सुपरस्टार धर्मेंद्र के निधन के बाद उनके परिवार ने उनका अंतिम संस्कार जल्दी कर दिया। देओल परिवार के इस फैसले को लेकर कुछ लोगों ने सवाल उठाए। अब इस घटना के पीछे की वजह सामने आई है। यूएई के जर्नलिस्ट हमद अल रेयामी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा किया, जिसमें उन्होंने लिखा कि धर्मेंद्र के निधन के बाद उन्होंने हेमा मालिनी से मुलाकात की और बातचीत में उन्हें बताया गया कि आखिर क्यों फैन्स को अंतिम दर्शन का मौका नहीं दिया गया।
पहली बार हेमा से आमने-सामने मुलाकातहमद अल रेयामी ने बताया कि तीसरे दिन की रस्म (अज़ा/श्रद्धांजलि) में वह हेमा मालिनी से मिलने पहुंचे। यह उनकी पहली सीधी मुलाकात थी, जबकि पहले उन्होंने उन्हें कई मौकों पर दूर से देखा था। माहौल बेहद भावुक और भारी था, जिसे महसूस करना और समझना आसान नहीं था।
हेमा की आंखों में छिपा दर्दहमद ने लिखा कि हेमा की आंखों में एक टूटन थी, जिसे वह छुपाने की पूरी कोशिश कर रही थीं। उन्होंने रुक-रुककर कहा, काश मैं उसी दिन फ़ार्महाउस पर होती, जहां मैं दो महीने पहले धर्मेंद्र जी के साथ थी। काश मैं उन्हें वहां देख पाती। उन्होंने यह भी साझा किया कि धर्मेंद्र अपनी कविताओं और लिखी बातें कभी पब्लिश नहीं करना चाहते थे। अक्सर धर्मेंद्र कहते थे, अभी नहीं, कुछ और कविताएं पूरी कर लो। लेकिन वक्त ने उन्हें मौका नहीं दिया।
उनकी लिखी बातें अब कभी सामने नहीं आएंगीहेमा ने कड़वाहट भरे दर्द के साथ कहा, अब तो अजनबी आएंगे… वे उनके बारे में किताबें लिखेंगे, कहानियां बताएंगे… लेकिन उनकी खुद की लिखी बातें कभी दुनिया के सामने नहीं आएंगी। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें अफसोस है कि उनके चाहने वालों को उन्हें आखिरी बार देखने का मौका नहीं मिला।
जल्दबाजी में अंतिम संस्कार की वजह
हेमा ने स्पष्ट किया कि धर्मेंद्र नहीं चाहते थे कि कोई उन्हें कमजोर या बीमार अवस्था में देखे। वे अपना दर्द सबसे छुपाते थे, यहां तक कि अपने सबसे करीबी लोगों से भी। इंसान के जाने के बाद अंतिम फैसला परिवार पर निर्भर करता है। जो हुआ, वह सही था, क्योंकि कोई भी उनकी उस हालत को नहीं देख पाता, उन्होंने कहा। हमद ने लिखा कि हेमा के शब्द बहुत दर्दनाक और सच्चे थे।
हेमा से फोटो की रिक्वेस्टअंत में हमद ने बताया कि उन्होंने हेमा से तस्वीर लेने की अनुमति मांगी। हेमा ने उसी अपनापन और मुस्कान के साथ हामी भरी, जैसा धर्मेंद्र हमेशा करते थे। उन्होंने हमद का स्वागत स्नेह और सादगी के साथ किया।