2 News : इटली से लौटे रणबीर-आलिया ने खरीदी करोड़ों की कार, इस एक्टर ने साधा पंकज त्रिपाठी पर निशाना

एक्टर रणबीर कपूर और एक्ट्रेस आलिया भट्ट इटली में आयोजित अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट के प्री वेडिंग फंक्शन से हाल ही भारत लौटे हैं। उनके फैंस के लिए खुशखबरी है कि उन्होंने एक शानदार लग्जरी कार खरीदी है। यह कार लेक्सस LM 350 एच है। सूत्रों की मानें तो इस कार की शुरुआती कीमत 2 से 3 करोड़ रुपए है। यह एक हाइब्रिड इलेक्ट्रिक कार है और इसका इंटीरियर भी बेहतरीन है।

इटली से मुंबई एयरपोर्ट पहुंचने के बाद आलिया-रणबीर इसी कार से अपने घर ‘वास्तु’ पहुंचे थे। बता दें कि कपल महंगी और लग्जरी कारों का शौकीन है। मीडिया रिपोर्ट्स के हिसाब से दो महीने पहले ही उन्होंने एक और महंगी कार खरीदी थी जिसकी कीमत 7 से 8 करोड़ रुपए बताई जा रही है। उल्लेखनीय है कि आलिया और रणबीर दोनों के लिए ही पिछला साल शानदार रहा था। आलिया की फिल्म ‘रॉकी और रानी की प्रेम कहानी’ हिट रही थी। इसमें उनके साथ रणवीर सिंह थे।

इसके अलावा आलिया को ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ के लिए बेस्ट एक्ट्रेस का नेशनल फिल्मफेयर अवार्ड भी मिला था। दूसरी ओर, रणबीर ने अपने करिअर की सबसे सफलतम फिल्म ‘एनिमल’ में अपने अभिनय से सबका दिल जीत लिया। फिल्म ने देश-विदेश में कमाई के रिकॉर्ड तोड़ डाले। माना जा रहा है कि इन्हीं सफलताओं से गदगद आलिया-रणबीर एक के बाद एक कार खरीद रहे हैं। साथ ही वे अपनी प्यारी सी बेटी राहा कपूर को भी सारी खुशियां देना चाहते हैं।

‘पंचायत’ फेम एक्टर पंकज झा ने पंकज त्रिपाठी और अनुराग कश्यप पर कसा तंज

'पंचायत' वेब सीरीज के ‘विधायक जी’ यानी एक्टर पंकज झा ने हाल ही मझे हुए कलाकार पंकज त्रिपाठी पर तंज कसा था। अब एक बार फिर झा ने कहा कि कुछ अभिनेताओं को दूसरे एक्टर्स के रोल चुराने के संघर्ष को ग्लैमराइज करने में मजा आता है। दरअसल कथित तौर पर झा फिल्ममेकर अनुराग कश्यप की फिल्म 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' में ‘सुल्तान कुरैशी’ की भूमिका के लिए पहली पसंद थे।

वे इससे पहले अनुराग के साथ 'ब्लैक फ्राइडे' और 'गुलाल' जैसी फिल्मों में काम कर चुके थे। हालांकि झा की यह भूमिका आखिर में पंकज त्रिपाठी के पास चली गई, जिससे उनका बॉलीवुड करिअर आगे बढ़ा। झा ने हाल ही में डिजिटल कमेंट्री को दिए इंटरव्यू में कहा कि मुझे मेरी पीठ पीछे होने वाली राजनीति की परवाह नहीं है। ऐसा करने वाला तभी जीतता है, जब इससे मुझे नुकसान हो। जो लोग पीठ पीछे राजनीति करते हैं, वे आम तौर पर कायर होते हैं, है ना? वर्ना, वे आगे आ गए होते।

‘सत्या’ और ‘गुलाल’ जैसी फिल्में जहां अभिनेता बनाती हैं, वहीं निर्देशक भी बनाती हैं लेकिन यहां इतने डरपोक और बिना रीढ़ के लोग हैं कि वे अपनी बात भी नहीं रख पाते। बाद में मुझे पता चला कि डायरेक्टर खुद बुरी स्थिति में थे, उन्हें कोई काम नहीं मिल रहा था और वे इस प्रोजेक्ट पर 36 अलग-अलग काम कर रहे थे।