फेमस एक्ट्रेस और डायरेक्टर तनिष्ठा चटर्जी के ऊपर दुखों का पहाड़ जैसे एक के बाद एक टूटता जा रहा है। कुछ समय पहले उन्होंने अपने प्यारे पिता को एक लंबी बीमारी के चलते खोया था और अब वो एक गंभीर बीमारी, कैंसर की शिकार हो गई हैं। तनिष्ठा को स्टेज 4 ब्रेस्ट कैंसर डिटेक्ट हुआ है। जब तनिष्ठा को इस खतरनाक बीमारी के बारे में पता चला तो वो पूरी तरह से भावनात्मक रूप से टूट गई थीं। उन्होंने अपने कैंसर की स्थिति के बारे में हाल ही में एक दिल छू लेने वाले इंटरव्यू में बताया है। तनिष्ठा ने खासतौर पर इस बात को लेकर चिंता जताई कि उन्हें अपनी 9 साल की मासूम बेटी की परवरिश की सबसे ज्यादा फिक्र है।
तनिष्ठा ने टाईम्स ऑफ इंडिया को दिए एक विशेष और भावनात्मक इंटरव्यू में अपने कैंसर के सफर के बारे में विस्तार से बात की। उन्होंने बताया कि उन्हें अपने कैंसर के बारे में लगभग चार महीने पहले ही जानकारी मिली थी। उन्होंने कहा – “पिछले साल मैंने अपने पिता को इसी जानलेवा बीमारी कैंसर के कारण खो दिया था। मैं अब तक उस गहरे सदमे से उभरने की कोशिश कर ही रही थी कि खुद मेरे साथ ये अकल्पनीय घटना हो गई।”
स्ट्रॉन्ग बनकर थक चुकी हूं, लेकिन हिम्मत नहीं हारी
तनिष्ठा ने कहा – “ऐसा लगता है कि मेरी ज़िंदगी जैसे अचानक बिखर गई है, लेकिन इसके बावजूद मैं पूरी तरह से टूटी नहीं हूं। मैंने इस अनुभव से मानवता, करुणा और लोगों की परवाह का मूल्य समझा है। पहली बार ऐसा हुआ है जब मैं भीतर से इतनी थक चुकी हूं कि और स्ट्रॉन्ग बनने की हिम्मत नहीं बची। पिछले साल मैंने अपने पिता को कैंसर के चलते खोया था। मैं उनके निधन का शोक भी ठीक से नहीं मना पाई थी क्योंकि मुझे अपनी 70 साल की मां और 9 साल की बेटी की देखभाल करनी थी। उनके लिए मुझे हर हाल में खुद को मज़बूत दिखाना पड़ा। लेकिन जिस दिन डॉक्टर ने मुझे बताया कि मुझे स्टेज 4 ब्रेस्ट कैंसर है, उस दिन मेरे होश उड़ गए। मैंने बस यही सोचा – ये मेरे साथ ही क्यों हुआ? क्या ये मेरे ही कर्मों का फल है? मैं उस पल पूरी तरह तबाह हो गई थी।”
बेटी को सुरक्षित भविष्य के लिए भेजा अमेरिका
तनिष्ठा ने आगे बताया कि उन्होंने अपनी बेटी को बेहतर मानसिक स्थिति और सुरक्षित भविष्य के लिए अपनी बहन के पास अमेरिका भेज दिया है। उन्होंने कहा – “वो मुझसे दूर नहीं जाना चाहती थी, बहुत रोई, लेकिन मैं नहीं चाहती थी कि मेरी बीमारी उसका बचपन छीन ले। मैं नहीं चाहती कि वो अकेली और असहाय महसूस करे। मैं चाहती हूं कि उसे यह एहसास हो कि उसके जीवन में मेरे अलावा भी बहुत से लोग हैं जो उससे प्यार करते हैं और उसका ख्याल रख सकते हैं।”