दक्षिण भारत में भी साड़ी को अलग-अलग तरीके से रिवाज व परम्परा से पहना जाता है। पूरे भारत में दक्षिण भारत में पहनी जाने वाली साडि़यां काफी प्रसिद्ध हैं और उनका कपड़ा आदि भी काफी अच्छा होता है। तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक और आंध्रप्रदेश में शादी के दौरान दुल्हन को विशेष प्रकार व रंग की साड़ी पहनाई जाती हैं। आइए जानते हैं कि साउथ इंडियन ब्राइडल साड़ियां पहनकर आप अपनी शादी में कैसे दिख सकती हैं ख़ास और पा सकती हैं रॉयल लुक।
केरल साड़ी
केरल में शादी के दौरान दुल्हन को सफेद और गोल्ड कलर की साड़ी पहनाते हैं। यह साड़ी बिल्कुल प्लेन होती है बस गोल्डन बॉर्डर होता है। किसी भी प्रकार की कढ़ाई या जरदोज़ी आदि नहीं होती है।
चेत्तीनाड सिल्क साड़ी यह साड़ी फैशनेबल कलेक्शन में आती है जो डार्क और ब्राइट कलर वाली होती है। लेकिन पहनने के बाद ये काफी सुंदर दिखती हैं।
कोनार्ड मंदिर साड़ी यह साड़ी काफी पुराने समय से चलन में है। यह सिल्क से बनी होती है और इसमें देवी-देवता बने होते हैं। पूरी साड़ी में अधिकतर गोल्ड जरी का काम होता है।
मैसूर सिल्क साड़ी
मैसूर का सिल्क, भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी काफी पसंद किया जाता है। इसमें आने वाली साडियां हल्के रंग की और चौड़े बॉर्डर वाली होती हैं। कर्नाटक में दुल्हनें मैसूर की पारंपरिक सिल्क साड़ी को पहनना ही पसंद करती हैं।
पोचमपल्ली सिल्क साड़ी आंध्र प्रदेश में पोचमपल्ली सिल्क साड़ी का चलन काफी है। यह इकावट बुनाई विधि से बनाई जाती है और बनने के बाद बेहद सुंदर दिखती है। दुल्हनों को अक्सर यही साड़ी, आंध्रप्रदेश में पहनाई जाती है।