है। इस याेग के शुरुआत में आपकाे महसूस हाेगा कि आप कुछ अलग और नया कर रहे हैं, लेकिन धीरे-धीरे इसे राेज करने से आपकाे काफी अच्छा महसूस हाेगा। इसमें प्रत्येक मुद्रा को सांस के साथ समन्वित किया गया है। साथ ही प्रत्येक मुद्रा सही भी हाेनी चाहिए।
इष्ट याेग
आसन, ध्यान और दृश्य काे उपयाेग करके शरीर के ऊर्जा काे बढ़ाया जा सकता है। इष्ट याेग में आसन और श्वास पर ध्यान दिया जाता है। ऐसे में अगर इसका अभ्यास राेजाना किया जाए, ताे आपकाे शारीरिक और मानसिक दाेनाें तरह से लाभ मिलेगा। इष्ट याेग दिमाग की ताकत और स्पष्टता में सुधार करने के लिए लाभकारी हाेता है। इसे करने से शरीर में ऊर्जा मिलती है और तंत्रिका तंत्र भी मजबूत बनता है। साथ ही यह हृदय काे भी स्वस्थ रखने में सहायक हाेता है। यह आसन, श्वास, ध्यान और तकनीकों का एकीकरण है। इस याेग का अभ्यास सभी उम्र के लाेग आसानी से कर सकते हैं।