आज से ही अपनी डाइट में शामिल करें ये 10 सुपर फूड्स, हेल्दी हार्ट की चाहत होगी पूरी

वर्तमान समय की जीवनशैली में खुद को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी हैं कि अपने आहार को संतुलित किया जाए और ऐसी चीजों को शामिल किया जाए जो पोषक तत्वों से भरी हो एवं शरीर की परेशानियों से निजात दिलाने में मदद करें। खासतौर से इन दिनों में दिल से जुड़ी बिमारियों के मरीज बहुत सामने आ रहे है। हार्ट से जुड़ी बीमारियां जानलेवा साबित हो रही हैं। ऐसे में आज हम आपके लिए कुछ सुपरफूड लेकर आए हैं जिन्हें आहार में शामिल कर हेल्दी हार्ट की चाहत को पूरा किया जा सकता हैं। तो आइये जानते है दिल की सेहत को बनाने वाले इन आहार के बारे में...

अलसी के बीज

अलसी के बीज में ओमेगा-3 फैटी एसिड गुड फैट काफी मात्रा में पाई जाती है, जिससे दिल के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं। यह दिल की बीमारी के जोखिम को कम करने, कैंसर, स्ट्रोक और मधुमेह घटाने में मदद कर सकता है। अलसी के बीज में घुलनषील और अघुलनषील दोनों तरह के फाइबर होते हैं। कई अध्ययनों में पाया गया है कि आहार में ओमेगा-3 वाले अलसी के बीज का सेवन करने से धमनियों का कड़ापन दूर करने में मदद मिलती है। अपनी डेली डाइट में एक छोटा चम्मच अलसी के बीज को शामिल करके आप दिल से जुड़ी कई बिमारियों से बच सकते हैं।

हल्दी

हल्दी में पावरफुल एंटी-ऑक्सीडेंट होता है। हल्दी दिल की बीमारी को कम करने में मददगार होता है। हल्दी का मुख्य लाभ दिल की बामारी में होता है और यह एंडोथेलियम फंक्शन में सुधार लाता है, जो आपकी रक्त नलिकाओं की लाइनिंग होती है। इसलिए हल्दी का सेवन प्रतिदिन करें।

लहसुन

अपने आहार में लहसुन को जरुर शामिल करें। लहसुन ब्लड लिपिड्स और प्लैक के गठन को कम करता है। उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन) से पीड़ित व्यक्ति में लहसुन की उच्च खुराक से रक्तचाप में सुधार देखा गया है। कुछ मामलों में, पूरक आहार (सप्लीमेंट्स) नियमित दवाओं के समान प्रभावी हो सकता है। खासकर ऐसे व्यक्तियों में जिन्हें उच्च कोलेस्ट्रोल की षिकायत हो, लहसुन के सेवन से टोेटल और एलडीएल कोलेस्ट्रोल में कमी आती है, । इससे एचडीएल कोलेस्ट्रोल और टाइग्लिसराइड्स प्रभावित होता प्रतीत नहीं होता है।

सोयाबीन

सोया और टोफू प्रोटीन, फाइबर, विटामिन, मिनरल्स और पोली-अनसैचुरेटिड फैट से भरपूर होता है, जो कि दिल के स्वास्थ्य के लिए अच्छा है। सोया एलडीएल स्तर को कम करने में भी सहायक है। सोया उत्पादों में पाॅलिसैचुरेटेड फैट्स फाइबर, विटामिन्स और मिनरल्स काफी मात्रा में होते हैं। एंटी-आॅक्सीडेंट और एंटी-एनजियोजेनेसिस गतिविधि की वजह से ये दिल की बामारियों के जोखिम को कम करने में मददगार होते हैं। सोयाबीन को लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स के तौर पर भी जाना जाता है।

ओट्स

ये ग्लूटेन-फ्री साबुत अनाज (होल ग्रेन) होते हैं और महत्वपूर्ण विटामिन्स, मिनरल्स, फाइबर एवं एंटी-ऑक्सीडेंट्स का प्रमुख स्रोत होते हैं। यह घुलनशीन फाइबर से युक्त होते हैं, जो कि कोलेस्ट्रॉल स्तर को कम करने में मदद करते हैं। साथ ही, आंत के ट्रांजिट टाइम में वृद्धि करते हैं और ग्लूकोज के अवशोषण को कम करते हैं। इसमें बीटा ग्लूकन होता है, जो कि फैट कम करने में सहायक है। इसे चपाती के रूप में अपनी डाइट में शामिल किया जा सकता है या फिर फलों और ड्राई फ्रूट्स के साथ दलिए के रूप में भी ले सकते हैं। यह एक हेल्दी ब्रेकफास्ट का विकल्प है। ओट्स में कई पावरफुल एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं। ये यौगिक रक्तचाप को कम करने और अन्य लाभ प्रदान करने में मदद कर सकते हैं।

शहद

शहद में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स को हार्ट अटैक, स्ट्रोक्स और कुछ तरह के कैंसर के जोखिम को कम करने के लिए जाने जाते हैं। ये आंखों के स्वास्थ्य को भी बढ़ाते हैं। शहद में फेनोलिक कंपाउंड्स जैसे फ्लेवोनाॅइड सहित कई तरह के एंटी-आॅक्सीडेंट्स होते हैं। कुछ अध्ययनों से पता चला है कि षहद मधुमेह से पीड़ित लोगों में दिल की बामारी के जोखिम कारकों में सुधार लाता है। शहद के सेवन से रक्तचाप में थोड़ी कमी आती है, जो दिल की बीमारी का एक अहम कारक है। कोलेस्ट्रोल लेवल पर भी शहद का सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यह टोटल और ‘‘बैड” एलडीएल कोलेस्ट्रोल को कम करने में सहायक है, वहीं ‘‘गुड़” एचडीएल कोलेस्ट्रोल को बढ़ाता है।

इसबगोल

यह बैड कोलेस्ट्रोल (एलडीएल), ब्लड ग्लूकोज और ट्राइग्लिसराइड्स को कम करता है। घुलनशील फाइबर होने की वजह से इसबगोल बिना टूटे हुए या अवषोशित हुए आपके पाचन तंत्र से होकर गुजरने में सक्षम होता है। यह पानी अवषोशित करता है और एक चिपचिपा यौगिक बन जाता है, जो कब़्ज, ब्लड शुगर, रक्तचाप, कोलेस्ट्रोल और वजन कम करने में लाभकारी होता है। इसबगोल षरीर से पित्त अम्ल या बाइल एसिड को दूर कर टोटल कोलेस्ट्रोल को कम करने में सहायक हो सकता है। इसबगोल फाइबर के नियमित सेवन से रक्तचाप, ट्राइग्लिसराइड्स लेवल कम करने और दिल की बामारी के जोखिम घटाने में मदद मिलती है।


आंवला

आंवला में एंटी-ऑक्सीडेंट विटामिन सी काफी मात्रा में पाई जाती है, जो सूजन दूर करने में मददगार होता है। यह विटामिन सी का प्रमुख स्रोत है और साथ ही इसमें आयरन और कैल्शियम भी पाया जाता है। बैड कोलेस्ट्रोल को कम कर आंवला दिल की बीमारी के जोखिम को घटाता है। यह गुड कोलेस्ट्रोल या एचडीएल को बढ़ाकर धमनियों के अवरोध को भी कम करता है। अध्ययन से पता चला है कि यह रक्त नलिकाओं की दीवारों की मोटाई को रोकने, जो दिल की बीमारी का पहला संकेत होता है, में भी लाभकारी है।

मेथी दाना

इसमें काफी मात्रा में फाइबर होता है, जो ब्लड ग्लूकोज को कम करने के साथ-साथ कोलेस्ट्रोल और ट्राइग्लिसराइड्स को रोकने में मदद करता है। यह टाइप-1 और टाइप-2 दोनों तरह के डायबिटिज़ में लाभकारी है और साथ ही नाॅन-डायबिटिक और स्वस्थ्य व्यक्तियों में सामान्य कार्बोहाइड्रेड की सहनशीलता में भी सुधार लाता है। मेथी दाना कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है। हार्ट अटैक के दौरान यह हृदय को गंभीर क्षति से बचाता है।

बादाम/अखरोट

दोनों में ओमेगा-3 फैटी एसिड्स और विटामिन-ई प्रचुर मात्रा में होती है, जो एलडीएल कोलेस्ट्रोल को कम करता है। अखरोट में किसी अन्य मेवे की तुलना में कहीं ज्यादा एंटी-ऑक्सीडेंट होता है। इसके साथ ही अखरोट में किसी भी अन्य मेवे की तुलना में काफी उच्च मात्रा में ओमेगा-3 फैट होता है, और प्रति 1-औंस (28 ग्राम) के सेवन से 2।5 ग्राम ओमेगा-3 फैट प्राप्त होता है। अखरोट सहित वनस्पतियों से प्राप्त ओमेगा-3 वसा को अल्फा-लिनोलेनिकैसिड (एएलए) कहा जाता है। यह एक आवश्यक वसा है और हर किसी को इसे अपने आहार में शामिल करना चाहिए।