90 के दशक की मशहूर एक्ट्रेस सोनाली बेंद्रे (49) इन दिनों फिर सुर्खियों में है। इसका कारण है उनकी वेब सीरीज ‘द ब्रोकन न्यूज’ का दूसरा सीजन। सोनाली ने 2 साल पहले ‘द ब्रोकन न्यूज’ के साथ डिजिटल डेब्यू किया था। सोनाली शो में पत्रकार अमीना के किरदार में दिख रही हैं। इस बीच सोनाली ने खुलासा किया कि कैसे 90 के दशक में प्रोड्यूसर्स ने उन्हें मोटा होने के लिए कहा और उन्हें बहुत पतली करार दिया गया।
साथ ही फिल्म के लीड स्टार्स को खबरों में रखने के लिए उनके लिंक-अप की अफवाहें उड़ाई जाती थीं। सोनाली ने ‘हाउटरफ्लाई’ के साथ एक इंटरव्यू में बॉडी शेमिंग के मुद्दे पर बात करते हुए कहा कि पहले हर प्रोड्यूसर हर वक्त मुझे मोटा करने की कोशिश कर रहा था। वे मुझसे बस यही कहते थे कि “खाओ, खाओ, खाओ बहुत पतली हो।” वे कर्व्स चाहते थे। उस समय प्रोड्यूसर और डायरेक्टर ऐसी महिलाओं को कास्ट करना चाहते थे जो सुडौल और कामुक हों और जिनके बाल घुंघराले हों लेकिन मैं इन सबके उलट थीं।
सोनाली ने ‘न्यूज 18’ के साथ बात करते हुए कहा कि आजकल कम से कम सितारों से पूछा जाता है कि क्या वो चाहेंगे कि उनके को-स्टार्स के साथ लिंक-अप की अफवाहें उड़ें। हमारे समय के दौरान हमसे पूछा भी नहीं जाता था और वो गॉसिप सिर्फ फिल्म को बढ़ावा देने के लिए होती थी और एक्टर्स के पास कोई ऑप्शन नहीं होता था। उल्लेखनीय है कि सोनाली ने अपने समय के सभी दिग्गज हीरो के साथ काम किया।
‘हीरामंडी : द डायमंड बाजार’ की एक्ट्रेस सोनाक्षी ने सलमान की ये बातें बताईंएक्ट्रेस सोनाक्षी सिन्हा (36) इन दिनों अपनी वेब सीरीज ‘हीरामंडी : द डायमंड बाजार’ को लेकर सुर्खियां बटोर रही हैं। इसमें फैंस को सोनाक्षी का काम पसंद आ रहा है। सोनाक्षी ने साल 2010 में रिलीज हुई फिल्म ‘दबंग’ से डेब्यू किया था। उन्हें सलमान खान ने लॉन्च किया था। अब हाल ही में सोनाक्षी ने सलमान को लेकर पूछे गए सवाल पर अपनी राय दी।
सोनाक्षी ने राज शमानी के यूट्यूब चैनल पर बात करते हुए कहा कि मुझे लगता है सलमान का ऑडियंस से एक कनेक्शन है जिसे वे लोग विशेष रूप से बनाने में सक्षम हैं और इसके लिए बहुत कमिटमेंट की जरूरत होती है। यही मेरे दर्शकों को मुझमें पसंद हैं और यही मेरी ताकत है। यही सलमान ने सालों से किया है इसलिए लोग उन्हें प्यार करते हैं। सलमान बहुत लापरवाह हैं, लेकिन साथ ही कमिटेड भी।
मुझे नहीं पता इसे कैसे समझाऊं, लेकिन मैंने उन्हें देखा है और उन्हें छोटी चीजों से फर्क नहीं पड़ता। वे वही करते हैं जो उन्हें फील होता है। जैसे वे साइकिल से काम के लिए जाएंगे अगर उनका मन हुआ तो। कभी भी आएं जब मन हो। जब मन हो तब खाते हैं। एक बार वह सेट पर होंगे तो जाएंगे नहीं। जब तक उनका काम नहीं होता, वह नहीं जाते हैं।