स्वरा भास्कर ने तालिबान से की हिंदुत्व की तुलना, सोशल मीडिया यूजर्स का फूटा गुस्सा, गिरफ्तारी की उठी मांग

स्वरा भास्कर सोशल मीडिया पर अपनी राय बेबाकी से रखती हैं। अब उन्होंने तालिबान पर एक ट्वीट किया है जिस पर सोशल मीडिया पर उन्हें अरेस्ट करने की मांग चल रही है। स्वरा ने हिंदुत्व की तुलना तालिबान से कर दी है, जिसकी वजह से सोशल मीडिया पर #ArrestSwaraBhasker ट्रेंड कर रहा है और स्वरा भास्कर की गिरफ्तारी की मांग उठ रही है। स्वरा भास्कर ने अफगानिस्तान की मौजूदा परिस्थिति को लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखी है। स्वरा ने अफगानिस्तान के मौजूदा हालातों की तुलना भारत से की है। ऐसे में कुछ लोग उनका सोशल मीडिया अकाउंट सस्पेंड करने की मांग कर रहे हैं तो कोई चाहता है कि उनका बायकॉट किया जाए।

स्वरा ने अफगानिस्तान क्राइसिस पर एक ट्वीट में लिखा, 'ऐसा नहीं हो सकता कि हिंदुत्व आतंक से हमें फर्क नहीं पड़ रहा और तालिबान टेरर से एकदम चौंक जाएं और परेशान हो जाएं और हम तालिबान टेरर से बेफिक्र होकर हिंदुत्व आतंक से भी क्रोधित नहीं हो सकते। हमारे मानवीय और नैतिक मूल्य अत्याचार करने वाले या अत्याचार सहने वाले की पहचान पर आधारित नहीं होने चाहिए।'

स्वरा के इस ट्वीट पर सोशल मीडिया पर जबरदस्त गुस्सा दिख रहा है। एक फॉलोअर ने ट्वीट किया है, आपके जैसे इंसानों का वजूद ये सबूत है कि यहां कोई हिंदुत्व टेरर नहीं। हिंदुत्व को किसी स्वरा, मिया खलीफा, मलाला और ग्रेटा से सर्टिफाइड होने की जरूरत नहीं।

एक और ट्वीट में लिखा गया है, स्वरा जी आज में आपको 'हिंदुत्व टेरर' का मतलब से वाकिफ करा दूं ,हिंदुत्व टेरर ये है आप खुलकर हिंदूओं, सनातन को गाली दे सकती हैं, आतंकी बोल सकती हैं और आराम से देश में रह सकती है, लेकिन ऐसा कुछ इस्लाम के बारे मे बोलने पर तालिबान बीच सड़क पर लिटाकर मार कोड़ों के आपकी खाल उधेड़ देते। ऐसे ही कई ट्वीट्स के साथ स्वरा भास्कर की गिरफ्तारी की मांग चल रही है।

एक दूसरे यूजर ने लिखा- #ArrestSwaraBhasker अरे दीदी अगर इतनी दिक्कत है तो वहां चली जा, जहां पर न हिंदू हो और न हिंदुत्व, यहां ‘हिंदुस्तान’ में क्यों झक मार रही हो… उदाहरण के लिए-पाकिस्तान, बांग्लादेश, तुर्की, कुवैत, इराक में शांतिप्रिय लोगों के साथ आनंद लें।

एक यूजर ने लिखा, ‘स्वरा भास्कर आप बिना किसी नतीजे के मेरे धर्म के खिलाफ खुलेआम लिख रही हैं, इसका मतलब है कि हिंदुत्व आतंक नहीं है। अगर यह आतंक होता, तो अगले ही पल आपने अपने खिलाफ ‘सर तन से जुदा’ के पोस्टर दिखे होते।’