फिल्म 'पद्मावती' की रिलीज को भारत में हालांकि स्थगित कर दिया गया है, लेकिन ब्रिटिश बोर्ड ऑफ फिल्म क्लासिफिकेशन (बीबीएफसी) ने फिल्म को मंजूरी दे दी है। विवादों में घिरी यह फिल्म ब्रिटेन में एक दिसंबर को रिलीज होगी।
लेकिन, एक याचिकाकर्ता ने अदालत से कहा कि 'अगर देश से बाहर फिल्म को रिलीज किया गया तो इससे समाजिक सौहार्द को गंभीर नुकसान पहुंचेगा।'
इस पर सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को कहा कि वह संजय लीला भंसाली के निर्देशन में बनी फिल्म 'पद्मावती' के देश से बाहर रिलीज पर रोक लगाने संबंधी याचिका की सुनवाई 28 नवंबर को करेगा। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ की पीठ ने एक याचिकाकर्ता द्वारा फिल्म को विदेश में रिलीज नहीं करने देने की याचिका पर सुनवाई करने का फैसला किया।
वकील एम.एल. शर्मा ने तत्काल सुनवाई के लिए पीठ के समक्ष यह याचिका रखी थी। अदालत इस मामले की सुनवाई मंगलवार को करेगी।
शर्मा ने फिल्म के निर्माताओं के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की। उन्होंने कहा कि फिल्म निर्माताओं ने यह कहकर तथ्यों के साथ छेड़छाड़ की है कि फिल्म के गाने और प्रोमो को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने हरी झंडी दिखा दी है।
इससे पहले अदालत ने इस फिल्म के संबंध में शर्मा की याचिका को खारिज कर दिया था और कहा था कि सीबीएफसी को अभी भी इस फिल्म को लेकर निर्णय लेना है और इसमें हस्तक्षेप 'मामले की पहले जांच' करने के बराबर होगा।
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि सीबीएफसी एक वैधानिक संस्था है और न्यायालय उसे फिल्म सर्टिफिकेशन को लेकर निर्देश नहीं दे सकता।
शर्मा ने उस समय यह कहते हुए फिल्म की रिलीज को रोकने और आपत्तिजनक दृश्यों को हटाने व भंसाली के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग कि थी कि इसमें रानी पद्मावती को एक 'नृत्यांगना' के तौर पर दिखाया गया है।
वही भारत में गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने भी बुधवार को घोषित किया कि उनकी सरकार संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' को राज्य में रिलीज करने की इजाजत नहीं देगी। गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए प्रथम चरण का मतदान नौ दिसंबर को होना है। उन्होंने कहा, "क्षत्रीय और राजपूत समुदायों में इतिहास के कुछ विशिष्ट चित्रण को लेकर बहुत संवेदनशीलता है। हम उनकी भावनाओं का सम्मान करते हैं और चुनाव के मद्देनजर राज्य सरकार कोई विवाद नहीं चाहती है।"
इससे पहले, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि फिल्म में राजपूत रानी पद्मावती के बारे में 'तथ्यों के साथ छेड़छाड़' की गई है, इसलिए राज्य में इस फिल्म को रिलीज करने की इजाजत नहीं दी जाएगी, भले ही इसे सेंसर बोर्ड पास कर दे।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पद्मावती फिल्म को लेकर हो रहे विवाद के लिए इसके निर्माता संजय लीला भंसाली को समान रूप से दोषी ठहराते हुए कहा कि भंसाली को जनभावनाओं से खेलने की आदत हो गयी हैं।
राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का कहना है कि पद्मावती फिल्म में आवश्यक बदलाव किये बगैर उसे प्रदेश में रिलीज करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
वही दूसरी तरफ़ अभिनेता-राजनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने फिल्म 'पद्मावती' के विवाद पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमिताभ बच्चन की चुप्पी पर सवाल उठाया है। शत्रुघन ने बुधवार को ट्वीट किया, "चूंकि पद्मावती एक ज्वलंत मुद्दा बन गया है, लोग पूछ रहे हैं कि महान अभिनेता अमिताभ बच्चन, सबसे बहुमुखी अभिनेता आमिर खान और सबसे लोकप्रिय अभिनेता शाहरुख खान की इस पर कोई टिप्पणी क्यों नहीं आई है। और हमारे सूचना प्रसारण मंत्री और हमारे सबसे लोकप्रिय माननीय प्रधानमंत्री इस पर चुप्पी क्यों साधे हुए हैं।"
फिल्म पहले 1 दिसंबर को रिलीज होने वाली थी, जिसे स्थगित कर दिया गया है क्योंकि फिल्म निर्माताओं को अभी तक सेंसर बोर्ड से प्रमाण पत्र नहीं मिला है।