इस वजह से नहीं बन सकता ‘मिस्टर इंडिया’ का सीक्वल, महिला प्रधान फिल्मों से दूर रहने की मिलती थी नसीहत: अनिल कपूर

बॉलीवुड में ‘झकास’ के नाम से ख्यात अभिनेता अनिल कपूर को लेकर पिछले दिनों चर्चा चल रही थी कि वे अपनी सुपर हिट फिल्म ‘मिस्टर इंडिया’ का सीक्वल बनाने जा रहे हैं। इन समाचारों को शेखर कपूर की सोशल मीडिया पर पोस्ट ने भी खासी हवा दी थी। फिल्ममेकर शेखर कपूर ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर अनिल कपूर के साथ काम करने की बात कही थी और लोगों को फिल्म ‘मि. इंडिया 2’ बनाने का हिंट दिया था। इसके बाद खबरें आने लगी की अनिल कपूर फिल्म मि. इंडिया के सीक्वल में दिखाई देंगे। लेकिन अनिल कपूर ने इस खबर को खारिज किया है। अनिल कपूर ने कहा कि शेखर कपूर के साथ उनकी बातचीत और विषयों पर हुई थी, मिस्टर इंडिया के सीक्वल या रीमेक को लेकर नहीं।

अनिल कपूर इन दिनों अनीस बज्मी के निर्देशन में बन रही फिल्म ‘पागलपंती’ की शूटिंग में व्यस्त है। इसके अतिरिक्त वह आने वाले समय में करण जौहर के निर्देशन में बनने जा रही मुगल काल आधारित पीरियड ड्राम फिल्म ‘तख्त’ में नजर आएंगे जिसमें वे मुगल सम्राट शाहजहाँ के रूप में दिखायी देंगे। इसके अतिरिक्त वे मोहित सूरी की ‘मलंग’ के साथ ही ओलंपिक में निशानेबाजी में स्वर्ण पदक जीतने वाले अभिनव बिंद्रा की बायोपिक में दिखाई देंगे। अनिल कपूर पिछले महीनों में फिल्म ‘टोटल धमाल’ और ‘एक लडक़ी को देखा तो ऐसा लगा’ में दिखाई दिए थे।

मिस्टर इंडिया के सीक्वल के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि मिस्टर इंडिया को शानदार बनाने में तीन एक्टर्स का सबसे बड़ा हाथ है जिसमें उनके अतिरिक्त श्रीदेवी और अमरीश पुरी जैसे कलाकार शामिल हैं ऐसे में अगर दो कलाकार इस दुनिया में नहीं है तो सीक्वल बनाना असंभव है क्योंकि दोबारा परदे पर वो जादू चला पाना बहुत ही मुश्किल है। इसके साथ ही अनिल कपूर ने अपने करिअर के शुरूआती दौर की एक बात साझा की जिसमें उन्होंने कहा कि उन्हें उस वक्त यह सलाह दी जाती थी कि महिला प्रधान फिल्मों में वे काम न करें। अनिल कपूर ने महिला प्रधान फिल्मों में बड़े एक्टर के काम करने पर कहा कि महिला प्रधान प्रोजेक्ट में एक बड़े स्टार को कास्ट करना हमेशा ही मुश्किल होता है। फिल्म बेटा, जुदाई, घर हो तो ऐसा और लाडला जैसी महिला प्रधान फिल्मों में काम करने वाले अनिल कपूर ने कहा कि उन्हें फिल्म उद्योग के लोगों ने कई बार कहा कि महिलाओं के बराबर या कम अच्छे केरेक्टर वाली फिल्मों में काम नहीं करना चाहिए।