इस एक्टर की 16 वर्षीय बेटी ने की आत्महत्या, कोटा में हो रहीं सुसाइड पर कृतिका कामरा ने कही यह बात

मनोरंजन जगत से एक बार फिर दुखभरी खबर सामने आ रही है। साउथ फिल्म इंडस्ट्री के मशहूर एक्टर और म्यूजिक कंपोजर विजय एंटनी की बेटी मीरा ने आत्महत्या कर ली है। वह महज 16 साल की थीं। बताया जा रहा है कि मीरा ने रात करीब 3 बजे के आस-पास सुसाइड किया। इस घटना के बाद विजय का पूरा परिवार सदमे में है। खबरों के अनुसार मीरा तनाव में थी और उसी का इलाज भी ले रही थीं।

विजय के परिवार की ओर से अभी तक कोई स्टेटमेंट सामने नहीं आया है। मीरा किसी मानसिक तनाव का शिकार थीं जिसके चलते ही शायद उसने ऐसा गलत कदम उठाया। मीरा का शव उसके कमरे में लटका मिला। जब विजय उसके कमरे में गए, तो उन्होंने मीरा को बेसुध अवस्था में देखा। चेन्नई के एक प्राइवेट अस्पताल में मीरा को मृत घोषित कर दिया गया।

विजय प्रभु ने मीरा के निधन पर शोक जताते हुए लिखा, “इस शॉकिंग न्यूज के साथ सुबह हुई। विजय एंटनी और उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं। रेस्ट इन पीस मीरा।” आपको बता दें कि 48 वर्षीय विजय एंटनी ने साल 2006 में फातिमा के साथ शादी की थी। उनके अब एक ही बेटी लारा बची हैं। एंटनी ने कई बड़ी फिल्मों में काम किया है। उन्होंने तमिल फिल्मों के लिए कई लोकप्रिय गाने भी लिखे हैं।

कोटा में NEET की तैयारी करने के लिए गई थीं कृतिका

एक्ट्रेस कृतिका कामरा इन दिनों ‘बंबई मेरी जान’ वेब सीरीज में गैंगस्टर के रोल से सुर्खियां बटोर रही हैं। कृतिका पढ़ाई में काफी प्रतिभावान रही हैं। कृतिका ने 12वीं में लगभग 96 परसेंटाइल स्कोर किया था। इसके बाद वह मेडिकल (NEET) की तैयारी के लिए देश की टॉप क्लास एजुकेशन सिटी में से एक कोटा (राजस्थान) गई थीं। कृतिका ने आज तक डॉट इन से बातचीत में वहां के प्रेशर पर बात की। कोटा में इस साल अब तक विभिन्न परीक्षाओं की तैयारी कर रहे 27 छात्र-छात्राओं ने आत्महत्या कर ली है।

कृतिका ने कहा कि कोटा में मेरा एक्स्पीरियंस बहुत कम समय का रहा। वहां एक-डेढ़ महीने के बाद मुझे लगा कि कुछ और करना है। उस दौरान यह अहसास हुआ कि बहुत अकेलापन है। वहां देशभर के अलग-अलग शहरों से बच्चे आते हैं। पहले तो उनका एंट्रेंस एग्जाम होता है, वो जबरदस्त टफ होता है। स्कूल और कॉलेजों में पढ़ाई के अलावा बाकी एक्टिविटीज भी होती है...कम्यूनिटी होती है...एक लाइफ होती है...लेकिन कोटा में लाइफ नहीं है।

आप बस वहां लगातार एग्जाम ही एग्जाम दिए जा रहे हैं, इतना प्रेशर, इतना कंपीटिशन.. वो दुनिया आप पर दबाव बनाए जा रही है। आप उस दुनिया में ही उलझकर रह गए। परिवार से दूर, दोस्तों से दूर.. आपके पास वक्त नहीं होता। कोचिंग सेंटर पर जाकर आप आइसोलेट हो जाते हैं। पैरेंट्स बच्चों को मोटिवेट जरूर करें, लेकिन दबाव न बनाएं।