Bakrid 2018 : एक हाजी का पहनावा मिटाता है अमीरी और ग़रीबी का फासला

इस समय में मुस्लिम सम्प्रदाय के लिए दोगुणी ख़ुशी हैं। क्योंकि एक तरफ तो बकरीद Bakrid 2018 का त्योंहार और दूसरी तरफ कई लोग हज यात्रा को निकल चुके हैं। जिस तरह बकरीद का त्योंहार बड़े उल्लास और जोश के साथ मनाया जाता हैं। उसी तरह हज यात्रा भी बड़ी आस्था के साथ की जाती हैं। हज यात्रा में मुस्लिम सम्प्रदाय के लोग मक्का-मदीना जाते हैं और काबा जो कि मुस्लिम सम्प्रदाय की सबसे पवित्र मस्जिद में से मानी जाती है वहाँ जाते हैं। क्या आप जानते हैं हाजी अर्थात हज यात्री वहाँ पहुँच कर क्या करते हैं।

हाजी यहां एहरम वस्त्र में आते हैं। इनका पूरा ध्यान आंतरिक शुद्धीकरण पर होता है। महिलाएं मेकअप और इत्र के इस्तेमाल से बचती हैं और लूज़-फ़िटिंग वाले कपड़े पहनती हैं। इनका सिर भी ढका होता है। कपड़े का रंग सफ़ेद होता है और इनमें सिलाई हराम होती है।ऐसा मुसलमानों में समानता के लिए किया जाता है ताकि यहां अमीरी और ग़रीबी का एहसास ना हो। इहरम में सेक्स, बाल काटना और नाखून काटना हराम होता है। हज के दौरान ग़ुस्सा और विवाद भी हराम होता है। हज की शुरुआत मक्का से होती है।कई लोग मक्का से पहले मदीना पहुंचते हैं जहां पैग़ंबर मोहम्मद की मज़ार है और यहीं पर उन्होंने पहली मस्जिद बनाई थी।