जब परेश रावल ने खोया आपा — दर्शक को जड़ा थप्पड़, एक शख्स के सिर पर पत्थर से किया हमला!

फिल्म जगत के दिग्गज अभिनेता परेश रावल, जो अपनी बेहतरीन कॉमिक टाइमिंग और दमदार अभिनय के लिए जाने जाते हैं, हाल ही में अपनी नई फिल्म ‘द ताज स्टोरी’ के प्रमोशन के दौरान सुर्खियों में हैं। अभिनय की दुनिया में जितना संयम और प्रोफेशनलिज्म उन्होंने दिखाया है, उतने ही दिलचस्प उनके जीवन के किस्से भी हैं। हाल ही में दिए एक पॉडकास्ट इंटरव्यू में परेश ने अपने गुस्से और निजी अनुभवों से जुड़े कुछ चौंकाने वाले खुलासे किए।

थिएटर के दौरान दर्शक को मारा थप्पड़

राज शमनी के पॉडकास्ट में बातचीत के दौरान परेश रावल ने बताया कि उनके जीवन में एक वक्त ऐसा भी आया जब उन्होंने मंच पर खुद पर काबू खो दिया था। उन्होंने कहा — “मैं खुद को रोक नहीं पाया। एक व्यक्ति लगातार अभद्र टिप्पणियाँ कर रहा था। आखिरकार मैं वहीं गया और उसे थप्पड़ जड़ दिया।” परेश के मुताबिक, यह घटना एक नाट्य प्रदर्शन के दौरान हुई थी, जिससे पूरा हॉल हिल गया। थिएटर मालिकों ने उस समय नाराजगी जताई और यहां तक कह दिया कि अब परेश को दोबारा उस जगह परफॉर्म करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।उन्होंने आगे कहा — “मैंने सिर्फ 3-4 बार वार किया था। लेकिन भीड़ में था, इसलिए उल्टा असर भी हो सकता था। फिर भी मुझे लगा मैंने सही किया, क्योंकि उस व्यक्ति को कोई पछतावा नहीं था।”

जब पत्थर से किया हमला

परेश रावल ने इंटरव्यू में अपने गुस्से से जुड़ी एक और घटना साझा की, जो शायद उनसे आज भी जुड़ी रहती है। उन्होंने बताया कि एक बार उन्होंने गुस्से में आकर एक व्यक्ति के सिर पर पत्थर मार दिया था। उन्होंने कहा — “मुझे इसका बहुत पछतावा हुआ। बाद में मैं उसके घर गया और माफी मांगी। हम अच्छे दोस्त नहीं बने, लेकिन दोस्त जरूर बन गए।” परेश ने आगे कहा कि हर इंसान चोट पर अलग प्रतिक्रिया देता है — “कभी मैं विनम्र हो जाता हूं, कभी उदास, और कभी बहुत आक्रामक। गुस्सा एक पल में आपको बदल सकता है।”

पिता से मिली शॉर्ट टेंपरमेंट की विरासत

बातचीत के दौरान परेश ने यह भी स्वीकार किया कि गुस्सा उन्हें विरासत में मिला है। उनके पिता भी बेहद शॉर्ट-टेंपर्ड व्यक्ति थे। उन्होंने कहा — “गुस्सा तब आता है जब चीजें आपके मनमुताबिक नहीं होतीं। यह अनिश्चितता या खुद को साबित करने की चाह से भी उपजता है। आजकल तो गुस्सा और आहत होना जैसे एक ट्रेंड बन गया है। लोगों को लगता है ये उनका अधिकार है, हालांकि कुछ के पास इसके पीछे सच्चे कारण भी होते हैं।”

अनुभव से सीखा सबक


इन घटनाओं के बावजूद परेश रावल मानते हैं कि समय के साथ उन्होंने गुस्से पर नियंत्रण पाना सीख लिया है। जीवन के इन अनुभवों ने उन्हें और परिपक्व बनाया है। उन्होंने मुस्कराते हुए कहा — “अब मैं कोशिश करता हूं कि किसी स्थिति में अपनी शांति न खोऊं। आखिरकार, गुस्सा इंसान को पलभर में छोटा बना देता है।”