
बॉलीवुड के दो दिग्गज—आमिर खान और निर्देशक मणिरत्नम—कभी एक साहसी साहित्यिक कहानी पर साथ काम करने वाले थे, लेकिन यह सपना अधूरा रह गया। इस्मत चुगताई की कहानी 'घरवाली' पर आधारित यह प्रोजेक्ट आमिर और मणिरत्नम दोनों के लिए बेहद खास था, लेकिन परिस्थितियों ने इसे संभव नहीं होने दिया।
हाल ही में एक इंटरव्यू में आमिर खान ने खुलासा किया कि उन्होंने मणिरत्नम के साथ 'लज्जो' नाम की एक फिल्म पर काम शुरू किया था, जो इस्मत चुगताई की चर्चित कहानी 'घरवाली' पर आधारित थी। यह कहानी समाज में स्त्री की भूमिका और उसकी यौन इच्छाओं को लेकर साहसिक दृष्टिकोण रखती है। आमिर ने बताया, हम दोनों इस प्रोजेक्ट को लेकर बहुत उत्साहित थे। लेकिन कुछ ऐसी वजहें थीं, जो हम दोनों के नियंत्रण से बाहर थीं, इसलिए यह फिल्म बन नहीं पाई।
भावनात्मक जुड़ाव और अधूरी ख्वाहिशआमिर ने मणिरत्नम के साथ अपने लंबे रिश्ते पर भी बात की। उन्होंने कहा, मैंने उनके घर पर कई बार वक्त बिताया है। हम घंटों साहित्य, सिनेमा और समाज पर चर्चा करते थे। मैं अब भी चाहता हूं कि हम कभी साथ काम करें। यह बयान इस बात का प्रमाण है कि सिनेमा के दो गंभीर कलाकारों का मेल भारतीय फिल्म इतिहास में एक बेमिसाल पल हो सकता था।
कहानी का महत्व'घरवाली' इस्मत चुगताई की सबसे चर्चित कहानियों में से एक है, जो पारंपरिक सामाजिक ढांचे को चुनौती देती है और महिला स्वतंत्रता को केंद्र में रखती है। अगर यह फिल्म बनी होती, तो यह भारतीय सिनेमा में स्त्री-विमर्श पर एक साहसिक और ऐतिहासिक कदम साबित हो सकती थी—खासतौर पर जब इसे मणिरत्नम जैसे संवेदनशील निर्देशक और आमिर खान जैसे जिम्मेदार कलाकार मिलते।
आगामी परियोजनाएंजहां मणिरत्नम की हालिया फिल्म कमल हासन के साथ मिली-जुली प्रतिक्रिया पा रही है, वहीं आमिर खान अपनी अगली फिल्म 'सितारे ज़मीन पर' की रिलीज़ की तैयारी में जुटे हैं। दोनों कलाकारों की कला को लेकर जो गंभीरता है, वह इस अधूरे प्रोजेक्ट को एक मिसाल के रूप में और भी अहम बना देती है।
इस खबर ने सिनेप्रेमियों को उस ‘क्या होता अगर’ के मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है, जहां एक संवेदनशील कहानी, एक प्रभावशाली निर्देशक और एक जिम्मेदार अभिनेता मिलकर भारतीय सिनेमा में कुछ बड़ा और नया रच सकते थे। उम्मीद है कि भविष्य में आमिर और मणिरत्नम की यह अधूरी कहानी फिर से किसी रूप में साकार हो।