शरीर के हर अंग का अपना कुछ काम होता हैं जो सेहत को स्वस्थ बनाए रखता हैं। ऐसा ही एक अंग हैं लिवर जो शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है। मस्तिष्क के बाद लिवर शरीर का दूसरा सबसे बड़ा और जटिल अंग है। आप जो भी खाते या पीते हैं, चाहे वह भोजन, शराब, दवा या गंदे पदार्थ हो, लीवर उन्हें फिल्टर कर देता है। इसके अलावा लिवर डाइजेशन, मेटाबॉलिज्म सही करना और पोषक तत्वों का भंडारण करना जैसे कई महत्वपूर्ण कार्य करता है। लिवर जब आपका इतना ध्यान रखता है तो आपको भी इसका ख्याल रखने की जरूरत होती हैं। क्योंकि लिवर की खराब हेल्थ का असर पूरी सेहत पर पड़ता है। ऐसे में आज इस कड़ी में हम आपको कुछ ऐसी ड्रिंक्स के बारे में बताने जा रहे हैं जो लिवर के लिए जहर का काम करती हैं। इन्हें छोड़ देने में ही आपकी भलाई हैं। आइये जानते हैं इन ड्रिंक्स के बारे में...
सोडा और कोल्ड ड्रिंक्स
खाने में बहुत अधिक चीनी शामिल करने से लीवर में फैट जमा हो सकता है, जिससे लीवर का काम करना मुश्किल हो सकता है। नियमित सोडा पीने से लीवर से जुड़े कई रोग हो सकते हैं।रिसर्च से पता चलता है कि जो लोग बहुत अधिक सॉफ्ट ड्रिंक पीते हैं, उनमें नॉन-अल्कोहल फैटी लीवर रोग होने की संभावना अधिक होती है। लेकिन रिसर्च में इसके प्रमाण नहीं मिले हैं कि सॉफ्ट ड्रिंक से ही लिवर कमजोर होता है। लेकिन अगर सावधानी के तौर पर भी सॉफ्ट ड्रिंक का सेवन कम करते हैं, तो लिवर को सुरक्षित रखने में मदद मिल सकती है।
ए
नर्जी ड्रिंक
एनर्जी ड्रिंक्स में ऐसे तत्व होते हैं जो आपको भरपूर ऊर्जा देने का वादा करते हैं। लेकिन इन ड्रिंक्स का सेवन करने से लीवर की गंभीर बीमारी हो सकती है। कम कैफीन से लीवर को नुकसान होने की संभावना नहीं है लेकिन कैफीन का अधिक मात्रा में सेवन किया जाता है, तो कैफीन, चीनी और अन्य चीजों की मात्रा लीवर को नुकसान देती हैं।
मलाई वाला दूध
जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंडोक्रिनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म में प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार, बहुत अधिक संतृप्त वसा का सेवन आपके लीवर को कोई फायदा नहीं कर रहा है। संतृप्त वसा का अधिक सेवन आपके लीवर में वसा जमा होने को बढ़ावा देता है। एक कप पूरे दूध में 4।5 ग्राम संतृप्त वसा होता है, जो एक वयस्क की दैनिक जरूरतों का लगभग 20% है।
बियर और वाइन
बियर और वाइन पीने से भी आपके लीवर पर असर पड़ता है क्योंकि यह चीजें ट्राइग्लिसराइड्स लेवल को बढ़ाती है। यह खून में एक प्रकार का फैट होता है। इनमें कैलोरी ज्यादा होती है। शरीर में मौजूद कोई भी कैलोरी जिसे आप ऊर्जा के लिए तुरंत उपयोग नहीं करते हैं, ट्राइग्लिसराइड्स में परिवर्तित हो जाती है। लीवर में ट्राइग्लिसराइड्स जमा होने से लीवर के रोग का कारण बन सकता है। कई लोगों का ऐसा मानना है कि बीयर में एल्कोहल की मात्रा कम होती है। ऐसे में इसके सेवन से लिवर को कोई नुकसान नहीं होगा। हालांकि, बीयर में कैलोरीज की मात्रा बहुत अधिक होती है। अगर लोग एक बार में 2 या उससे अधिक ड्रिंक लेते हैं तो इससे शरीर में कैलोरीज बहुत अधिक मात्रा में पहुंचता है।
फ्रूट जूस
एक्सपर्ट्स के अनुसार ताजे फल लिवर को जितना स्वस्थ रखते हैं, उतना ही नुकसान पहुंचाते हैं फलों के रस। इनमें फ्रुक्टोज की मात्रा अधिक होती है जो लिवर को नुकसान पहुंचाता है। ये लिवर में फैट की मात्रा को बढ़ाते हैं जो लोगों को नॉन-एल्कोहोलिक फैटी लिवर डिजीज का मरीज बना सकता है।
ज्यादा शराब पीना
वैसे तो लीवर में शराब को तोड़ने की क्षमता होती है लेकिन अगर आप इस अंग के मुकाबले ज्यादा शराब पी रहे हैं, तो यह धीरे-धीरे नुकसान पहुंचा सकता है। इससे लीवर में फैट जमा हो सकता है। आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि शराब हर तरह से शरीर के लिए नुकसानदायक है। शराब का ज्यादा सेवन लिवर पर सीधा असर डालता है। ज्यादा शराब पीने से आप इसके आदी हो सकते हैं। लिवर को सुरक्षित रखना है तो अल्कोहल का सेवन कम से कम करें। पुरुषों को एक दिन में दो और महिलाओं को 1 ड्रिंक से ज्यादा नहीं लेना चाहिए।
मीठे पेय पदार्थ
एक स्टडी के मुताबिक, मीठे पेय पदार्थों के सेवन से परहेज करके फैटी लिवर के खतरे को टाला जा सकता है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, ऐसे लोग जो मीठी चीजें ज्यादा खाते हैं या एक दिन कई बार मीठे पेय पदार्थ पीते हैं। उनमें फैटी लिवर होने का खतरा उन लोगों की तुलना में ज्यादा होता है, जो शुगर ड्रिंक्स नहीं पीते। स्टडी में कहा गया है कि आप कभी-कभार ऐसी ड्रिंक्स का सेवन कर सकते हैं। ऐसी चीजें हफ्ते में या महीने में एक बार तो पी सकते हैं, लेकिन रोज या एक दिन में कई बार न पिएं।