हिन्दी फिल्म उद्योग इस वर्ष सितारों का टकराव झेल रहा है। कई ऐसी फिल्मों का प्रदर्शन होने जा रहा है, जहाँ बडे-बड़े सितारे अपने दर्शकों को अपनी ओर खींचते नजर आएंगे। हालांकि इन टकरावों को टालने का प्रयास शुरू कर दिया गया है, जिसका नतीजा अच्छा रहा है। पद्मावत, पैडमैन और अय्यारी ने यह काम कर दिखाया है।
बॉलीवुड के साथ-साथ दक्षिण भारत में भी इन दिनों यही उठा पटक चल रही है। वहाँ के कई सितारों की फिल्में एक ही दिन प्रदर्शित हो रही हैं। इन सितारों में सबसे बड़ा मुकाबला आगामी अप्रैल माह की 27 तारीख को देखने को मिलेगा जब साउथ के तीन सुपर सितारों की फिल्में एक साथ परदे पर प्रदर्शित होंगी। यह फिल्में हैं रजनीकांत, महेश बाबू और अल्लू अर्जुन की। यह तीनों वर्तमान समय में वहाँ की बॉक्स ऑफिस के सरताज हैं।
रजनीकांत की 2.0 पहले 27 अप्रैल को प्रदर्शित होने वाली थी, लेकिन अचानक से 10 फरवरी को रजनीकांत के दामाद अभिनेता धनुष ने ट्विट करके जानकारी दी की रजनीकांत की फिल्म ‘काला’ 27 अप्रैल को सिनेमाघरों में प्रदर्शित होगी। यह एक एक्शन थ्रिलर फिल्म है जिसमें रजनीकांत अण्डरवल्र्ड ‘डॉन’ की भूमिका में हैं। इस फिल्म का निर्देशन पा. रंजीत ने किया है, जिन्होंने रजनीकांत को लेकर दो वर्ष पूर्व ‘कबाली’ बनाई थी।
वहीं दूसरी ओर इसी दिन महेश बाबू की ‘भारत आने नेनु’ का प्रदर्शन होगा। यह राजनीतिक थ्रिलर है जिसमें महेश बाबू मुख्यमंत्री के रूप में दर्शकों के सामने नजर आएंगे। महेश बाबू के साथ ही दक्षिण के एक और सुपर सितारे अल्लू अर्जुन की अगली फिल्म ‘ना पेरू सूर्या’ का प्रदर्शन भी 27 अप्रैल को होने जा रहा है। इस फिल्म को सेना की पृष्ठभूमि में बनाया गया है।
रजनीकांत दक्षिण में सभी सितारों के सरताज हैं। जब रजनीकांत की फिल्म का प्रदर्शन होता है तो अन्य किसी सितारे की फिल्म को वहाँ प्रदर्शित नहीं किया जाता है। वजह वहाँ के सिनेमाघर राउण्ड द क्लॉक रजनीकांत की फिल्म प्रदर्शित करते हैं। वहाँ का दर्शक रजनीकांत की फिल्म के सामने किसी अन्य सितारे की फिल्म देखने नहीं जाता है। यहाँ तक की ग्रामीण इलाकों में भी रजनीकांत को देखना पसन्द किया जाता है।
ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या महेश बाबू और अल्लू अर्जुन अपनी फिल्मों की प्रदर्शन तिथि में कोई बदलाव करेंगे या फिर अपने-अपने करियर में एक फ्लॉप का ठप्पा लगवा पसन्द करेंगे। यह तय है कि रजनीकांत की फिल्म के सामने इन दोनों सितारों की फिल्मों को दर्शक कम मिलेंगे। यह इतने कम होंगे कि उनकी फिल्म अपनी लागत तो छोडिय़े सिनेमाघर का किराया तक नहीं निकाल पाएगी। अब देखना यह है कि इन तीनों में से किसकी फिल्म का प्रदर्शन आगे सरकाया जाता है।