विगत आठ वर्षों से सलमान खान बॉलीवुड के 'सुल्तान' बने हुए हैं, लेकिन उन्हें इस बात की शिकायत है कि वे कभी-भी आमिर खान से आगे नहीं निकल पाए हैं। ऐसा नहीं है कि सलमान खान भाव व्यक्त करने में अक्षम हैं लेकिन उनकी फिल्मों को वो सफलता नहीं मिलती, जो आमिर खान की फिल्मों को मिलती है। आमिर खान की फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर हमेशा सलमान खान की फिल्मों से ज्यादा कमाई की है।
इसका ताजा उदाहरण उनकी इस वर्ष प्रदर्शित हुई फिल्म 'सीक्रेट सुपरस्टार' है, जिसने बॉक्स ऑफिस पर 80 करोड से ज्यादा का कारोबार करने में सफलता प्राप्त कर ली है। आमिर खान ने इस फिल्म को 50 करोड़ (प्रिंट व प्रचार सहित) की लागत से बनाया था, जिसके हिसाब से यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सुपर हिट हो चुकी है। वहीं दूसरी तरफ सलमान खान की 'ट्यूबलाइट' बॉक्स ऑफिस पर 122 करोड़ का कारोबार करने के बावजूद अपनी लागत निकालने में असफल रही। कहा तो यहाँ तक गया कि कुछ वितरण क्षेत्रों में वितरकों को हुए नुकसान के कारण उन्हें राशि वापस दी गई। आमिर खान मेहमान भूमिका में आकर भी दर्शकों को अपनी ओर खींच ले गए वहीं सलमान खान पूरी फिल्म में होने के बावजूद यह कमाल नहीं कर सके। दोनों सितारे अपनी हर फिल्म में जी जान लगाते हैं। दर्शक दोनों की फिल्मों को हाथों-हाथ लेता है। इसके बावजूद सलमान पीछे रह जाते हैं।
'ट्यूबलाइट' के बाद सलमान खान रेमो डिसूजा के निर्देशन में एक नृत्य आधारित फिल्म करने जा रहे थे, जिसमें वे 14 वर्षीय बच्ची के पिता की भूमिका अभिनीत करते। 'ट्यूबलाइट' की असफलता के बाद उन्होंने स्वयं पर प्रयोग करने का इरादा छोड़ दिया और पुन: अपनी 'माचो मैन' की छवि में कैद हो गए। उनकी आने वाली सभी फिल्मों — टाइगर जिन्दा है, रेस-3, दबंग-3, भारत—ऐसी फिल्में हैं जिनमें वे जबरदस्त एक्शन करते नजर आएंगे। इन सभी फिल्मों का कथानक व प्रस्तुतीकरण सलमान खान को 'सुपरमैन' की तरह पेश करता है।
कबीर खान ने सलमान खान को 'ट्यूबलाइट' में जो अवसर दिया, वह 'बजरंगी भाईजान' का दूसरा रूप था। उन्हें उम्मीद थी दर्शक जब 'बजरंगी' में सलमान को पसन्द कर सकते हैं तो 'ट्यूबलाइट' में भी करेंगे। परन्तु ऐसा न हो सका। दर्शकों ने सलमान खान की फिल्म को सिर से नकार दिया। इस फिल्म की असफलता में सबसे बड़ा हाथ पटकथा और निर्देशन का रहा। कबीर खान सलमान के हैंग ओवर से स्वयं को आजाद नहीं कर पाए। उन्हें सलमान को लेकर अति विश्वास था, जिसने उन्हें और साथ ही सलमान खान को असफल बनाया।
सलमान खान को अब अपनी उम्र और लोकप्रियता के अनुसार अपने लिए भूमिकाएँ लिखवानी चाहिए। कुछ ऐसे पात्रों को उन्हें गढऩा होगा जो उन्हें आमिर खान के समकक्ष स्थापित कर सकें। आमिर ने 'लगान' से स्वयं को बदला जो बदस्तूर जारी है। आज आमिर 'लगान' से पहले के आमिर से कहीं ज्यादा विश्वसनीय नजर आते हैं। उन्होंने स्वयं को विविध भूमिकाओं में पेश करने का जोखिम उठाया और सफलता पाई। सलमान खान को भी कुछ ऐसा ही कदम उठाना चाहिए। उन्हें असफलता से निराश नहीं होना चाहिए। उन्हें स्वयं को आमिर खान की तरह बेचने का हुनर सीखना चाहिए।