
'कांटा लगा' फेम एक्ट्रेस शेफाली जरीवाला के निधन की खबर ने पूरे देश को गहरे शोक में डाल दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक बीती रात उन्हें कार्डियक अरेस्ट आया, जिससे उनकी अचानक मौत हो गई। मनोरंजन जगत के कई बड़े चेहरों ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। शेफाली के यूं अचानक दुनिया को अलविदा कहने से इंडस्ट्री में सन्नाटा-सा छा गया है।
लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि इस चमकदार मुस्कान के पीछे एक ऐसा दर्द छुपा था, जिसे उन्होंने सालों तक मौन रहकर सहा और हराया। शेफाली बचपन से ही एक गंभीर बीमारी से जूझ रही थीं। उन्होंने खुद एक इंटरव्यू में अपनी इस बीमारी के बारे में खुलकर बात की थी और समाज को जागरूक करने की कोशिश की थी।
शेफाली को मिर्गी की बीमारी ने घेरा हुआ थाशेफाली ने बताया था कि उन्हें मिर्गी (Epilepsy) के दौरे पड़ते थे। इस बारे में उन्होंने ईटाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में बड़ी ईमानदारी और भावुकता से अपनी कहानी साझा की थी। उन्होंने कहा, “मुझे 15 साल की उम्र में मिर्गी का पहला दौरा पड़ा था। उस समय मेरे ऊपर पढ़ाई का दबाव बहुत था। मैं हमेशा बेहतर करने की कोशिश करती थी, लेकिन तनाव और चिंता ने मुझ पर हावी होना शुरू कर दिया।
उन्होंने आगे बताया था कि तनाव और मानसिक दबाव से मिर्गी के दौरे और बढ़ सकते हैं। यह सब आपस में गहराई से जुड़ा होता है—कभी डिप्रेशन से दौरा पड़ता है, तो कभी दौरे के कारण डिप्रेशन हो जाता है।
शेफाली ने साझा किया कि उन्हें स्कूल की क्लास में, सड़क पर चलते वक्त, यहां तक कि दोस्तों के बीच भी अचानक दौरे आने लगते थे। इससे उनका आत्मविश्वास धीरे-धीरे बिखरने लगा। हर बार जब वो गिरती थीं, तब सिर्फ शरीर नहीं, बल्कि उनके सपने और भरोसा भी गिरते थे।
15 साल लंबी लड़ाई: परिवार बना ताकतशेफाली ने इस बीमारी के बारे में कई सालों तक किसी से बात नहीं की। उस दौर में इस तरह की बीमारियों पर चुप्पी साध लेना ही सामान्य समझा जाता था। उन्होंने बताया कि इसी कारण वो ज्यादा फिल्मों और म्यूजिक वीडियोज़ में नजर नहीं आ पाईं।
“अब मैं इस बीमारी के बारे में बात कर सकती हूं, लेकिन पहले इसके बारे में बोल पाना मेरे लिए बेहद कठिन था।”
उन्होंने कहा कि यह एक भीतर की जंग थी, जिसे उन्होंने पूरे 15 साल तक लड़ा। इस सफर में उनका परिवार उनका सबसे बड़ा सहारा बना। मां-बाप और जीवनसाथी पराग त्यागी की मदद से उन्होंने खुद को संभाला और धीरे-धीरे इस बीमारी से बाहर निकलीं।
शेफाली ने यह भी बताया कि दवाओं और समय के साथ-साथ, प्यार और समर्थन ने उन्हें वो हिम्मत दी, जिससे उन्होंने मिर्गी को हराया।
आज शेफाली हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी जिंदगी की यह जंग, उनका साहस और उनका मुस्कुराता चेहरा हमें हमेशा याद रहेगा। उन्होंने दिखाया कि असली ताकत सिर्फ स्क्रीन पर नहीं, ज़िंदगी की कठिन परिस्थितियों में डटे रहने से आती है।