फेफड़ों पर मरहम का काम करते हैं ये 10 आहार, डाइट में शामिल कर लंग्स को बनाएं पावरफुल

शरीर में फेफड़े एक बेहद ही महत्वपूर्ण अंग हैं जो श्वसन तंत्र को सुचारू रूप से चलाने का काम करते हैं। फेफड़े लगातार हमारे शरीर को ऑक्सीजन प्रदान करते हैं। आजकल देखने को मिल रहा हैं कि खराब लाइफस्टाइल और प्रदूषण के कारण फेफड़े कमजोर होने लगे हैं। अगर ये स्वस्थ नहीं रहते हैं, तो सांस लेने में कठिनाई होने लगती है। ऐसे में जरूरी हैं कि फेफड़ों की सेहत को अच्छी बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाए। इसका सबसे आसान तरीका हैं आपका आहार जो शरीर को पोषण देते हुए फेफड़ों को स्ट्रोंग बना सकते हैं। आज इस कड़ी में हम आपको उन्हीं आहार के बारे में जो फेफड़ों पर मरहम का काम करते हुए स्वस्थ बनाते हैं। आइये जानते हैं इनके बारे में...

साबुत अनाज

साबुत अनाज फेफड़ों के लिए हेल्दी डाइट माना जाता है। इसमें पर्याप्त मात्रा में फाइबर, विटामिन ई और कई जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसके अलावा यह एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है। आप खाने में गेहूं, जौ, मूंग आदि से बने खाद्द-पदार्थ को शामिल कर सकते हैं।

हल्दी वाल दूध

हल्दी में करक्यूमिन होता है जो कैंसर से लड़ने में ही कारगर नहीं होता, बल्कि ये फेफड़ों के इंफेक्शन और सूजन को भी ठीक करता है। करक्यूमिन में एंटी इन्फ्लेमेटरी गुणों से भरा होता है और जब ये गर्म दूध के साथ मिलाया जाता है तो कफ को बाहर कर लंग्स के इंफेक्शन को दूर कर उसे मजबूती देता है।

कद्दू

कद्दू पोटेशियम, मैग्नीशियम, विटामिन सी और विभिन्न कैरोटीनॉड्स के बहुत ही अच्छे स्रोतों में से एक हैं। फेफड़ों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए ये मौसमी खाद्य पदार्थ आदर्श है। कद्दू में कई पोषक तत्वों की पहचान की गई है जो ऑक्सीडेटिव तनाव और फेफड़ों के कैंसर के निचले स्तर से जुड़े हैं।

मेथी

फेफड़ों को हेल्दी रखने के लिए मेथी का सेवन भी फायदेमंद हो सकता है। हेल्दी लंग्स के लिए मेथी की चाय पी सकते हैं। मेथी की चाय पीने से कफ कम होता है। फेफड़े खाली हो जाने से लंग्स में इंफेक्शन का खतरा भी कम होता है। गौरतलब है कि अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और कोरोना वायरस जैसी बीमारियों में फेफड़ों में इंफेक्शन हो जाता है। जिससे, कफ बहुत अधिक मात्रा में बनने लगती है और छाती में जमा होने लगती है। मेथी का काढ़ा या मेथी की चाय पीने से यह जमा कफ नर्म होकर शरीर से बाहर निकल जाती है।

अदरक

अदरक एक शक्तिशाली जड़ी बूटी है। एक मजबूत एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-माइक्रोबियल गुणों से भरपूर होने के कारण यह फेफड़ों को स्वस्थ रखने और प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए फायदेमंद माना जाता है। यह फेफड़ों से वायु प्रदूषकों और तंबाकू के धुएं को खत्म करने के लिए भी जाना जाता है। इसके साथ ही यह फेफड़ों में कफ भर जाने, ब्रोंकाइटिस और अस्थमा जैसी कई क्रॉनिक फेफड़ों की बीमारियों में भी कारगर साबित होता है।

अखरोट
फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए आप अखरोट भी खा सकते हैं। इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड मुख्य रूप से मौजूद होता है। एक मुट्ठी अखरोट खाने से अस्थमा और अन्य श्वसन संबंधित समस्याओं से लड़ने में मदद मिल सकती है। ओमेगा-3 फैटी एसिड एक एंटी-इंफ्लेमेटरी न्यूट्रिएंट्स होता है, जो इंफ्लेमेशन से संबंधित समस्याओं को कम कर सकता है।

बीन्स

बीन्स में कई पोषक तत्व होते हैं जो उन्हें हमारे आहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाते हैं। लेकिन इनमें मौजूद फोलेट सामग्री विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। एक रिसर्च ने सीओपीडी के साथ कम फोलेट स्तरों को जोड़ा है जो सबसे आम और खतरनाक फेफड़ों की स्थिति में से एक है। काले सेम, दाल और अन्य फलियां में फोलेट का स्तर बहुत ही अधिक होता है और बीन्स को अपने आहार में शामिल करना आसान है।

अनार

कैंसर रोगियों में अनार के सेवन को अक्सर 'वैकल्पिक कैंसर उपचार' के रूप में जाना जाता है। खनिजों और विटामिनों से भरपूर, अनार एक फल है जो एंटीऑक्सिडेंट और एंथोसायनिन का शक्तिशाली स्रोत है। अनार फेफड़ों के कैंसर के अलावा प्रोस्टेट, ब्रेस्ट, कोलन और स्किन कैंसर से पीड़ित लोगों के लिए भी मददगार है। ऐसे में इसे आहार में शामिल करना आपके फेफड़ों के लिए फायदेमंद हो सकता है।

ब्रोकली

ब्रोकली में फोलेट, फाइटोकेमिकल्स, विटामिन सी, कैरोटेनॉयड्स की मात्रा अधिक होती है, जो फेफड़ों में मौजूद हानिकारक तत्वों से लड़ते हैं। ऐसा माना जाता है कि ब्रोकोली में एल-सल्फोराफेन नामक एक एक्टिव घटक होता है, जो कोशिकाओं को एंटी-इंफ्लेमेटरी जीन पर स्विच करने के लिए प्रेरित करता है, जो रेस्पिरेटरी संबंधित समस्याओं से बचा सकता है।

लहसुन

लहसुन के कई स्वास्थ्य लाभ हैं, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण में से एक निश्चित एंजाइम के उत्पादन से संबंधित है जो लहसुन में फ्लेवोनोइड को उत्तेजित करता है। यह एंजाइम शरीर और फेफड़ों की दक्षता में वृद्धि करने के लिए खुद को विषाक्त पदार्थों और कार्सिनोजेन्स से छुटकारा दिलाता है। इसलिए लहसुन फेफड़ों की रक्षा करने और बचाव करने के लिए बहुत ही लाभकारी है।