
मशहूर एक्टर मुकुल देव ने 23 मई को 54 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया था। उनके निधन की खबर ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया था। कहा गया कि मुकुल डिप्रेशन में थे लेकिन अब उनके बड़े भाई अभिनेता राहुल देव (56) ने उनकी मौत की असल वजह बताई है। राहुल ने 'टाइम्स ऑफ इंडिया' के साथ बातचीत में कहा कि मुकुल साढ़े 8 दिन आईसीयू में रहा। मेडिकली ये उसकी खराब खान-पान की आदतों का नतीजा था। उसने मौत से 4-5 दिन पहले से ही पूरी तरह से खाना-पीना बंद कर दिया था। हां, वह अकेलापन महसूस करता था और उसकी जीने की इच्छा खत्म हो गई थी।
उसने कई काम के ऑफर भी ठुकरा दिए थे। अब सारी रस्में पूरी करने के बाद सच्चाई का एहसास हो रहा है। मुझे पता है दर्द और गहरा होगा। मुकुल की मानसिक हालत के बारे में चल रही अफवाहों पर भी राहुल ने बात की और उनके डिप्रेशन में होने की अफवाहों को पूरी तरह खारिज कर दिया। राहुल ने कहा कि जो लोग यह कह रहे हैं कि मुकुल कि मेंटल हेल्थ ठीक नहीं थी और वे डिप्रेशन में थे, वे उसके संपर्क तक में नहीं थे। जो लोग कहते हैं कि वो फिट नहीं था, उसने हाफ मैराथन दौड़ लगाई थी। हां, उसका वजन जरूर बढ़ गया था।
जब कोई खुद की परवाह नहीं करता तो ये पता चलने लगता है। साल 2019 और 2024 के बीच वास्तव में उसके संपर्क में कौन था? क्या वो लोग उससे मिलने गए, जब वो अस्पताल में था या उसकी प्रेयर मीट में शामिल हुए? मुकुल साल 2019 में अपने पिता की देखभाल के चलते दिल्ली चले गए थे, जिनका उसी साल निधन हो गया। वहीं उनकी मां ने साल 2023 में दुनिया से विदाई ले ली थी। राहुल ने बताया कि मुकुल एकांतप्रिय हो गए थे और अपना समय लिखने में बिताने लगे थे। मुकुल बेटी को बहुत याद करते थे, उनके लिए अकेले रहना मुश्किल होता जा रहा था। मुकुल ‘दस्तक’, ‘जोश’ 'सन ऑफ सरदार', 'यमला पगला दीवाना', 'वजूद' और 'जय हो' जैसी फिल्मों में नजर आए थे। उन्होंने कई टीवी सीरियल्स में भी काम किया।
राजीव खंडेलवाल ने कहा, मैंने कभी किसी को जिंदगी बनाने या बिगाड़ने की ताकत नहीं दीमशहूर एक्टर राजीव खंडेलवाल ने अपने करिअर को लेकर खुलकर बात की। साथ ही ये भी बताया कि वो कास्टिंग काउच का शिकार हुए थे। राजीव ने जूम को दिए इंटरव्यू में बताया कि जब वो कास्टिंग काउच का शिकार हुए थे तो उन्होंने समझौता करने से इनकार कर दिया था जिसकी वजह से उनके हाथ से एक बड़ा ऑफर निकल गया था। राजीव ने कहा कि जब ऐसा हुआ तो मैंने सीधे उस व्यक्ति से कहा-'सॉरी सर, मेरे से नहीं मिलेगा आपको, मेरे दिमाग में, मैंने सोचा क्या ये व्यक्ति मेरी किस्मत का फैसला करेगा? नहीं, मैं अपनी किस्मत खुद लिखता हूं।
सिर्फ इसलिए कि कोई मेरी जर्नी में मेरा साथ देने से मना करता है। इसका मतलब ये नहीं है कि मेरा सफर आगे नहीं बढ़ेगा। मैंने कभी किसी को अपनी जिंदगी बनाने या बिगाड़ने की ताकत नहीं दी। ये दोनों ही कठिन और आसान है लेकिन ये आपको जानना और पहचानना है कि आप किन मूल्यों के लिए खड़े हैं। मुझे पता था कि मैं वो इंसान नहीं हूं जो सिर्फ सीढ़ी चढ़ने के लिए समझौता करेगा।
मुझे महल नहीं चाहिए था। बस ये था कि हर छोटी सी चीज को ईमानदारी से कमाऊं। बता दें राजीव ने अपना करिअर टीवी से शुरू किया था। इसके बाद उन्होंने फिल्मों और वेब सीरीज में कदम रखा। राजीव को आखिरी बार आदित्य सरपोतदार द्वारा निर्देशित एक मिस्ट्री थ्रिलर सीरीज में देखा गया, जिसमें साईं ताम्हणकर भी लीड रोल में थीं।