तुलसी के 5 फायदे

तुलसी का पौधा भारत के लगभग हर घर में पाया जाता है।तुलसी की पूजा की जाती है| हिन्दू मान्यता के अनुसारतुलसी का पौधा पूजनीय है| तुलसी मात्र एक पौधा ही नहीं है बल्कि औषधि भी है,जिसका इस्तेमाल कई बीमारियों में किया जाता है। सर्दी-खांसी से लेकर कई बड़ी और भयंकर बीमारियों में भी तुलसी का इस्तमाल किया जाता है।आयुर्वेद में तुलसी के पौधे के हर भाग को स्वास्थ्य के लिहाज से फायदेमंद माना गया है। तुलसी की जड़, उसकी शाखाएं, पत्ती और बीज सभी का अपना-अपना महत्व है।

1. चोट लग जाने पर - तुलसी का उपयोग चोट लगने पर किया जाता है। तुलसी के पत्ते को फिटकरी के साथ मिलाकर लगाने से घाव जल्दी ठीक हो जाते हैं। तुलसी में एंटी-बैक्टीरियल तत्व होते हैं जो घाव को पकने नहीं देता। इसके अलावा तुलसी के पत्ते को तेल में मिलाकर लगाने से जलन भी कम होती है।

2. चेहरे की चमक के लिए - त्वचा संबंधी रोगों में तुलसी खासकर फायदेमंद होती है। इसके इस्तेमाल सेचेहरा साफ हो जाता है और कील मुंहासे भी ठीक हो जाते हैं।

3. कान दर्द में - तुलसी के कुछ पत्तों को सरसों के तेल में भून कर इसमेंलहसुन का रस मिलाकर कान में डालनेसे कान के दर्द में आराम मिलता है।

4. सांस की दुर्गंध दूर करने के लिए - सांस की दु्र्गंध को दूर करने में भी तुलसी के पत्ते काफी फायदेमंद होते हैं और प्राकृतिक होने की वजह से इसका कोई साइडइफेक्ट भी नहीं होता है। मुँह की दुर्गन्ध को दूर करने के लिएतुलसी के पत्तों को चबा लें इससे दुर्गंध चली जाती है।

5. यौन रोगों के इलाज में - यौन रोगों की समस्याओं को दूर करने में भी तुसली बहुत किफायती होती है।पुरुषों में शारीरिक कमजोरी होने पर तुलसी के बीज का इस्तेमाल करने सेयौन-दुर्बलता कम हो जाती है।